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राहुल गांधी की कोरोना वायरस पर प्रेस कॉन्फ्रेंस, गांधी ने मोदी सरकार को दिए अहम सुझाव



 
  नई दिल्ली। राहुल गांधी ने कहा कि कोरोना वायरस की वजह से देश पर वित्तीय दबाव बढ़ने वाला है। उन्होंने कहा कि सरकार को पहले से इसके लिए तैयारी रखनी चाहिए। फूड एक बड़ी समस्या बनने वाली है। गोदाम भरे पड़े हैं लेकिन गरीबों के पास खाने को नहीं है।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कोरोना संक्रमण को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों के सवालों के जवाब दिए। राहुल गांधी ने सबसे ज्यादा जोर देकर इस बात को कहा कि लॉकडाउन से इस बीमारी का हल नहीं निकलेगा। इसको परास्त केवल टेस्टिंग के ही किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मैं सरकार की कमियां नहीं बता रहा हूं बल्कि कैसे हम मिलजुलकर इस बीमारी को भगाएंगे इस बात को बताने की कोशिश कर रहा हूं। राहुल गांधी ने लॉकडाउन से लेकर बेरोजगारी, अप्रवासी मजदूर अर्थव्यवस्था और कोरोना टेस्टिंग को लेकर अपनी बात रखी।
1- कोविड को नियंत्रित नहीं किया जा सकता है, इसे गतिशील रूप से प्रबंधित करना होगा। यदि आप इसे ठीक से प्रबंधित करते हैं, तो आप इससे लड़ने में सक्षम होंगे, लेकिन यदि आप इसे आज़माते हैं और इसे नियंत्रित करते हैं, तो आप नहीं कर पाएंगे।
2- बहुत कमजोर तरीके देखकर मुझे चिंता होती है। मुझे राज्यों को बहुत अधिक शक्ति देना; लॉकडाउन रणनीति के बारे में राज्यों और पीएम के बीच सामंजस्य देखना अच्छा लगेगा।
3- हमारे लिए, जीवन सबसे महत्वपूर्ण है और हम बस अपने लोगों को इन परिस्थितियों में नहीं आने दे सकते। हमें उनकी रक्षा करनी होगी और हमारी अर्थव्यवस्था को भी नष्ट नहीं करना होगा।
4- आपको स्ट्रक्चर सेट करना होगा और अपनी फंडिंग का प्रबंधन करना होगा। यदि आप अपना सारा पैसा अभी खर्च करते हैं और तब वित्तीय संकट होगा, इसलिए आपको रणनीतिक रूप से सोचने और आगे बढ़ने की आवश्यकता है।
5- बड़े पैमाने पर वित्तीय समस्या आने वाली है। आप बेरोजगारी की पहली लहरों को देखने जा रहे हैं और फिर यह बढ़ेगी। आप हमारी वित्तीय प्रणाली पर भारी दबाव देखेंगे : श्रीजब आप लोगों को बंद कर देते हैं, तो बीमारी बंद हो जाती है, जब आप दरवाजा खोलते हैं, तो बीमारी तेजी से बाहर आती है।
6- भारत में दो बुनियादी क्षेत्र बने - हॉटस्पॉट ज़ोन और नॉन-हॉटस्पॉट। वायरस की पहचान के लिए टेस्ट का उपयोग कीजिए, ताकि आप हॉटस्पॉट की तुरंत निगरानी कर सकें और उसे नियंत्रित कर सकें।
7- अगर आप कुछ प्रमुख क्षेत्रों को खोलते हैं, तो बीमारी की पहचान के लिए टेस्ट का उपयोग करें। यह वह जगह है, जहां गतिशील रूप से हॉटस्पॉट्स की पहचान करने के लिए टेस्टिंग का बढ़ना महत्वपूर्ण है।
8- लॉकडाउन के बाद की रणनीति पर ध्यान देना जरूरी है। टेस्टिंग, मेडिकल की रणनीति क्या होगी? PHC, हॉस्पिटल को कैसे तैयार करोगे? क्योंकि, लॉकडाउन के बाद बीमारी बढ़ेगी। एक्शन में देरी नहीं होनी चाहिए।
9- एक बार बीमारी शुरू हो गई तो सभी देशों ने टेस्टिंग किट मंगानी शुरू कर दी। इसलिए कमी स्वाभाविक है। लेकिन हमें कोई न कोई तरीका निकालना पड़ेगा। टेस्टिंग को बढ़ाना ही होगा। अगर आप कोविड से लड़ना चाहते हैं तो बिना टेस्टिंग के यह संभव नहीं है। अगर आप नॉन हॉटस्पॉट्स में जांच ही नहीं कर रहे हैं तो आप कामयाब नहीं हो सकते। इसे रणनीति बनाकर करना होगा। वायरस के खिलाफ टेस्टिंग एक बड़ा हथियार है।
10- जिस दिन कोविड को हिंदुस्तान ने हरा दिया, उस दिन बताऊंगा कि कमी कहां रह गई। आज मैं कंस्ट्रक्टिव सजेशन देना चाहता हूं, तू-तू-मैं-मैं नहीं करना चाहता। इसमें सबको मिलकर एक साथ लड़ना होगा। मैं नरेंद्र मोदी से बहुत बातों में असहमति रखता हूं लेकिन यह लड़ने का वक्त नहीं है। किसी को डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि अगर हम एकजुट होकर काम करने में कामयाब हुए तो भारत इसे आसानी से हरा देगा। अगर एक दूसरे से हम लड़ना शुरू कर देंगे तो हार जाएंगे।

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