Skip to main content

अन्ना हजारे के अनशन पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडडणवीस पर फेंका गया जूता, अनशन खत्म करने पर अन्ना से नाराज हुए अन्नदाता






नई दिल्ली। पिछले सात दिनों से चला आ रहा अन्ना का अनशन भले ही खत्म हो गया हो, लेकिन इसने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। किसानों की मांगों को पूरा करने के लिए शुरू हुआ यह अनशन जिस प्रकार खत्म हुआ, उससे अन्नदाता ही नाराज दिखे। किसान नेता काका जी की मानें तो उनकी मांगों को केवल सरकारी आश्वासन से ही निपटा देना किसानों के साथ विश्वासघात है। वहीं, अन्ना का अनशन तुड़वाने पहुंचे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को भी विरोध का सामना करना पड़ा और जब वो भाषण दे रहे थे तो कथितरूप से एक किसान ने उन पर जूता फेंका। हालांकि एक टीवी चैनल का दावा है कि वह जूता मुख्यमंत्री देवेंद्र फडडणवीस पर नहीं, समाजसेवक अन्ना हजारे पर युवक ने जूता फेंका था।
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने गुरुवार को अपने अनिश्चितकालीन अनशन को समाप्त कर दिया। यह अनशन उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री गजेंद्र शेखावत से मुलाकात के बाद खत्म किया। हालांकि इस बीच अन्ना ने मंच से केंद्र सरकार द्वारा उनकी मांगें माने जाने का दावा किया, लेकिन किसान उनके इस कदम से नाखुश नजर आए।
किसानों की नाराजगी इस वजह से भी ज्यादा थी कि अन्ना ने अपना अनशन महाराष्ट्र के सीएम से मिलने के बाद समाप्त किया, जिससे देशव्यापी किसानों की यह समस्या केवल एक राज्य तक ही सिमट कर रह गई। यही वजह है कि अन्ना के अनशन खत्म करने की घोषणा के बाद किसान नेताओं ने इस पर अलग—अलग प्रतिक्रियाएं दीं। यहां तक कि कुछ किसान संगठनों ने सरकारी आवश्वासन को विश्वासघात बताया है।
"इस बार फीका रहा अनशन का असर",
इस बार अन्ना का अनशन केवल भूख हड़ताल सा ही नजर आया और उनके कद के मुताबिक लगभग बेअसर दिखाई दिया। किसानों में भी उनके अनशन को लेकर अधिक उत्साह देखने को नहीं मिला। हालांकि हड़ताल खत्म होने के दिन कुछ किसान संगठनों ने अन्ना से मुलाकात कर उनको अपना समर्थन जरूर दिया, लेकिन कुल मिलाकर अनशन में वह जान नहीं आ सकी, जो उनके पहले के आंदोलनों में रही।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस बार अन्ना के आंदोलन में करीब 6,000 लोगों ने भाग लिया। इसमें उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश व असम से आए लोग शामिल थे। जबकि उनके पिछले आंदोलनों में किसानों की भीड़ से देश की रफ्तार थम जाती थी। जिन मांगों को लेकर अन्ना ने यह अनशन शुरू किया था, उसके खत्म होने के बाद किसानों को यह भी विश्वास नहीं है कि उन पर गौर फरमाया जाएगा।
हालांकि अन्ना हजारे ने सरकार द्वारा उनकी मांगों को माने जाने का दावा जरूर पेश किया है। लेकिन किसानों की निराशा की एक वजह यह भी है कि हजारे ने गुरुवार को उपवास तोड़ने के बाद खुद कहा कि सरकार ने उनकी मांगों को पूरा करने की कोई समयसीमा नहीं बताई है। इसलिए अगर छह महीने में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो सितंबर में वह फिर से भूख हड़ताल करेंगे। दूसरी तरफ, अपनी मांगें पूरी होने की आस में बैठे किसानों को बिना किसी ठोस कार्रवाई के अनशन समाप्त करने वाली बात पच नहीं रही है।
 बड़े बड़े दावे किए गए थे,
दरअसल, इस बार अन्ना के अनशन का मकसद केंद्र में लोकपाल व राज्यों में लोकायुक्त की नियुक्ति, नए चुनाव सुधार व देश में कृषि संकट को हल करने के लिए स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने के लिए दबाव बनाना था। अनशन के दौरान दिल्ली के रामलीला मैदान में समर्थकों को संबोधित करते हुए अन्ना ने कहा था कि केंद्र सरकार के मंत्री मुझसे मिले, लेकिन मैंने स्पष्ट कहा कि मैं आप पर विश्वास नहीं करता। अब तक आपने कितने वादे पूरे किए हैं? एक भी नहीं। इसलिए ठोस कार्य योजना के साथ आइए, वरना मैं प्राण त्याग दूंगा, लेकिन अनशन खत्म नहीं करूंगा।
अब ऐसे में अचानक अनशन खत्म किए जाने ने समर्थकों के सामने धर्मसंकट खड़ा कर दिया है। बता दें कि अन्ना हजारे ने वर्ष 2011 में अरविंद केजरीवाल के साथ मिलकर भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ा आंदोलन किया था, जिसने देश के जन-जन की भावनाओं को छुआ था। समूचा देश आंदोलित हो उठा था और दिल्ली का रामलीला मैदान ही नहीं आसपास की सड़कों पर भी भारी भीड़ जुटी थी।

Comments

Popular posts from this blog

आँनलाइन फार्मेसी के खिलाफ आज दवा दुकानदार हड़ताल पर

मुंब्रा। ई-कॉमर्स से दवा बिक्री होने के खिलाफ आज शुक्रवार को देशभर के दवा दुकानदार हड़ताल पर रहेंगे। इस हड़ताल में दिल्ली में मौजूद 12 हजार से अधिक दवा विक्रेता शामिल होंगे। हालांकि, अस्पतालों में स्थित दवा दुकानों को हड़ताल से बाहर रखा गया है। दवाओं की ऑनलाइन बिक्री के खिलाफ दुकानदारों ने जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन करने की भी तैयारी की है। इस बारे में ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स (एआइओसीडी) के अध्यक्ष जेएस शिंदे ने प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि केंद्र सरकार ने इंटरनेट के जरिये दवाओं की बिक्री यानी ई-फार्मेसी को मंजूरी दे दी है। सरकार के इस कदम के खिलाफ 28 सितंबर को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया गया है। इस हड़ताल में देशभर के 7 लाख खुदरा व 1.5 लाख थोक दवा दुकानदार शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि इन साढ़े आठ लाख दुकानों से करीब 40 लाख स्टॉफ जुड़े हैं। इसके अलावा 1.5 से 2 करोड़ औषधि प्रतिनिधि भी हड़ताल में शामिल होंगे, क्योंकि ऑनलाइन फार्मेसी से इनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। एआइओसीडी के महासचिव राजीव सिंघल ने कहा कि सवाल मात्र व्...

जो मस्जिद में नमाज नहीं पढ़ते उनके घरों को जला दिया जाय- बाबरी के पक्षकार

  यूपी। नमाज कहीं भी पढ़ी जा सकती है। मस्जिद में नमाज पढऩा अधिक पुण्यदायी है। मस्जिद अल्लाह का घर है। पैगमबर मोहम्मद साहब ने भी बिना किसी मजबूरी के मस्जिदों के बाहर नमाज पढऩा पसंद नहीं फरमाया है। कुरान में तो यहां तक उल्लेख मिला कि मस्जिद में नमाज न पढऩे वाले के घरों में आग लगा दी जाय। सुप्रीम कोर्ट का इस मसले पर फैसला आने के बाद ऐसी एक नहीं अनेक टिप्पणियां मुस्लिम नेता कर रहे हैं। यह कहना अनुचित है कि नमाज के लिए मस्जिद आवश्यक नहीं है। न केवल मजहबी अकीदे की दृष्टि से बल्कि सुप्रीमकोर्ट के ताजा फैसले के संदर्भ में भी ऐसी दावेदारी बेदम है। नमाज से जुड़े फैसले पर मुस्लिम नेता बोले, नमाज कहीं भी पढ़ी जा सकती है हेलाल कमेटी के संयोजत एवं बाबरी के पक्षकार खालिक अहमद खान का मानना है कि कोर्ट के ताजा फैसले की मीडिया एवं हिंदू पक्ष गलत व्याख्या कर रहा है। हकीकत तो यह है कि कोर्ट का ताजा फैसला उस बुनियाद को मजबूत करने वाला है, जिस बुनियाद पर मुस्लिम बाबरी की लड़ाई लड़ रहे हैं। बकौल खालिक कोर्ट के ताजा फैसले से यह स्पष्ट हुआ है कि जन्मभूमि विवाद की सुनवाई धार्मिक भावना के आधार पर न...

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे बोले: सावधानी से बढ़ेंगे आग, महाराष्ट्र के कुछ इलाकों में तीन मई के बाद लाॅकडाउन से मिलेगी छूट

  मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को कहा कि वह कुछ इलाकों में तीन मई के बाद लॉकडाउन से छूट देंगे। उन्होंने कहा कि वह आने वाले समय में सावधानी से आगे बढ़ेंगे। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा, 'तीन मई के बाद निश्चित रूप से हम कुछ इलाकों की स्थिति को देखते हुए छूट देंगे, लेकिन आप सभी सतर्क रहें और सहयोग करें, अन्यथा पिछले कुछ दिनों में हमने जो कुछ भी हासिल किया है वह बेकार हो जाएगा।' ठाकरे ने कहा कि हम धैर्य और सावधानी के साथ आगे बढ़ेंगे। महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के सबसे अधिक मामले हैं। कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या दस हजार के पार पहुंच चुकी है। ताजा आंकड़ों के अनुसार, राज्य में अब तक 10,498 मरीज मिल चुके हैं। वहीं, इसमें से 1773 लोग ठीक हुए हैं। इसके अलावा 459 लोगों की मौत हुई है। वहीं, लॉकडाउन के दौरान महाराष्ट्र पुलिस ने आदेश को सख्ती से लागू करते हुए राज्य भर में लॉकडाउन का उल्लंघन करने 85,500 से अधिक लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए और अभी तक 16,962 लोगों को गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को बताया कि मार्च से कोविड-19 से लड़ते और...