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राजू पाटिल पांच साल बाद दिखे मुंब्रा कौसा में, शिवसेना के लिए चिंता का विषय




मुंंब्रा। नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमोद राजू पाटिल लगभग पांच साल पहले कल्याण लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लडे तो वह उस समय दिखे और उनकी होर्डिंगे दिखाई दी थी, लेकिन उसके बाद न तो राजू पाटिल दिखे और न ही उनकी
होर्डिंगें दिखी। अब फिर सांसद का चुनाव आ गया है, अभी तो वह नहीं दिखे लेकिन "होली मुबारक" हो की उनकी होर्डिंगें
मुंंब्रा-कौसा में दिखाई दे रही है। सुत्रों के मुताबिक मुंंब्रा कौसा में राजू पाटिल की होली की हार्दिक शुभकामनाओं की लगी इन दर्जनों होर्डिंगों से शिवसेना के सांसद श्रीकांत शिंदे और पालक मंत्री एकनाथ शिंदे के समर्थकों में खलबली मच गई है। क्योंकि जिस दबंगई से राजू पाटिल ने पिछला लोकसभा चुनाव मुंंब्रा कौसा में लडा था, वह अपने आप में एक मिसाल है।
इसे देखते हुए कहा जा सकता है कि श्रीकांत शिंदे के लिए आगे की राह आसान नहीं है। अभी तक ऐसा माना जा रहा था कि एनसीपी के नगरसेवक बाबाजी पाटिल को प्रोजेक्ट करके एनसीपी के स्थानीय नेता शिवसेना से 20-20 का मैच खेलना चाह रहे थे, लेकिन राजू पाटिल कि मुंंब्रा कौसा में होर्डिंगें लगने से मुकाबला वंडे मैच का हो सकता है। वहीं अगर मनसे और एनसीपी का कल्याण लोकसभा क्षेत्र के लिए गठबंधन होता है तो, यह देखना दिलचस्प होगा कि दोनों पार्टियां उत्तर भारतीय मतदाताओं को कैसे संभालती है। जबकि विरोध कि आसंका बनी रहेगी।वहीं मुस्लिम लीग ने भी मुंंब्रा से एक ताकतवर उत्तर भारतीय नेता को मैदान में उतारने की पुरी तैयारी कर ली है, इससे अब मुकाबला त्रिकोणा हो सकता है।

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