Skip to main content

महाराष्ट्र सरकार का बड़ा फैसला:नौकरी, शिक्षा में मराठा समुदाय को 16% आरक्षण का प्रस्ताव




मुंबई। आरक्षण को लेकर आजादी के बाद से ही सियासत होती रही है। खासकर चुनाव सर पर हो तो आरक्षण पर राजनीति जमकर होती है। एक बार फिर से आरक्षण को लेकर मामला गरमाता जा रहा है। कुछ समुदाय लगातार आरक्षण की मांग कर रहे हैं। जिसमें महाराष्ट्र में मराठा वर्ग भी एक है। इसी कड़ी में अब महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। दरअसल मराठा आरक्षण को लेकर महाराष्ट्र सरकार गुरुवार को विधानमंडल के दोनों सदनों में बिल पेश किया। इससे पहले बुधवार को महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने कहा था कि मराठा समुदाय के आरक्षण के लिए बिल को पास करने के लिए अगर जरूरत हुई तो महाराष्ट्र विधानमंडल के सत्र को बढ़ाया जा सकता है। बता दें कि इससे पहले इसी महीने की 18 नवंबर को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सरकार ने घोषणा करते हुए कहा था कि महाराष्ट्र में मराठा समुदाय शैक्षणिक और समाजिक रूप से पिछड़े हुए हैं, इसलिए सरकार इस वर्ग को 'स्पेशल कैटेगरी फॉर बैकवर्ड क्लासेज' (एससीबीसी) के तहत आरक्षण देगी।
इससे पहले सीएम देवेंद्र फडणवीस ने संकेत दिए थे कि मराठा समुदाय को आरक्षण देने का औपचारिक ऐलान 1 दिसंबर को किया जा सकता है.
फडणवीस ने कहा था कि हमें मराठा आरक्षण पर बैकवर्ड कमीशन की रिपोर्ट मिल गई है. मैं आप सबसे निवेदन करता हूं कि आप 1 दिसंबर को जश्न की तैयारी करिए. फडणवीस के इस बयान से माना जा रहा था कि सरकार मराठाओं को आरक्षण देने का ऐलान कर सकती है.
16 फीसदी आरक्षण देने की सिफारिश',
इससे पहले 15 नवंबर को महाराष्ट्र पिछड़ा वर्ग आयोग ने मराठों को 16 फीसदी आरक्षण देने की सिफारिश की थी. इस मामले में आयोग ने अपनी रिपोर्ट भी सरकार को सौंप दी थी. महाराष्ट्र में 30 फीसदी आबादी मराठों की है, इसलिए उन्हें सरकारी नौकरी में आरक्षण दिए जाने की जरूरत है.
वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रिपोर्ट में कहा गया है कि मराठों को आरक्षण देने के दौरान ओबीसी कोटे में कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा. अगर इस आरक्षण पर मुहर लगती है तो सभी श्रेणी को मिलाकर राज्य में कुल 68 फीसदी आरक्षण हो जाएगा जबकि अभी राज्य में अलग-अलग वर्ग को मिलाकर 52 फीसदी आरक्षण है.
पिछले काफी समय से चले आ रहे मराठा आंदोलन के दौरान अब तक राज्य परिवहन की बसें जलाकर ही करीब 50 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान राज्य को हो चुका है.

Comments

Popular posts from this blog

आँनलाइन फार्मेसी के खिलाफ आज दवा दुकानदार हड़ताल पर

मुंब्रा। ई-कॉमर्स से दवा बिक्री होने के खिलाफ आज शुक्रवार को देशभर के दवा दुकानदार हड़ताल पर रहेंगे। इस हड़ताल में दिल्ली में मौजूद 12 हजार से अधिक दवा विक्रेता शामिल होंगे। हालांकि, अस्पतालों में स्थित दवा दुकानों को हड़ताल से बाहर रखा गया है। दवाओं की ऑनलाइन बिक्री के खिलाफ दुकानदारों ने जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन करने की भी तैयारी की है। इस बारे में ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स (एआइओसीडी) के अध्यक्ष जेएस शिंदे ने प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि केंद्र सरकार ने इंटरनेट के जरिये दवाओं की बिक्री यानी ई-फार्मेसी को मंजूरी दे दी है। सरकार के इस कदम के खिलाफ 28 सितंबर को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया गया है। इस हड़ताल में देशभर के 7 लाख खुदरा व 1.5 लाख थोक दवा दुकानदार शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि इन साढ़े आठ लाख दुकानों से करीब 40 लाख स्टॉफ जुड़े हैं। इसके अलावा 1.5 से 2 करोड़ औषधि प्रतिनिधि भी हड़ताल में शामिल होंगे, क्योंकि ऑनलाइन फार्मेसी से इनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। एआइओसीडी के महासचिव राजीव सिंघल ने कहा कि सवाल मात्र व्

सादी वर्दी में महिला पुलिस अधिकारी को, पता चला पुलिस का असली रवैया

मुंबई। कोई परेशानी या छोटी-मोटी वारदात होने पर आम आदमी पुलिस थाने जाने से बचता है क्योंकि अक्सर पुलिस का रवैया उदासीन ही होता है। आम आदमी के लिए यह मामूली बात होती है। मगर, एक महिला पुलिस अधिकारी को पुलिस के इस रवैया से भी दो-चार होना पड़ा। सादी वर्दी में उप पुलिस अधीक्षक (डीएसपी) सुजाता पाटिल अंधेरी स्टेशन में ऑटो ड्राइवर की शिकायत करने पहुंची। मगर, तब उन्हें पता चला कि पुलिस आम लोगों के साथ कैसा व्यवहार करती है। मामला 24 मार्च का है। सुजाता पाटिल हिंगोली में तैनात हैं। वह भोपाल से वापस लौटकर अंधेरी स्टेशन पर पहुंची। उनके पैर में फ्रैक्चर था और वह किसी तरह से अपने बैग को घसीटते हुए ऑटो वाले के पास पहुंची। मगर, सभी ऑटो वालों ने जाने से इंकार कर दिया। इससे परेशान होकर जब वह रेलवे स्टेशन के पास पुलिस चौकी में मदद के लिए गईं, तो वहां तैनात कॉन्सटेबल ने भी सुजाता का मजाक उड़ाते हुए उनकी मदद करने से इंकार कर दिया। सुजाता ने कहा कि वह उनके व्यवहार को देखकर चौंक गईं। कॉन्सटेबल का व्यवहार काफी कठोर था और उसने कहा कि यह उसका काम नहीं है। बताते चलें कि उस वक्त सुजाता वर्दी में नहीं थीं, ल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एक बार फिर देश को किया संबोधित, 3 मई तक बढ़ा लाॅकडाउन,19 दिनों के लाॅकडाउन में गरीबों-किसानों के लिए दिए संकेत..

दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एक बार फिर देश को संबोधित किया है. इस संबोधन में मोदी ने कई बड़ी बातें कही हैं. किन चीजों पर दी गई छूट, क्या चलेगा क्या नहीं, जानें हर जरूरी बात यहां.. पीएम मोदी ने कहा, ये ऐसा संकट है, जिसका किसी देश से तुलना करना उचित नहीं है. फिर भी यह एक सच्चाई है, कि दुनिया के बड़े- बड़े सामर्थ्यवान देशों के मुकाबले कोरोनो के मामले में भारत आज बहुत संभली स्थिति में है. जब हमारे देश में 550 केस सामने आए तो हमने 21 दिन का लॉकडाउन का ऐलान कर दिया. हमने समस्या बढ़ने का इंतजार नहीं किया, बल्कि जैसे ही समस्या दिखी उसी समय फैसले लेकर इसे रोकने का प्रयास किया। प्रधानमंत्री के भाषण से साफ है कि देश में लॉकडाउन 3 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया है. ऐसे में लॉकडाउन के नियम वही रहेंगे जो पहले से चले आ रहे हैं. हालांकि अगले एक सप्ताह में इन नियमों को और कठोर किया जाएगा.पीएम ने कहा है कि अगले एक सप्ताह में कोरोनो के खिलाफ लड़ाई में कठोरता और ज्यादा बढ़ाई जाएगी।     प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाने का ऐलान किया। इससे पहले 25 मार्च को 21 दिन