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ड्राइवर तो बना दिया, लेकिन चलती ट्रेन में शौच लगे तो महिला ड्राइवर जाएं कहां?



भोपाल. रेलवे धड़ाधड़ महिला सहायक लोको पायलट और लोको पायलट भर्ती कर रहा है, लेकिन ट्रेन चलाने के दौरान आने वाली परेशानियों पर उसका कोई ध्यान नही है। भारतीय रेल में ड्राइवर के लिए चलती ट्रेन में शौच करने की कोई सुविधा नही है। एेसे में खासकर महिला ड्राइवर को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कई बार तो स्थिति यह बनती है कि महिला ड्राइवर कई घंटे तक शौचालय के लिए तरसती हैं। बार-बार शिकायत किए जाने के बावजूद रेलवे इस ओर संज्ञान नही ले रहा। इसके अलावा महिलाओं के रनिंग रूम, चेंजिंग रूम भी नही बनाए गए, जिससे उनकी सुरक्षा को लेकर खतरा रहता है।
राजधानी में सोमवार को भोपाल रेलवे स्टेशन के पास रेलवे संस्थान में आयोजित वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्प्लाइज यूनियन (वेसेरेएयू ) के 15वें जोनल अधिवेशन के पहले दिन महिला सम्मेलन में ये समस्याएं सामने आईं। अधिवेशन में भोपाल, जबलपुर और कोटा मंडल के प्रतिनिधि शामिल हुए। अधिवेशन के दौरान रेलवे कर्मचारियों की एेसी ही तमाम समस्याओं और मांगों का ज्ञापन तैयार कर पमरे के महाप्रबंधक गिरीश पिल्लई को सौंपा गया। भोपाल रेल मंडल के डीआरएम शोभन चौधरी भी शामिल हुए।
'ट्रैक और कर्मचारी ही नही, धड़ाधड़ चला रहे ट्रेन, कैसे होगी सुरक्षा,
इस दौरान एक खुला सत्र रखा गया, जिसमें रेलवे के ज्वलंत मुद्दों न्यू पेंशन स्कीम, ठेकेदारी प्रथा का पुरजोर विरोध, रेल कर्मचारियों की सुविधाओं में कटौती आदि को रखा गया। इस दौरान एआईआरएफ के अध्यक्ष रखालदास गुप्ता, महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा, डब्ल्यूसीआरईयू के अध्यक्ष रवि जायसवाल, महामंत्री मुकेश गालव, मंडल अध्यक्ष टीके गौतम, मंडल सचिव फिलिम ओमान आदि शामिल रहे।
अधिवेशन में शामिल होने आए ऑल इंडिया रेलवे फेडरेशन के अध्यक्ष रखालदास गुप्ता और महामंत्री शिव गोपाल मिश्रा ने एक पत्रकारवार्ता में बताया कि सेफ्टी कैटेगिरी के 1.5 लाख पद खाली हैं। 75 हजार ट्रैकमैन के पद देश भर में खाली हैं, रेलवे हर साल ट्रेने चला देता है, लेकिन नए ट्रैक नही बिछाए जाते। एेसे में ट्रेनें कैसे सुरक्षित रहेंगी। और कैसे समय का प्रबंधन होगा। उन्होंने कहा कि नए रेल विस्तार से ज्यादा रेलवे को सुरक्षा पर ध्यान देना होगा। फेडरेशन के दोनो नेताओं ने कहा रेलवे निजीकरण की ओर बढ़ रहा है, लेकिन केंद्र में बीजेपी की सरकार आने के बाद इसमें तेजी आई है। देश भर के ४०० स्टेशनों को पीपीपी मोड पर देना इसी का एक प्रमाण है।
हबीबगंज से बीना तक ट्रैक का भी किया निरीक्षण,
वहीं आल इंडिया रेलवे फेडरेशन (एआईआरएफ) के १५वें अधिवेशन में शामिल होने के लिए आए पश्चिम मध्य रेलवे के जीएम गिरीश पिल्लई ने समय मिलते ही राजधानी के स्टेशनों पर चल रहे निर्माण कार्यों और मंडल में रेलवे की कार्य प्रणाली को भी जांच लिया। मिसरोद से रतनपुर के बीच चल रहे रेलवे के वेल्डिंग कार्य को देखने के लिए जा पहुंचे। जानकारी के अनुसार सुबह लगभग १०.३० बजे वे दक्षिण एक्सप्रेस से हबीबगंज रेलवे स्टेशन आए। यहां उतरने के बाद गैंगमैन की ट्रेनिंग के लिए बनाए गए बीटीसी सेंटर पर गए। चूंकि इस सेंटर का हाल ही में निर्माण हुआ है। एेसे में व्यवस्थाओं की जानकारी ली। इसके बाद सेकंड एंट्री पर बंसल पाथवे प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किए जा रहे सब-वे के कार्य की जानकारी ली।
सूत्रों के अनुसार उन्होंने बंसल कंस्ट्रक्शन कंपनी के अधिकारियों से काफी देर तक बातचीत की। यहां रुकने के दौरान उन्हें जानकारी मिली कि मिसरोद से रतनपुर के बीच रेलवे ट्रैक पर वेल्डिंग का काम चल रहा है। जानकारी मिलते ही वे सीधे रतनपुर की ओर चल दिए। सूत्रों के अनुसार उन्होंने इस दौरान अधिकारियों से पूरे काम की जानकारी। कर्मचारियों द्वारा किए जा रहे काम का बारीकी से परीक्षण करने के बाद इसमें तेजी लाने के निर्देश दिए। लगभग तीन घंटे तक वे हबीबगंज स्टेशन पर रुके। भोपाल स्टेशन पर बन रही नई बिल्डिंग की ली जानकारी
यहां से निकलने के बाद लगभग 2.30 बजे वे भोपाल रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर ०६ पर पहुंचे। यहां पर रेलवे द्वारा बनाई जा रही नई बहुमंजिला भवन के निर्माण कार्य के प्रगति की जानकारी ली। रेलवे अधिकारियों के अनुसार भवन को दिसंबर २०१७ तक पूरा किया जाना था, लेकिन काम तोड़ा पिछड़ गया है। इस पर उन्होंने इसमें तेजी लाने के निर्देश दिए। इसके बाद प्लेटफार्म के इटारसी एंड से लेकर बीना एंड तक का भ्रमण किया। बिल्डिंग के कारण डिस्प्ले बोर्ड आदि में किए जाने वाले परिवर्तन की जानकारी उन्होंने ली।

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