दिल्ली: दिल्ली के रोहिणी में बाबा वीरेंद्र के आध्यात्मिक विश्वविद्यालय से 41 लड़कियों को मुक्त कराया गया है. बाबा के आश्रम में कई लड़कियों को बंधक बनाकर रखा गया था. सबसे चौंकाने वाली बात तो यह कि मुक्त कराई गई लड़कियों में से कुछ रिटायर्ड पुलिस अफसरों की बेटियां भी हैं.
यही नहीं, विश्वविद्यालय में एक मुख्य और दूसरा वीवीआईपी आश्रम है. दोनों आश्रमों को जोड़ने के लिए एक सुरंग बनाई गई है. इसी सुरंग के जरिये बाबा वीवीआईपी आश्रम में सुख-सुविधाओं के अलावा लड़कियों को लाने ले जाने का काम करता था.
बाबा की अय्याशी भरी जिंदगी का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि उसने हर काम के लिए लड़कियों को लगा रखा था. चाहे काम कपड़े-बर्तन धोना, आश्रम की सफाई करना हो या फिर खाना बनाना सभी काम लड़कियां करती थी.
उसने हर उम्र की लड़कियों के लिए एक अलग फ्लोर तय किया था. वह खुद 28 से कम उम्र की लड़कियों के साथ तीसरे फ्लोर पर रहता था और 30 से 40 साल से ऊपर की लड़कियों को चौथे फ्लोर पर रखता था.
छापे के दौरान कई लड़कियां बदहवासी की हालत में भी मिली हैं. पुलिस का कहना है कि उन्हें नशीली चीज दी गई है. आश्रम की एक लड़की ने मीडिया तो बताया कि बाबा लड़कियों से मालिश करवाता था. वह लड़कियों को कहता था कि मैं कृष्ण हूं और उन्हें गलत तरीके से छूता था.
बाबा वीरेन्द्र देव किसी वीआईपी की तरह जिंदगी जीता था. उसके काफिला में नौ लग्जरी कारें हैं. इनमें मर्सिडीज से लेकर ऑडी सीरिज की कारें भी शामिल हैं. छापे के दौरान पुलिस को चार कारें मिली हैं.
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