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क्या सिर्फ कार्यक्रम होने तक ही तिरंगे झंड़े का होता है सम्मान..?



मुंबई। गणतंत्र दिवस हो या स्वतंत्रता दिवस इस दिवस को मनाने में हम कोई कसर नहीं छोड़ते। इस दिन ध्वजारोहण की रस्म को अदा किया जाता है और झंडे का सम्मान करते हैं। लेकिन कार्यक्रम खत्म होते ही झंडे का अपमान करना लोगों के लिए जैसे मानों आम बात है।
अक्सर प्रोग्राम खत्म होने के बाद कई बार यह देखने में आया है कि बच्चे जब तक प्रोग्राम होता है तिरंगे को अपने हाथों में पकड़े रखते हैं और जैसे ही प्रोग्राम खत्म हुआ वो तिरंगों को रास्ते भर में फेंक कर चले जाते हैं।
26 जनवरी के मौके पर करनाल के कर्ण स्टेडियम में गणतंत्र दिवस कार्यक्रम खत्म होने के बाद ऐसा ही कुछ देखने को मिला। कई जगहों पर तिरंगा झंडा गिरा हुआ पाया गया, लेकिन जब एक छोटी बच्ची चेष्टा दुग्गल जोकि करनाल की रहने वाली है गिरे हुए झंडों को इकट्ठा कर अपने घर लेकर जा रही थी, उसी दौरान ईटीवी भारत की टीम ने उस बच्ची से बात की, बातचीत में उसने बताया कि यह झंडे उसने ग्राउंड से उठाए हैं।
इससे ये चीज साफ होती है कि बच्चों को जैसी शिक्षा दी जाती है वैसे ही विचार और सोच उनके व्यवहार में झलकती है।
ऐसा नहीं है कि झंडे का अपमान सिर्फ इसी स्कूली कार्यक्रमों में किया गया है, ऐसा अक्सर पाया गया है कि कार्यक्रमों की समाप्ति के बाद झंडे का अपमान किया जाता है।
अब आपको बताते हैं कब-कब और किस-किस ने किया तिरंगे का अपमानः
इंटरनेशनल योगा डे के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने तिरेंगे का अपमान किया। गर्मी के कारण आए पसीने को उन्होंने तिरंगे से पोंछा।
मॉरिशस के दौरे पर गए सीएम योगी आदित्यनाथ के सामने भारत के राष्ट्रीय ध्वज के अपमान का मामला सामने आया है। सीएम योगी अप्रवासी घाट का दौरा करते हुए आगंतुक पुस्तिका पर हस्ताक्षर किए। सीएम जिस जगह पर बैठकर हस्ताक्षर कर रहे थे। उस टेबल पर भारत का झंडा उल्टा लगा हुआ था।
साल 2000 में इंडियन फैशन वीक के दौरान फैशन डिजाइनर मालिनी रमाली पर तिरंगे के अपमान का केस दर्ज किया गया था।
साल 2011 में टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा के खिलाफ तिरंगे के अपमान का केस दर्ज हुआ था। क्योंकि उन्होंने तिरंगे के नजदीक अपने पैर रखे थे।
साल 2011 में सचिन तेंदुलकर के खिलाफ तिरंगे के अपमान का केस दर्ज हुआ क्योंकि उन्होंने तिरंगे वाला केक काटा था।
साल 2011 में अभिनेत्री मंदिरा बेदी ने तिरंगे की बॉर्डर वाली साड़ी पहनी थी, जिसे तिरंगे का अपमान करार देते हुए मामला दर्ज किया गया था।
साल 2012 में क्रिकेट वर्ल्ड कप के दौरान शाहरूख खान ने उल्टा झंडा लहराया था, जिसके बाद उन पर केस दर्ज हुआ था।
लॉर्ड्स में हुए महिला क्रिकेट विश्वकप के मौके पर भारतीय टीम की हौसला बढ़ाने बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार भी पहुंचे थे। अक्षय ने इस दौरान तिरंगे को उल्टा पकड़ लिया था जिसके बाद ट्विटर पर उनकी काफी आलोचना हो रही थी। अक्षय ने अपनी गलती मानते हुए सभी से माफी मांग ली है। इसके साथ ही अक्षय ने वो तस्वीर भी डिलीट कर दी है जिसमें उन्होंने तिरंगा उल्टा पकड़ा था।
साल 2014 में मल्लिका शेरावत ने तिरंगा पहनकर गाड़ी के बोनेट पर तस्वीर खिंचवाई थी, जिसके बाद उन पर भी केस दर्ज हुआ था।
5 फरवरी 2015 को भारत-पाकिस्‍तान के खिलाफ खेले गए क्रिकेट विश्‍वकप के मैच के बाद अमिताभ और अभिषेक ने तिरंगे का अपमान किया। इस मैच में भारत की जीत के बाद अमिताभ और अभिषेक ने घर के बाहर राष्ट्रीय ध्वज को ओढ़ा, इससे ध्वज का अपमान हुआ।
साल 2017 में चीनी कंपनी अलीबाबा ने उत्तराखंड के अल्मोड़ा में तिरंगे झंडे के बक्से में पैक किए गए चीनी जूते..किया झंडे का अपमान।
क्या है भारतीय ध्वज संहिता (Flag Code Of India)
ये एक कानून है जिसमे तिरंगे को फहराने के कुछ नियम और कायदे हैं। ‘फ्लेग कोड ऑफ इंडिया’ को न मामने वाले या इस कानून के तहत गलत तरीके से झंडा फहराने वाले को 3 साल तक की जेल हो सकती है, जुर्माना हो सकता है या फिर जेल और जुर्माना दोनों हो सकता है।
क्या हैं नियम?
तिरंगा हमेशा सिल्क, खादी और कॉटन का होना चाहिए
फटे या क्षतिग्रस्त झंडे को नहीं फहराया जा सकता,
सम्मानपूर्ण जगह पर झंडा फहराया जाए, जहां से वो साफ दिखाई दे,
झंडे को विशेष मौकों पर रात को भी फहराया जा सकता है,
फटा या मैला झंडा नहीं फहराया जा सकता है,
झंडे पर कुछ भी लिखना या छापना सख्त मना है,
झंडा केवल राष्ट्रीय शोक के मौके पर ही आधा झुका रह सकता है,
किसी भी दूसरे झंडे को राष्ट्रीय ध्वज से ऊंचा या बराबर में न लगाया जाए,
झंडा अगर फट जाए या मैला हो जाए तो उसे एकांत में पूरा नष्ट किया जाए,
झंडा स्फूर्ति से फहराया जाए और धीरे-धीरे आदर के साथ उतारा जाए,
बिगुल बजाया जाता है तो झंडे को बिगुल की आवाज के साथ ही फहराया और उतारा जाए
सरकारी भवन पर झंडा..

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