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जिंदा लोगों के डेथ सार्टिफिकेट बनाकर बीमें की राशि डकारने वाले, मुंंब्रा के दो डॉक्टर समेत पुलिस ने छह लोगों को किया गिरफ्तार



डोंबिवली।  डोंबिवली में एक ऐसा मामला प्रकाश में आया है, जिसकी कल्पना केवल फिल्मो में ही की जा सकती है। जिसके नाम पर लाखो रुपए का बीमा है, उसका फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बना लिया गया और बीमे के लाखों रुपये हड़प कर लिए गए। बीमा कंपनीयों को करोड़ो रुपए का चूना लगाने वाले मुंब्रा के
दो डॉक्टर समेत छह लोगो को डोंबिवली के क्राईम ब्रांच ने हिरासत में लिए है।
उल्लेखनीय है कि गिरफ्तार किए गए लोगों में से दो आरोपी पेशे से चिकित्साक भी है। बताया जा रहा है कि गिरफ्तार किए गए मुंंब्रा के
दो चिकित्सक ही फर्जी डेथ सर्टीफिकेट बनाया करते थे। पुलिस का मानना है कि इतने बड़े अपराध के पीछे केवल यही लोग नहीं हो सकते, इसलिए पकड़े गए लोगो से कड़ाई से पूछताछ की जा रही है। डोंबिवली के पास एक चाचा ने भी अपने जिन्दा भतीजे  के जीवन बिमा का पैसा निकालने का प्रयास किया। जिसके लिए उन्होनें भतीजे का नकली डेथ सर्टीफिकेट बनवाया। चंद्रशेखर शिंदे ने केवल भतीजे का ही नही, बल्की साथ में उनकी पत्नी बेटा, बहू सभी के नाम के नकली डेथ सर्टीफिकेट बनवा लिए थे और सभी के बीमा के पैसे लेने के लिए क्लेम कर दिया था। कुल मिलाकर 81 लाख रुपए का बीमा था। चंद्रशेखर और उसके साथियों के द्वारा पहले 55 लाख रुपये निकालने का प्रयास किया गया। किन्तु बीमा के पैसे निकालने का मेसेज मोबाइल पर आते ही चंद्रकांत का भतीजा व्यंकटेश शिंदे पुलीस स्टेशन जा पहुंचा। डोंबिवली क्राईम ब्रान्च के सहायक पोलीस इन्सपेक्टर संतोष शेवाडे ने वारदात की जानकारी देते हुए कहा है कि इन लोगो ने अब तक 13 लोगो के नकली डेथ सर्टीफिकेट निकाले हैं। उन्होंने बताया है कि इन सभी लोगों के बीमा के पैसे लूटने का प्लान इन लोगो ने बनाया था। मुंब्रा क्षेत्र में प्रैक्टिस करने वाले दो डॉक्टर इमरान सिद्दीकी, डॉक्टर अब्दुल सिद्दीकी के अलावा कब्रिस्तान में काम करने वाले लोग इसमें शामिल हैं। पुलिस ने बताया कि मुख्य आरोपी चंद्रशेखर है जिसने लूट की पुरी योजना बनाई थी। उसके साथ कब्रिस्तान में काम करने वाले तेजपास मेहरोल, मुंंब्रा के डॉक्टर इमरान सिध्दीकी, डॉक्टर अब्दुल सिद्दीकी, एवं चंद्रशेखर का बेटा नारायण और बहू लक्ष्मी समेत छह लोगों को पुलीस ने हिरासत में ले लिया है।

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