Skip to main content

उद्धव सरकार का बड़ा फैसला, किराएदारों से तीन महीने तक मकान मालिक नहीं ले सकेंगे किराया



मुंबई: कोरोना वायरस (Coronavirus) को लेकर सबसे ज्यादा कोई प्रदेश परेशान हैं तो वह महाराष्ट्र है. जहां प्रतिदिन कोरोना वायरस  के मामले बढ़ते ही जा रहे है. इस बीच लॉकडाउन को लेकर महाराष्ट्र सरकार ने प्रदेश में किराए के मकान में रहने वाले लोगों को एक बड़ी राहत दी है. सरकार की तरफ से जारी एक सर्कुलर में कहा गया है कि कोई भी मकान मालिक (Landlord) अपने किराएदार से तीन महीने तक किराया ना लें. राज्य सरकार ने मकान मालिकों को कम से कम 3 महीने के लिए किराए को स्थगित करने का निर्देश दिया है. सरकार के इस फैसले से किराए के घर में रहने वाले किरायेदारों को बड़ी राहत मिली है. सरकार के इस आदेश के बाद यदि किरायेदार मकान मालिक को 3 महीने का मौजूदा समय में घर का किराया नहीं  दे पाता है तो उसे घर से नहीं निकाला जा सकता है.

शुक्रवार को आवास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय कुमार की तरफ से  किरायेदारों के हक़ में एक सर्कुलर जारी किया. इसमें कहा गया है कि विश्व भर में फैले कोविड-19 के प्रकोप को रोकने पूरे देश में तालाबंदी की घोषणा की गई है और यह तीन मई तक जारी रहेगा. लॉकडाउन के कारण, सभी व्यापारिक संस्थाएं, बाजार, कारखाने और समग्र वित्तीय / व्यावसायिक लेनदेन बंद हैं. इससे आम जनता के रोजगार पर भी असर पड़ा है और कई लोगों की आजीविका बंद हो गई है. ऐसे में कोई किरायेदार भाड़ा नही दे पाता है तो उसे घर से बेदखल ना करे. यह भी पढ़े: Coronavirus: महाराष्ट्र में कोरोना का कहर जारी, 288 और मामले आए सामने,सात लोगों की मौत

बता दें कि देश में अब तक  कोविड-19  के कुल 13 387 मामले सामने आए हैं, जबकि 437 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं सबसे ज्यादा कोई राज्य प्राभावित है तो महाराष्ट्र है. इस प्रदेश में शुक्रवार को 7 लोगों की मौत हुई है. इसके साथ ही प्रदेश में कोरोना वायरस मामलों की कुल संख्या 3,204 हो गई है. वहीं इस जानलेवा महामारी से मरने वालों की संख्या बढ़कर 194 हो गई है. हालांकि महाराष्ट्र इस महामारी को लेकर लगातार लोगों से संयम बरतने की बात कह रही है. सरकार की तरफ से कहा जा रहा है कि संकट का समय जरूर है. लेकिन लोग संयम बरते लोगों को राहत जरूर मिलेगी.

Comments

Popular posts from this blog

आँनलाइन फार्मेसी के खिलाफ आज दवा दुकानदार हड़ताल पर

मुंब्रा। ई-कॉमर्स से दवा बिक्री होने के खिलाफ आज शुक्रवार को देशभर के दवा दुकानदार हड़ताल पर रहेंगे। इस हड़ताल में दिल्ली में मौजूद 12 हजार से अधिक दवा विक्रेता शामिल होंगे। हालांकि, अस्पतालों में स्थित दवा दुकानों को हड़ताल से बाहर रखा गया है। दवाओं की ऑनलाइन बिक्री के खिलाफ दुकानदारों ने जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन करने की भी तैयारी की है। इस बारे में ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स (एआइओसीडी) के अध्यक्ष जेएस शिंदे ने प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि केंद्र सरकार ने इंटरनेट के जरिये दवाओं की बिक्री यानी ई-फार्मेसी को मंजूरी दे दी है। सरकार के इस कदम के खिलाफ 28 सितंबर को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया गया है। इस हड़ताल में देशभर के 7 लाख खुदरा व 1.5 लाख थोक दवा दुकानदार शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि इन साढ़े आठ लाख दुकानों से करीब 40 लाख स्टॉफ जुड़े हैं। इसके अलावा 1.5 से 2 करोड़ औषधि प्रतिनिधि भी हड़ताल में शामिल होंगे, क्योंकि ऑनलाइन फार्मेसी से इनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। एआइओसीडी के महासचिव राजीव सिंघल ने कहा कि सवाल मात्र व्...

चार लोकसभा और 10 विधानसभा उपचुनाव के नतीजे थोड़ी देर में, कैराना सीट पर सबकी है नजर

 पालघर। देश के 4 लोकसभा और 10 विधानसभा सीटों पर सोमवार को हुए उपचुनाव के नतीजे आज बृहस्पतिवार को आएंगे। बृहस्पतिवार सुबह 8 बजे इन सभी सीटों पर मतों की गिनती शुरू हो चुकी है। इन सभी सीटों में से सबसे ज्यादा नजर उत्तर प्रदेश की कैराना लोकसभा सीट पर रहेगी। यहां बीजेपी को हराने के लिए विपक्षी पार्टियां रालोद उम्मीदवार का समर्थन कर रही हैं। 2019 लोकसभा चुनाव की ओर बढ़ रहे देश में विपक्षी पार्टियां कैराना में बीजेपी को हरा कर एक बड़ा संदेश देना चाहती हैं। सोमवार को हुए मतदान में काफी जगह ईवीएम-वीवीपैट में गड़बड़ी की खबरें आई थीं, जिसके बाद यूपी की कैराना, महाराष्ट्र की भंडारा-गोंदिया लोकसभा और नगालैंड की एक विधानसभा सीट के कुछ पोलिंग बूथों पर दोबारा वोट डलवाए गए थे। कैराना से भाजपा सांसद हुकुम सिंह और नूरपुर में भाजपा विधायक लोकेंद्र चौहान के निधन के कारण उप चुनाव हो रहे हैं। कैराना लोकसभा सीट के उपचुनाव पर देश के राजनीतिक दलों की निगाहें हैं। क्योंकि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले हो रहे इस चुनाव की नतीजे देश की सियासत को नया संदेश देने वाले हैं। गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीट क...

महाराष्ट्र से वापस लौट सकेंगे प्रवासी मजदूर,डीएम की अनुमति होगी जरूरी

मुंबई। लॉकडाउन की वजह से देशभर में लॉकडाउन लागू है. अलग-अलग राज्यों के मजदूर और लोग दूसरे राज्यों में फंस गए हैं. महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख गुरुवार को कहा कि प्रवासी और अन्य फंसे हुए लोग अपने-अपने राज्यों में जिला मजिस्ट्रेट की अनुमति के बाद वापस लौट जाएंगे. जिला मजिस्ट्रेट ही प्रवासी मजदूरों को वापस भेजने के लिए नोडल अधिकारी की भूमिका में होंगे. लोगों को नाम, मोबाइल नंबर, गाड़ियों का विवरण(अगर हो तो), राज्य में अकेले हैं या साथ में हैं, इन सबका क्रमवार ब्यौरा देना होगा. महाराष्ट्र में लॉकडाउन की घोषणा के बाद लगभग 6 लाख मजदूर फंसे हैं. ये मजदूर बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और ओडिशा के हैं. इस वक्त इन मजदूरों के रहने-खाने की जिम्मेदारी महाराष्ट्र सरकार पर है. हालांकि कुछ मजदूर अपने गृह राज्य जाने की मांग कर रहे हैं. अब गृह मंत्रालय की ओर से जारी नई गाइडलाइन के मुताबिक मजदूर अपने राज्यों को लौट सकेंगे. राज्य इसके लिए तैयारी कर रहे हैं. दरअसल बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र जैसे कुछ राज्यों की मांग के बाद गृह मंत्रालय ने अलग-अलग स्थानों पर फंसे हुए प्रवासी मजदूरों, लोगों और ...