Skip to main content

सपा-बसपा ने यूपी की तर्ज पर महाराष्ट्र में भी कांग्रेस को किया दरकिनार, सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का किया ऐलान




मुंबई। समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) महाराष्ट्र की सभी 48 लोकसभा सीटों पर अपने प्रत्‍याशी उतारेगी. बसपा-सपा ने मंगलवार (19 मार्च) को मुम्बई में इसकी घोषणा करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की तरह महाराष्ट्र में भी सपा-बसपा का गठबंधन प्रदेश की सभी 48 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगा. दोनों दलों के रुख से स्‍पष्‍ट हो गया है कि उत्‍तर प्रदेश की तरह ही महाराष्‍ट्र में भी सपा-बसपा कांग्रेस से चुनावी गठजोड़ नहीं करेगी.

 मुंबई सपा के विधायक अबू आसिम आजमी ने कहा कि दोनों पार्टियां मिलकर "85-90 फीसदी" का प्रतिनिधित्व करती हैं. ऐसे में सपा-बसपा का गठबंधन उत्तर प्रदेश की तरह महाराष्ट्र में बीजेपी और कांग्रेस को पराजित करेगा. बता दें कि कभी एक-दूसरे की विरोधी रही सपा और बसपा उत्तर प्रदेश में गठबंधन कर चुनाव लड़ रही है. दोनों पार्टियों ने आपस में सीटों का बंटवारा भी कर लिया है. इस गठबंधन में कांग्रेस को जगह नहीं मिली है.

वहीं, महाराष्ट्र में पिछले महीने ही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के 25 और शिवसेना के 23 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने पर मुहर लग गई थी. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के बीच मातोश्री में 50 मिनट तक चली बैठक में यह फैसला लिया गया था. महाराष्ट्र में दोबारा सत्ता में आने पर बीजेपी और शिवसेना के बीच पद और ज़िम्मेदारियों का समान रूप से बंटवारा किया जाएगा. शिवसेना के साथ भाजपा के गठबंधन का ऐलान अमित शाह और उद्धव ठाकरे ने संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस करके किया था.

इसी तरह महाराष्ट्र में वंचित बहुजन आघाड़ी के नेता प्रकाश आम्बेडकर ने 15 मार्च को कांग्रेस-एनसीपी को दरकिनार करते हुए लोकसभा चुनाव 2019 के लिए अपने 37 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी . इस लिस्ट में पुणे से अनिल जाधव को उम्मीदवार बनाया गया है तो वहीं, वर्धा से धनराज वंजारी को टिकट दिया है. हालांकि प्रकाश आम्बेडकर सोलापुर से या अकोला से चुनाव लड़ेंगे इस पर अभी भी सस्पेंस बरकरार है.

Comments

Popular posts from this blog

आँनलाइन फार्मेसी के खिलाफ आज दवा दुकानदार हड़ताल पर

मुंब्रा। ई-कॉमर्स से दवा बिक्री होने के खिलाफ आज शुक्रवार को देशभर के दवा दुकानदार हड़ताल पर रहेंगे। इस हड़ताल में दिल्ली में मौजूद 12 हजार से अधिक दवा विक्रेता शामिल होंगे। हालांकि, अस्पतालों में स्थित दवा दुकानों को हड़ताल से बाहर रखा गया है। दवाओं की ऑनलाइन बिक्री के खिलाफ दुकानदारों ने जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन करने की भी तैयारी की है। इस बारे में ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स (एआइओसीडी) के अध्यक्ष जेएस शिंदे ने प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि केंद्र सरकार ने इंटरनेट के जरिये दवाओं की बिक्री यानी ई-फार्मेसी को मंजूरी दे दी है। सरकार के इस कदम के खिलाफ 28 सितंबर को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया गया है। इस हड़ताल में देशभर के 7 लाख खुदरा व 1.5 लाख थोक दवा दुकानदार शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि इन साढ़े आठ लाख दुकानों से करीब 40 लाख स्टॉफ जुड़े हैं। इसके अलावा 1.5 से 2 करोड़ औषधि प्रतिनिधि भी हड़ताल में शामिल होंगे, क्योंकि ऑनलाइन फार्मेसी से इनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। एआइओसीडी के महासचिव राजीव सिंघल ने कहा कि सवाल मात्र व्...

चार लोकसभा और 10 विधानसभा उपचुनाव के नतीजे थोड़ी देर में, कैराना सीट पर सबकी है नजर

 पालघर। देश के 4 लोकसभा और 10 विधानसभा सीटों पर सोमवार को हुए उपचुनाव के नतीजे आज बृहस्पतिवार को आएंगे। बृहस्पतिवार सुबह 8 बजे इन सभी सीटों पर मतों की गिनती शुरू हो चुकी है। इन सभी सीटों में से सबसे ज्यादा नजर उत्तर प्रदेश की कैराना लोकसभा सीट पर रहेगी। यहां बीजेपी को हराने के लिए विपक्षी पार्टियां रालोद उम्मीदवार का समर्थन कर रही हैं। 2019 लोकसभा चुनाव की ओर बढ़ रहे देश में विपक्षी पार्टियां कैराना में बीजेपी को हरा कर एक बड़ा संदेश देना चाहती हैं। सोमवार को हुए मतदान में काफी जगह ईवीएम-वीवीपैट में गड़बड़ी की खबरें आई थीं, जिसके बाद यूपी की कैराना, महाराष्ट्र की भंडारा-गोंदिया लोकसभा और नगालैंड की एक विधानसभा सीट के कुछ पोलिंग बूथों पर दोबारा वोट डलवाए गए थे। कैराना से भाजपा सांसद हुकुम सिंह और नूरपुर में भाजपा विधायक लोकेंद्र चौहान के निधन के कारण उप चुनाव हो रहे हैं। कैराना लोकसभा सीट के उपचुनाव पर देश के राजनीतिक दलों की निगाहें हैं। क्योंकि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले हो रहे इस चुनाव की नतीजे देश की सियासत को नया संदेश देने वाले हैं। गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीट क...

जो मस्जिद में नमाज नहीं पढ़ते उनके घरों को जला दिया जाय- बाबरी के पक्षकार

  यूपी। नमाज कहीं भी पढ़ी जा सकती है। मस्जिद में नमाज पढऩा अधिक पुण्यदायी है। मस्जिद अल्लाह का घर है। पैगमबर मोहम्मद साहब ने भी बिना किसी मजबूरी के मस्जिदों के बाहर नमाज पढऩा पसंद नहीं फरमाया है। कुरान में तो यहां तक उल्लेख मिला कि मस्जिद में नमाज न पढऩे वाले के घरों में आग लगा दी जाय। सुप्रीम कोर्ट का इस मसले पर फैसला आने के बाद ऐसी एक नहीं अनेक टिप्पणियां मुस्लिम नेता कर रहे हैं। यह कहना अनुचित है कि नमाज के लिए मस्जिद आवश्यक नहीं है। न केवल मजहबी अकीदे की दृष्टि से बल्कि सुप्रीमकोर्ट के ताजा फैसले के संदर्भ में भी ऐसी दावेदारी बेदम है। नमाज से जुड़े फैसले पर मुस्लिम नेता बोले, नमाज कहीं भी पढ़ी जा सकती है हेलाल कमेटी के संयोजत एवं बाबरी के पक्षकार खालिक अहमद खान का मानना है कि कोर्ट के ताजा फैसले की मीडिया एवं हिंदू पक्ष गलत व्याख्या कर रहा है। हकीकत तो यह है कि कोर्ट का ताजा फैसला उस बुनियाद को मजबूत करने वाला है, जिस बुनियाद पर मुस्लिम बाबरी की लड़ाई लड़ रहे हैं। बकौल खालिक कोर्ट के ताजा फैसले से यह स्पष्ट हुआ है कि जन्मभूमि विवाद की सुनवाई धार्मिक भावना के आधार पर न...