नई दिल्ली। जिस तरह से तीन तलाक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इसे रोकने के लिए लोकसभा में बिल को पास किया गया है उसके बाद अब मुस्लिम महिलाएं चार शादी के खिलाफअपनी आवाज बुलंद करने लगी हैं। मुस्लिम महिलाओं की यह मांग ठीक एक दिन बाद आई है जब तीन तलाक के खिलाफ बिल को लोकसभा में पास किया गया है। जिन महिलाओं ने तीन तलाक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपनी आवाज को बुलंद किया था उन्होंने कहा कि यह एक नए युग की शुरुआत है और यह महिलाओं के लिए तीन तलाक के खिलाफ मजबूत हथियार साबित होगा। महिलाओं का कहना है कि नए कानून में पुरुषों के एक से अधिक निकाह करने पर भी रोक लगानी चाहिए थी, उनका कहना है कि यह तीन तलाक से भी बुरा है।महिला वकील फराह फैज, रिजवाना, रजिया जिन्होने तीन तलाक व एक से अधिक शादी के खिलाफ खुलकर आवाज उठाई, उनका कहना है कि यह एक अच्छी शुरुआत है और ऐसा एनडीए सरकार की मदद से ही संभव हो सका है। कुछ इसी तरह की स्थिति 1985 में भी सामने आई थी जब शाह बानो का मामला सामने आया था, लेकिन उस वक्त केंद्र सरकार विफल रही थी। 'शुरुआत हो चुकी है, फैज ने कहा कि एक नई शुरुआत हो चुकी है जोकि मु