Skip to main content

विजय रूपाणी ने ली दुसरी बार सीएम पद की शपथ...



गुजरात: गुजरात में आज मंगलवार को सीएम विजय रूपाणी ने दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली. शपथग्रहण से पहले वह सुबह मंदिर गए. बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने कम सीटें आने के बावजूद एक बार फिर रूपाणी पर भरोसा जताया है. शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, कई केंद्रीय मंत्रियों के अलावा एनडीए शासित सभी राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए. सीएम रुपाणी और डिप्टी सीएम नितिन पटेल के साथ 19 मंत्री शपथ लिए. इनमें 6 पाटीदार चेहरे और 6 ओबीसी चेहरे हैं.
आर सी फलदू : (कैबिनेट मंत्री)
जामनगर दक्षिण से विधायक आर सी फलदू लेउवा पटेल समाज से ताल्लुक रखते है. 2 बार गुजरात बीजेपी के अध्यक्ष रह चुके हैं. पाटीदारो के घोर विरोध के बीच सौराष्ट्र रीजन से जीत कर तीसरी बार विधायक चुनकर आये हैं.
भूपेंद्र सिंह चुडासमा: (कैबिनेट मंत्री)
गुजरात का वरिष्ठ क्षत्रिय दरबार चेहरा हैं. गुजरात की मौजूदा रुपाणी सरकार ने सीनियर मंत्री रहे हैं. शिक्षा और राजस्व जैसे महत्वपूर्ण विभाग इनके पास थे. अहमदाबाद जिले की धोलका सीट से 5वीं बार विधायक के रूप में विधानसभा में चुनकर आये हैं.
कौशिक पटेल: (कैबिनेट मंत्री)
गुजरात बीजेपी के संगठन का एक बड़ा नाम और पटेल चेहरा. पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह के सबसे भरोसेमंद लोगों में से एक. इस बार उन्ही की खाली की हुई सीट नारणपुरा से चुनाव जीत कर चौथी बार विधायक चुनकर आये हैं. राज्य के राजस्व मंत्री सहित कई मंत्रालयों को संभाल चुके हैं. केशुभाई और मोदी मंत्रिमंडल में काम करने का अनुभव. सौरभ पटेल राज्य में पार्टी का सबसे सॉफिस्टिकेटेड चेहरा. पाटीदार समाज से ताल्लुक रखते हैं. लगातार 5वीं बार विधायक के रूप में चुने गए हैं. मोदी और आनंदीबेन मंत्रिमंडल में फाइनांस और ऊर्जा सहित कई महत्वपूर्ण मंत्रालय संभाल चुके हैं.
गणपत वसावा: (कैबिनेट मंत्री)
गुजरात बीजेपी का इस वक्त सबसे मजबूत आदिवासी चेहरा, जिसने दक्षिण गुजरात मे पार्टी को पैंठ बनाने में खासी मदद की है. लगातार चौथी बार सूरत जिले की मांगरोल सीट से चुनाव जीते हैं. रुपाणी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे इसके अलावा. विधान सभा मे स्पीकर भी रह चुके हैं. मोदी और आनंदीबेन मंत्रिमंडल में भी रह चुके हैं,
दिलीप ठाकोर: गुजरात बीजेपी का सबसे बड़ा ठाकोर चेहरा जिसकी ओबीसी समाज मे भी अच्छी पैंठ है. उत्तर गुजरात मे इस बार ठाकोर आंदोलन की लहर के बीच भारी वोटों से चुनाव जीत कर 5वीं बार विधायक चुने गए हैं. मोदी, आनंदीबेन और रुपाणी मंत्रिमंडल में मंत्री रह चुके हैं.
जयेश राधड़िया: सौराष्ट्र के मजबूत पाटीदार नेता विट्ठल राधड़िया के पुत्र और खुद भी पाटीदार समाज मे अच्छी पकड़ रखते हैं. पाटीदार आंदोलन की आंधी के बीच जेतपुर की मुश्किल सीट बडे मार्जिन से जीते. 2007 का चुनाव कांग्रेस के टिकट पर जीते 2012 में अपने पिता के साथ बीजेपी में शामिल हुए और चुनाव जीते. मोदी मंत्री मंडल में स्थान मिला फिर आनंदीबेन और रुपाणी मंत्रिमंडल में भी मंत्री रहे. इस बार तीसरा चुनाव जीते हैं.
परबत पटेल: उत्तर गुजरात के चौधरी पटेल समाज से आते हैं. बनासकांठा के थराद की सीट से 5वीं बार विधायक चुने गए हैं. मोदी और आनंदीबेन सरकार में मंत्री रह चुके हैं.
प्रदीप सिंह जडेजा: अमित शाह से सबसे नजदीकी लोगों में से एक. गुजरात का उभरता हुआ क्षेत्रिय-दरबार चेहरा. मौजूदा सरकार में गृह राज्य मंत्री जाडेजा लगातार चौथी बार चुनाव जीतकर विधानसभा के सदस्य बने है. मोदी, आनंदीबेन और रुपाणी तीनों के साथ काम करने का अनुभव है.
पुरुषोत्तम सोलंकी: लगातर छठी बार चुनाव जीते हैं. राज्य का सबसे बड़ा कोली चेहरा जिसने कोली समाज को बीजेपी के साथ अबतक जोड़े रखा. हालांकि इस बार पार्टी कोली सीटों पर अच्छा प्रदर्शन नही कर पाई है पर पुरुषोत्तम सोलंकी को मंत्रिमंडल से दूर करके बीजेपी कोली समाज को और नाराज नही करना चाहेगी. केशुभाई, मोदी, आनंदीबेन तथा रुपाणी मंत्रिमंडल में लगातार मंत्री बने रहे हैं.
वासन भाई आहिर: आहिर समाज के नेता हैं और कच्छ में इनका खासा प्रभाव है. भुज और अंजार सीट से चुनाव जीत चुके हैं और इस बार भी अंजार की सीट से चुनाव जीतकर 5वीं बार विधायक बने है. मोदी और आनंदीबेन सरकार में मंत्री रह चुके है और रुपाणी की पिछली सरकार में संसदीय सचिव थे
ईश्वर सिंह पटेल: कोली पटेल समाज के नेता हैं और अंकलेश्वर की सीट से चौथी बार चुनाव जीते हैं. रुपाणी और मोदी सरकार में मंत्री रह चुके है. दक्षिण गुजरात मे कोली पटेलों पर इनका खासा प्रभाव है.
कुमार कानानी: इन्हें पाटीदार आंदोलन का ऐपिसेंटर कही जाने वाली सूरत की वराछा सीट बड़े मार्जिन से जीतने का रिवार्ड मिल रहा है. हालांकि ये दूसरी बार ही विधाय

Comments

Popular posts from this blog

आँनलाइन फार्मेसी के खिलाफ आज दवा दुकानदार हड़ताल पर

मुंब्रा। ई-कॉमर्स से दवा बिक्री होने के खिलाफ आज शुक्रवार को देशभर के दवा दुकानदार हड़ताल पर रहेंगे। इस हड़ताल में दिल्ली में मौजूद 12 हजार से अधिक दवा विक्रेता शामिल होंगे। हालांकि, अस्पतालों में स्थित दवा दुकानों को हड़ताल से बाहर रखा गया है। दवाओं की ऑनलाइन बिक्री के खिलाफ दुकानदारों ने जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन करने की भी तैयारी की है। इस बारे में ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स (एआइओसीडी) के अध्यक्ष जेएस शिंदे ने प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि केंद्र सरकार ने इंटरनेट के जरिये दवाओं की बिक्री यानी ई-फार्मेसी को मंजूरी दे दी है। सरकार के इस कदम के खिलाफ 28 सितंबर को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया गया है। इस हड़ताल में देशभर के 7 लाख खुदरा व 1.5 लाख थोक दवा दुकानदार शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि इन साढ़े आठ लाख दुकानों से करीब 40 लाख स्टॉफ जुड़े हैं। इसके अलावा 1.5 से 2 करोड़ औषधि प्रतिनिधि भी हड़ताल में शामिल होंगे, क्योंकि ऑनलाइन फार्मेसी से इनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। एआइओसीडी के महासचिव राजीव सिंघल ने कहा कि सवाल मात्र व्

सादी वर्दी में महिला पुलिस अधिकारी को, पता चला पुलिस का असली रवैया

मुंबई। कोई परेशानी या छोटी-मोटी वारदात होने पर आम आदमी पुलिस थाने जाने से बचता है क्योंकि अक्सर पुलिस का रवैया उदासीन ही होता है। आम आदमी के लिए यह मामूली बात होती है। मगर, एक महिला पुलिस अधिकारी को पुलिस के इस रवैया से भी दो-चार होना पड़ा। सादी वर्दी में उप पुलिस अधीक्षक (डीएसपी) सुजाता पाटिल अंधेरी स्टेशन में ऑटो ड्राइवर की शिकायत करने पहुंची। मगर, तब उन्हें पता चला कि पुलिस आम लोगों के साथ कैसा व्यवहार करती है। मामला 24 मार्च का है। सुजाता पाटिल हिंगोली में तैनात हैं। वह भोपाल से वापस लौटकर अंधेरी स्टेशन पर पहुंची। उनके पैर में फ्रैक्चर था और वह किसी तरह से अपने बैग को घसीटते हुए ऑटो वाले के पास पहुंची। मगर, सभी ऑटो वालों ने जाने से इंकार कर दिया। इससे परेशान होकर जब वह रेलवे स्टेशन के पास पुलिस चौकी में मदद के लिए गईं, तो वहां तैनात कॉन्सटेबल ने भी सुजाता का मजाक उड़ाते हुए उनकी मदद करने से इंकार कर दिया। सुजाता ने कहा कि वह उनके व्यवहार को देखकर चौंक गईं। कॉन्सटेबल का व्यवहार काफी कठोर था और उसने कहा कि यह उसका काम नहीं है। बताते चलें कि उस वक्त सुजाता वर्दी में नहीं थीं, ल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एक बार फिर देश को किया संबोधित, 3 मई तक बढ़ा लाॅकडाउन,19 दिनों के लाॅकडाउन में गरीबों-किसानों के लिए दिए संकेत..

दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एक बार फिर देश को संबोधित किया है. इस संबोधन में मोदी ने कई बड़ी बातें कही हैं. किन चीजों पर दी गई छूट, क्या चलेगा क्या नहीं, जानें हर जरूरी बात यहां.. पीएम मोदी ने कहा, ये ऐसा संकट है, जिसका किसी देश से तुलना करना उचित नहीं है. फिर भी यह एक सच्चाई है, कि दुनिया के बड़े- बड़े सामर्थ्यवान देशों के मुकाबले कोरोनो के मामले में भारत आज बहुत संभली स्थिति में है. जब हमारे देश में 550 केस सामने आए तो हमने 21 दिन का लॉकडाउन का ऐलान कर दिया. हमने समस्या बढ़ने का इंतजार नहीं किया, बल्कि जैसे ही समस्या दिखी उसी समय फैसले लेकर इसे रोकने का प्रयास किया। प्रधानमंत्री के भाषण से साफ है कि देश में लॉकडाउन 3 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया है. ऐसे में लॉकडाउन के नियम वही रहेंगे जो पहले से चले आ रहे हैं. हालांकि अगले एक सप्ताह में इन नियमों को और कठोर किया जाएगा.पीएम ने कहा है कि अगले एक सप्ताह में कोरोनो के खिलाफ लड़ाई में कठोरता और ज्यादा बढ़ाई जाएगी।     प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाने का ऐलान किया। इससे पहले 25 मार्च को 21 दिन