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औरंगाबाद के इज्तेमागाह पर उमड़ पड़ा लाखों श्रद्धालुंओं का हुजूम..




औरंगाबाद: औरंगबाद महाराष्ट्र में शुरू मुस्लिम समुदाय का इश्तेमा अभी इतने विराट रूप में आ चुका है के यह इश्तेमा ग्रीनिज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल हो सकता है । अभी तक करीब करीब पचास लाख से भी ज़्यादा श्रद्धालुओं का आगमन औरंगबाद में हो चुका है ।
मुस्लिम समुदाय के विश्व के प्रमुख मौलाना साद साहब का भी आगमन औरंगबाद में हो चुका है, इस इश्तेमा को मौलाना साद साहब संबोधित करेंगे और साथ मे विश्व शांति और भारत की समृद्धि के लिए दुआ करेंगे। पिछेले छह माह से इस इश्तेमा कि तैयारी औरंगबाद के युवा तथा ज़िम्मेदार लोग कर रहे थे।
औरंगबाद इश्तेमा में करीब 80 लाख श्रद्धालुओं के होने की आशंका जताई जा रही है , अभी बताया जा रहा है के यह आंकड़ा 1 करोड़ श्रद्धालुओं से भी ज्यादा हो सकता हैं, क्योंकि दुआ में शामिल होने देश विदेश से मुस्लिम आ रहे हैं। हैरानी की बात यह है के इतने बड़े जनसमुदाय को संभालने के लिए पोलिस बल से ज़्यादा इश्तेमा के ख़िदमत वाले युवा सक्रिय है।
इतने बड़े जनसमुदाय के खाना पानी का रहने का सब प्रबंध औरंगबाद में किया गया है। हजारों युवा ट्रैफिक को संभालने में लगे हुवे है , सभी तरह की सुविधाओँ से इस इश्तेमा को तैयार किया गया है जिसमे श्रद्धालुओं को किसी भी किस्म की तकलीफ न हो। करीब डेढ़ लाख चौरस मीटर का पेंडल बनाया गया जिसमें श्रदालु ठहर सके। दूर से आने वाले शद्रालु के लिए खास रेलगाड़ियों का प्रबंध किया गया है। बतादें शनिवार से औरंगाबाद में शुरू हुई तब्लीगी जमात के तीन दिवसीय इज़्तिमा में इज़्तिमागाह पर भारी भीड़ देखी जा रही है। यहाँ लाखों मुसलमानों के लिए आवश्यक व्यवस्था की गई है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, औरंगाबाद और अन्य जिलों से करीब 5,000 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं, जिसमें तीन पुलिस आयुक्त और सहायक आयुक्त के साथ 25 पुलिस निरीक्षक और 70 उपनिरीक्षक शामिल हैं।
राज्य रिजर्व पुलिस बल (एसआरपीएफ) की चार कम्पनियां हैं, 1,000 ट्रैफिक पुलिसकर्मी और बम निरोधी दस्ते (बीडीडीएस) के आठ दस्ते शामिल हैं। आयोजकों ने कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य शांति और भाईचारे से देश का विकास है। तीन दिवसीय समारोह के दौरान मुस्लिम विद्वान और विशेषज्ञ विभिन्न धार्मिक मुद्दों पर चर्चा कर रहे हैं। आयोजन समिति ने 20 से 25 विभिन्न उप-समितियों की स्थापना की है और इस आयोजन को सफल बनाने के लिए उन्हें विभिन्न प्रकार की जिम्मेदारियों को सौंप दिया है। इसके लिए तैयारी करीब दो महीने पहले शुरू हुई थी, जिसमें समुदाय के सदस्यों ने स्वेच्छा से भाग लिया था ताकि समिति स्थल पर आवश्यक व्यवस्था कर सके। यहां मूक और बघिर लोगों के लिए अलग से व्यवस्था भी की गई है। लीम्बे-जलगांव गांव के किसानों ने इस आयोजन के लिए भूमि मुफ्त दी है। भोजन, पेयजल, रहने और अन्य बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था लगभग पूरी तरह से की गई है। इज़्तिमा के आयोजकों ने पुलिस, फायर ब्रिगेड, स्वास्थ्य विभाग, लोक निर्माण विभाग और महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड (एमएसईडीसीएल) से अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) लिया है।
एमएसईडीसीएल ने यहां के लिए बिजली के अलग-अलग फीडर का प्रबंध किया है। महाराष्ट्र सरकार ने एक आदेश जारी कर दिया है कि राज्य में सभी उर्दू स्कूल 26 फरवरी को इज़्तिमा के समापन दिवस पर बंद रहेंगे। इस बीच, राज्य और देश के विभिन्न स्थानों से कई विशेष गाड़ियों और बसों की व्यवस्था की गई है। सभी टोल प्लाजा को इज़्तिमागाह के लिए आने वाले वाहनों से टोल कर से छूट दी गई है। बताया जाता है कि तीन दिवसीय इश्तेमा का आज आखिरी दिन है, आज असर नमाज बाद दुआ होगी, इस दुआ में और मुस्लिम शद्रालु के जमा होने की उम्मीद जताई जा रही है।

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