Skip to main content

महाराष्ट्र दिवस: 1960 में आया था महाराष्ट्र अस्तित्व में: जानिए इसका इतिहास




 मुंबई। देश के राज्यों के भाषायी पुनर्गठन के फलस्वरूप एक मई, 1960 को महाराष्ट्र राज्य का प्रशासनिक प्रादुर्भाव हुआ था। यह राज्य आसपास के मराठी भाषी क्षेत्रों को मिलाकर बनाया गया, जोकि पहले चार अलग-अलग प्रशासनों के नियंत्रण में थे।
इनमें मूल ब्रिटिश मुंबई प्रांत में शामिल दमन और गोवा के बीच का जिला, हैदराबाद के निजाम की रियासत के पांच जिले, मध्य प्रांत (मध्य प्रदेश) के दक्षिण आठ जिले तथा आसपास की ऐसी अनेक छोटी-छोटी रियासतें शामिल थीं, जो समीपवर्ती जिलों में मिल गईं थीं।
महाराष्ट्र प्रायद्वीपीय भारत के उत्तर में बसा हुआ है और भौगोलिक दृष्टि से एक समान है। यहां का मुंबई बंदरगाह अरब सागर का एक महत्वपूर्ण बंदरगाह है। भौतिक दृष्टि से यह राज्य मुख्यतः पठारी है। महाराष्ट्र पठारों का पठार है। इसके उठे हुए पश्चिमी किनारे सह्याद्रि पहाड़ियों का निर्माण करते हैं और समुद्र तट के समानांतर हैं तथा इसकी ढलान पूर्व तथा दक्षिण-पूर्व की ओर धीरे-धीरे बढ़ती है।
राज्य के उत्तरी भाग में सतपुड़ा की पहाड़ियां हैं, जबकि अजंता तथा सतमाला पहाड़ियां राज्य के मध्य भाग से होकर जाती हैं। अरब सागर महाराष्ट्र की पश्चिमी सीमा का प्रहरी है, जबकि गुजरात और मध्य प्रदेश इसके उत्तर में हैं। राज्य की पूर्वी सीमा पर छत्तीसगढ़ है और कर्नाटक तथा आंध्र प्रदेश इसके दक्षिण में हैं।
महाराष्ट्र का इतिहास
महाराष्ट्र के पहले प्रसिद्ध शासक सातवाहन (ईसा पूर्व 230 से 225 ईस्वी) थे जोकि महाराष्ट्र के संस्थापक थे। उन्होंने अपने पीछे बहुत से साहित्यिक, कलात्मक तथा पुरातात्विक प्रमाण छोड़े हैं। उनके शासनकाल में मानव जीवन के हर क्षेत्र में भरपूर प्रगति हुई।
इसके बाद वाकाटक आए, जिन्होंने सर्व-भारतीय साम्राज्य की स्थापना की। उनके शासनकाल में महाराष्ट्र में शिक्षा, कला तथा धर्म सभी दिशाओं में विकास हुआ। उनके शासन के दौरान ही अजंता की गुफाओं में उच्च कोटि के भित्तिचित्र बनाए गए। वाकाटकों के बाद कुछ समय के लिए कलचुरी वंश ने शासन किया और फिर चालुक्य सत्ता में आए। इसके बाद तटवर्ती इलाकों में शिलाहारों के अलावा महाराष्ट्र पर राष्ट्रकूट तथा यादव शासकों का नियंत्रण रहा। यादवों ने मराठी को शासन की भाषा बनाया और दक्षिण के एक बड़े भाग पर अपना आधिपत्य कायम किया।
हालांकि बहमनी शासकों ने महाराष्ट्र तथा इसकी संस्कृति को कुछ हद तक समन्वित किया, पर शिवाजी के कुशल नेतृत्व में महाराष्ट्र का सर्वांगीण विकास हुआ और यह एक अलग पहचान के साथ उभरकर सामने आया। शिवाजी ने स्वराज तथा राष्ट्रीयता की एक नई भावना पैदा की। उनकी प्रचंड शक्ति ने मुगलों को भारत के इस भाग में आगे नहीं बढ़ने दिया। पेशवाओं ने दक्षिण के पठार से लेकर पंजाब पर हमला बोलकर मराठाओं का आधिपत्य स्थापित किया।
स्वतंत्रता संग्राम में महाराष्ट्र सबसे आगे था। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का जन्म भी यहीं हुआ। मुंबई तथा महाराष्ट्र के अन्य शहरों के अनगिनत नेताओं ने पहले तिलक और बाद में महात्मा गांधी के मार्गदर्शन में कांग्रेस के आंदोलन को आगे बढ़ाया। गांधीजी ने भी अपने आंदोलन का केंद्र महाराष्ट्र को बनाया था और गांधी युग में राष्ट्रवादी देश की राजधानी सेवाग्राम थी।
पर्यटन स्थल
राज्य के महत्वपूर्ण पर्यटन केंद्र हैं:
अजंता,एलोरा,एलिफेंटा,
कन्हेरी और कारला गुफाएं
महाबलेश्वर,माथेरन और पंचगनी
जवाहर,मालशेजघाट,अंबोली,
चिकलधारा और पन्हाला पर्वतीय स्थल।
पंढरपुर, नासिक, शिरडी, नांदेड़, औधानागनाथ, त्र्यंबकेश्वर, तुलजापुर, गणपतिपुले, भीमशंकर, हरिहरेश्वर, शेगांव, कोल्हापुर, जेजुरी तथा अंबजोगई प्रसिद्ध धार्मिक स्थान हैं।

Comments

Popular posts from this blog

आँनलाइन फार्मेसी के खिलाफ आज दवा दुकानदार हड़ताल पर

मुंब्रा। ई-कॉमर्स से दवा बिक्री होने के खिलाफ आज शुक्रवार को देशभर के दवा दुकानदार हड़ताल पर रहेंगे। इस हड़ताल में दिल्ली में मौजूद 12 हजार से अधिक दवा विक्रेता शामिल होंगे। हालांकि, अस्पतालों में स्थित दवा दुकानों को हड़ताल से बाहर रखा गया है। दवाओं की ऑनलाइन बिक्री के खिलाफ दुकानदारों ने जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन करने की भी तैयारी की है। इस बारे में ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स (एआइओसीडी) के अध्यक्ष जेएस शिंदे ने प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि केंद्र सरकार ने इंटरनेट के जरिये दवाओं की बिक्री यानी ई-फार्मेसी को मंजूरी दे दी है। सरकार के इस कदम के खिलाफ 28 सितंबर को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया गया है। इस हड़ताल में देशभर के 7 लाख खुदरा व 1.5 लाख थोक दवा दुकानदार शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि इन साढ़े आठ लाख दुकानों से करीब 40 लाख स्टॉफ जुड़े हैं। इसके अलावा 1.5 से 2 करोड़ औषधि प्रतिनिधि भी हड़ताल में शामिल होंगे, क्योंकि ऑनलाइन फार्मेसी से इनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। एआइओसीडी के महासचिव राजीव सिंघल ने कहा कि सवाल मात्र व्...

जो मस्जिद में नमाज नहीं पढ़ते उनके घरों को जला दिया जाय- बाबरी के पक्षकार

  यूपी। नमाज कहीं भी पढ़ी जा सकती है। मस्जिद में नमाज पढऩा अधिक पुण्यदायी है। मस्जिद अल्लाह का घर है। पैगमबर मोहम्मद साहब ने भी बिना किसी मजबूरी के मस्जिदों के बाहर नमाज पढऩा पसंद नहीं फरमाया है। कुरान में तो यहां तक उल्लेख मिला कि मस्जिद में नमाज न पढऩे वाले के घरों में आग लगा दी जाय। सुप्रीम कोर्ट का इस मसले पर फैसला आने के बाद ऐसी एक नहीं अनेक टिप्पणियां मुस्लिम नेता कर रहे हैं। यह कहना अनुचित है कि नमाज के लिए मस्जिद आवश्यक नहीं है। न केवल मजहबी अकीदे की दृष्टि से बल्कि सुप्रीमकोर्ट के ताजा फैसले के संदर्भ में भी ऐसी दावेदारी बेदम है। नमाज से जुड़े फैसले पर मुस्लिम नेता बोले, नमाज कहीं भी पढ़ी जा सकती है हेलाल कमेटी के संयोजत एवं बाबरी के पक्षकार खालिक अहमद खान का मानना है कि कोर्ट के ताजा फैसले की मीडिया एवं हिंदू पक्ष गलत व्याख्या कर रहा है। हकीकत तो यह है कि कोर्ट का ताजा फैसला उस बुनियाद को मजबूत करने वाला है, जिस बुनियाद पर मुस्लिम बाबरी की लड़ाई लड़ रहे हैं। बकौल खालिक कोर्ट के ताजा फैसले से यह स्पष्ट हुआ है कि जन्मभूमि विवाद की सुनवाई धार्मिक भावना के आधार पर न...

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे बोले: सावधानी से बढ़ेंगे आग, महाराष्ट्र के कुछ इलाकों में तीन मई के बाद लाॅकडाउन से मिलेगी छूट

  मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को कहा कि वह कुछ इलाकों में तीन मई के बाद लॉकडाउन से छूट देंगे। उन्होंने कहा कि वह आने वाले समय में सावधानी से आगे बढ़ेंगे। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा, 'तीन मई के बाद निश्चित रूप से हम कुछ इलाकों की स्थिति को देखते हुए छूट देंगे, लेकिन आप सभी सतर्क रहें और सहयोग करें, अन्यथा पिछले कुछ दिनों में हमने जो कुछ भी हासिल किया है वह बेकार हो जाएगा।' ठाकरे ने कहा कि हम धैर्य और सावधानी के साथ आगे बढ़ेंगे। महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के सबसे अधिक मामले हैं। कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या दस हजार के पार पहुंच चुकी है। ताजा आंकड़ों के अनुसार, राज्य में अब तक 10,498 मरीज मिल चुके हैं। वहीं, इसमें से 1773 लोग ठीक हुए हैं। इसके अलावा 459 लोगों की मौत हुई है। वहीं, लॉकडाउन के दौरान महाराष्ट्र पुलिस ने आदेश को सख्ती से लागू करते हुए राज्य भर में लॉकडाउन का उल्लंघन करने 85,500 से अधिक लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए और अभी तक 16,962 लोगों को गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को बताया कि मार्च से कोविड-19 से लड़ते और...