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मराठा आरक्षण मामले में सात जिलों में धारा 144, सेना-सीआरपीएफ तैनात



पुणे: महाराष्ट्र में जारी मराठा आरक्षण आन्दोलन की आग बुझती नजर नहीं आ रही है। सोमवार को आरक्षण की मांग करते हुए पुणे में प्रदर्शनकारियों ने जमकर उत्पात मचाया। वहीँ इस मुद्दे पर सरकार अभी भी खामोश नजर आ रही है।
बतादें कि शनिवार को महाराष्ट्र की देवेंद्र फडनवीस सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। इस बैठक में भी सरकार ने आरक्षण के मुद्दे पर कोई फैसला नहीं ले पाई। वहीँ दूसरी ओर 16 फीसद आरक्षण की मांग को लेकर लगातार प्रदर्शन जारी है। सोमवार को ही महाराष्ट्र के पुणे में अमराठा आरक्षण की मानंग को लेकर जबरदस्त तोड़-तोड़ और हिंसा हुई। यहाँ प्रदर्शनकारियों ने कई वाहनों और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। सोवमार को प्रदर्शनकारियों ने पुणे में 6 बसें फूंक दीं। पुणे में मराठा क्रांति मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया और सड़कों को जाम कर दिया। पुणे-नासिक राष्ट्रीय राजमार्ग पर प्रदर्शनकारियों के हंगामे के बाद जाम की स्थित बन गयी।
वहीँ प्रदर्शनकारियों के विरोध को देखते हुए यहाँ धारा 144 लगानी पड़ी। वहीँ प्रदर्शनकारियों के प्रदर्शन के दौरान पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़ा हो गया। प्रदर्शनकारियों ने कई बसों को निशाना बनाया तो उस दौरान कोई भी पुलिसकर्मी सामने नहीं आया। जिससे यात्रियों कू भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
वहीँ दूसरी ओर लगभग पिछले सोमवार से जारी मराठा समुदाय के आरक्षण की मांग और प्रदर्शन के बाद भी राज्य बीजेपी सरकार इस पर खामोश नजर आ रही है। हालाँकि शनिवार को सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, लेकिन बैठक के बाद क्या नतीजा निकला इसका कुछ पता नहीं चला। वहीँ इस मुद्दे पर विपक्षी दलों के साथ साथ शिवसेना और बीजेपी के अपने ही लोग मुखर हो गये हैं। वह खुलकर मराठा आरक्षण की मांग करने लगे हुए हैं! कहा जा रहा है इसके चलते सीएम देवेन्द्र फडनवीस और उनके बीच मनमुटाव भी हो गया है।

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