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पत्रकार की मौत के बाद सामने आया बड़ा सच, तीन और लोगों की तलाश हुई शुरू




 एमपी: मध्य प्रदेश भिण्ड के सड़क पर रौंद दिए गए पत्रकार संदीप शर्मा के मामले में एंबुलेंस चालक ने सनसनीखेज खुलासा किया है। जख्मी संदीप को घटनास्थल से टॉमा सेंटर ले जाने की बजाय सीधे पोस्ट मार्टम हाउस ले गए एंबुलेंस चालक ने कहा है कि संदीप को एंबुलेंस में रखने के साथ ही उसमें दो लोग सवार हो गए थे। उन दोनों ने ही उससे कहा था कि एबुंलेंस को सीधे पीएम हाउस ले चलो।
एंबुलेंस चालक राकेश कुमार ने बताया कि उसके वाहन में पत्रकार संदीप को रखवाने के साथ ही दो अन्य लोग वाहन में सवार हो गए थे। उन्होंने ही उससे कहा था कि पीएम हाउस ले चलो। एंबुलेंस में सवार दोनों लोग पुलिसकर्मी थे या कोई ओर, इसके बारे में वह नहीं जानता। दोनों सिविल में थे। राकेश ने बताया कि वह हमेशा घायल को मौके से उठाने के बाद सीधा जिला अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर ले जाता है। उस दिन उन लोगों के यह कहने पर कि संदीप की मौत हो गई है, पीएम हाउस ले चलो, मैं अस्पताल न जाकर पीएम हाउस गया।
मां और पत्नी ने रोते हुए कही यह बातें,
पत्रकार संदीप शर्मा की मौत के दो दिन बाद उनकी मां और पत्नी ने पत्रकारो को बातचीत में बताई। मां ने फफक कर रोते हुए बताया कि उनका बेटा संदीप कहता था कि मां में पत्रकार क्या हुआ हूं मेरे दुश्मन होने लगे हैं। वह दुश्मन कौन थे यह उसने अपनी पत्नी को बताया था। उन्होंने बेटे की मौत के बाद अपनी पुत्रवधू को सरकारी नौकरी और अपने नातियों को अच्छे विद्यालय में प्रवेश की मांग के लिए गुहार की है। वहीं पत्रकार संदीप शर्मा की पत्नी सुनीता शर्मा ने रोते हुए कहा है कि उनके पति अक्सर उन्हें बताते थे कि जब से उन्होंने तत्कालीन अटेर एसडीओपी इंद्रवीर सिंह भदोरिया का चंबल नदी से अवैध अवैध खनन को लेकर स्टिंग किया है तब से उन्हें जान का खतरा उत्पन्न हो गया है। साथ ही सुनीता ने बताया कि कुछ दिनों से एक युवक उनका पीछा भी कर रहा था।
फुटेज में दिखी महिला की तलाश,
एसआईटी सीसीटीवी फुटेज में दिख रही उस महिला की भी तलाश कर रही है जो हादसे के वक्त सड़क की दाईं ओर नजर आ रही थी। एसआइटी का नेतृत्व कर रहे डीएसपी राकेश छारी के अनुसार संदीप के मोबाइल की कॉल डिटेल रिपोर्ट आ गई है। इसकी जांच की जा रही है। घटना से जुड़े अन्य तथ्यों को भी बारीकी से खंगाला जा रहा है।
...तो नहीं उठता मेरे बच्चों के सिर से पिता का साया,
संदीप की पत्नी सुनीता ने कहा कि यदि पुलिस ने उनके पति की शिकायतों को गंभीरता से लेकर उस पर कार्रवाई की होती तो आज उसके बच्चों के सिर से पिता का साया नहीं उठता। सुनीता ने कहा, नाश्ता करने के बाद वे घर से ये कहकर निकले थे कि किसी खबर की कवरेज के लिए जा रहे हैं। हमें क्या पता था कि उनका पेशा ही उनकी मौत का कारण बन जाएगा।
शहीद का दर्जा देने की मांग
समाजवादी पार्टी ने कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी को राज्यपाल के नाम दिए ज्ञापन में पत्रकार संदीप शर्मा को शहीद का दर्जा दिलाने के अलावा पत्नी को 50 लाख रुपए की सहायता तथा पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कानून बनाए जाने की मांग की। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने भी ऐसी मांग की है।
मुझे बेटे पर गर्व : जयराम
संदीप के पिता जयराम शर्मा कहते हैं, मुझे गर्व है कि मेरे एक बेटे ने देश की सुरक्षा में सरहद पर आतंकियों से मुठभेड़ में शहादत दी और दूसरे ने अवैध खनन में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाकर। उन्होंने कहा कि सीबीआई जांच की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा के बाद न्याय मिलने की उम्मीद है।
रिमांड के दो दिन बीते, पुलिस खाली हाथ,
मामले में आरोपी ट्रक ड्राइवर रनवीर सिंह यादव की रिमांड के दो दिन बीतने के बावजूद पुलिस अब तक उससे कुछ नई जानकारी नहीं हासिल कर सकी है। रनवीर अपना पुराना बयान ही दोहरा रहा है कि उसने संदीप को नहीं देखा था। ब्रेकर से बचने के लिए उसने ट्रक को सड़क किनारे कच्चे में उतारा। कोर्ट ने रनवीर को पांच दिन की पुलिस रिमांड पर दिया है।

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