Skip to main content

राज्यपाल के अभिभाषण का गुजराती अनुवाद होने पर बवाल, सीएम ने मांगी माफी



मुंबई :सोमवार से महाराष्ट्र विधानमंडल के बजट सत्र की हंगामेदार शुरुआत हुई है। राज्यपाल सी विधासागर राव के अभिभाषण के समय सदन में विधायकों को मराठी के बजाए गुजराती में अनुवाद सुनाई दिया। इससे विपक्ष ने जमकर बवाल काटा। विपक्ष के हंगामे के बाद राज्यपाल सी विद्यासागर राव ने विधानसभा अध्यक्ष हरिभाऊ बागडे और विधान परिषद में सभापति रामराजे निम्बालकर को पत्र भेज कर जवाब मांगा है। वहीं, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में माफी मांगी।
दरअसल, राज्यपाल ने अपना अभिभाषण अंग्रेजी में पढ़ा। हर साल बजट सत्र की शुरुआत में जब राज्यपाल का अभिभाषण अंग्रेजी में शुरू होता है तो सदस्यों को उसका मराठी में अनुवाद सुनाया जाता है। लेकिन, राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान मराठी अनुवादक ही गायब रहा जबकि गुजराती में अनुवाद सुनाई दे रहा था। इसके विरोध में विपक्ष ने राज्यपाल के अभिभाषण का बहिष्कार कर दिया और विधान भवन परिसर में छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रतिमा के सामने बैठ कर प्रदर्शन किया।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि यह विधान परिषद के सभापति और विधानसभा अध्यक्ष के अधिकार क्षेत्र का मामला है। इसलिए इस मामले में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। विधानसभा अध्यक्ष ने मराठी अनुवादक न होने पर नाराजगी जताते हुए इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार दोषी व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का निर्देश दिया है।
मंत्री बने अनुवादक,
मराठी अनुवादक न होने से विपक्ष के हंगामे के बीच शिक्षामंत्री विनोद तावडे़ ने सदन में मराठी अनुवादक की भूमिका निभाई। विपक्ष के हंगामे को देखते हुए तावडे़ ने नियंत्रण कक्ष में पहुंच कर राज्यपाल के अंग्रेजी भाषण का  मराठी में अनुवाद किया।
यह काफी गंभीर मामला है। मेरा सभापति और अध्यक्ष से निवेदन है कि इस मामले में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। इस पूरे मामले में मैं सदन से माफी मांगता हूं. - देवेंद्र फडणवीस, मुख्यमंत्री
राज्य सरकार ने मराठी भाषा के अनुवादक की व्यवस्था ही नहीं की। यह राज्य के संसदीय इतिहास में पहली बार हुआ है। इस तरह सरकार ने मराठी भाषा की हत्या का प्रयास किया है।  - जयंत पाटिल, नेता एनसीपी

Comments

Popular posts from this blog

आँनलाइन फार्मेसी के खिलाफ आज दवा दुकानदार हड़ताल पर

मुंब्रा। ई-कॉमर्स से दवा बिक्री होने के खिलाफ आज शुक्रवार को देशभर के दवा दुकानदार हड़ताल पर रहेंगे। इस हड़ताल में दिल्ली में मौजूद 12 हजार से अधिक दवा विक्रेता शामिल होंगे। हालांकि, अस्पतालों में स्थित दवा दुकानों को हड़ताल से बाहर रखा गया है। दवाओं की ऑनलाइन बिक्री के खिलाफ दुकानदारों ने जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन करने की भी तैयारी की है। इस बारे में ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स (एआइओसीडी) के अध्यक्ष जेएस शिंदे ने प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि केंद्र सरकार ने इंटरनेट के जरिये दवाओं की बिक्री यानी ई-फार्मेसी को मंजूरी दे दी है। सरकार के इस कदम के खिलाफ 28 सितंबर को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया गया है। इस हड़ताल में देशभर के 7 लाख खुदरा व 1.5 लाख थोक दवा दुकानदार शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि इन साढ़े आठ लाख दुकानों से करीब 40 लाख स्टॉफ जुड़े हैं। इसके अलावा 1.5 से 2 करोड़ औषधि प्रतिनिधि भी हड़ताल में शामिल होंगे, क्योंकि ऑनलाइन फार्मेसी से इनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। एआइओसीडी के महासचिव राजीव सिंघल ने कहा कि सवाल मात्र व्...

जो मस्जिद में नमाज नहीं पढ़ते उनके घरों को जला दिया जाय- बाबरी के पक्षकार

  यूपी। नमाज कहीं भी पढ़ी जा सकती है। मस्जिद में नमाज पढऩा अधिक पुण्यदायी है। मस्जिद अल्लाह का घर है। पैगमबर मोहम्मद साहब ने भी बिना किसी मजबूरी के मस्जिदों के बाहर नमाज पढऩा पसंद नहीं फरमाया है। कुरान में तो यहां तक उल्लेख मिला कि मस्जिद में नमाज न पढऩे वाले के घरों में आग लगा दी जाय। सुप्रीम कोर्ट का इस मसले पर फैसला आने के बाद ऐसी एक नहीं अनेक टिप्पणियां मुस्लिम नेता कर रहे हैं। यह कहना अनुचित है कि नमाज के लिए मस्जिद आवश्यक नहीं है। न केवल मजहबी अकीदे की दृष्टि से बल्कि सुप्रीमकोर्ट के ताजा फैसले के संदर्भ में भी ऐसी दावेदारी बेदम है। नमाज से जुड़े फैसले पर मुस्लिम नेता बोले, नमाज कहीं भी पढ़ी जा सकती है हेलाल कमेटी के संयोजत एवं बाबरी के पक्षकार खालिक अहमद खान का मानना है कि कोर्ट के ताजा फैसले की मीडिया एवं हिंदू पक्ष गलत व्याख्या कर रहा है। हकीकत तो यह है कि कोर्ट का ताजा फैसला उस बुनियाद को मजबूत करने वाला है, जिस बुनियाद पर मुस्लिम बाबरी की लड़ाई लड़ रहे हैं। बकौल खालिक कोर्ट के ताजा फैसले से यह स्पष्ट हुआ है कि जन्मभूमि विवाद की सुनवाई धार्मिक भावना के आधार पर न...

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे बोले: सावधानी से बढ़ेंगे आग, महाराष्ट्र के कुछ इलाकों में तीन मई के बाद लाॅकडाउन से मिलेगी छूट

  मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को कहा कि वह कुछ इलाकों में तीन मई के बाद लॉकडाउन से छूट देंगे। उन्होंने कहा कि वह आने वाले समय में सावधानी से आगे बढ़ेंगे। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा, 'तीन मई के बाद निश्चित रूप से हम कुछ इलाकों की स्थिति को देखते हुए छूट देंगे, लेकिन आप सभी सतर्क रहें और सहयोग करें, अन्यथा पिछले कुछ दिनों में हमने जो कुछ भी हासिल किया है वह बेकार हो जाएगा।' ठाकरे ने कहा कि हम धैर्य और सावधानी के साथ आगे बढ़ेंगे। महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के सबसे अधिक मामले हैं। कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या दस हजार के पार पहुंच चुकी है। ताजा आंकड़ों के अनुसार, राज्य में अब तक 10,498 मरीज मिल चुके हैं। वहीं, इसमें से 1773 लोग ठीक हुए हैं। इसके अलावा 459 लोगों की मौत हुई है। वहीं, लॉकडाउन के दौरान महाराष्ट्र पुलिस ने आदेश को सख्ती से लागू करते हुए राज्य भर में लॉकडाउन का उल्लंघन करने 85,500 से अधिक लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए और अभी तक 16,962 लोगों को गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को बताया कि मार्च से कोविड-19 से लड़ते और...