Skip to main content

पत्नी पर था किसी और से अफेयर का शक, आँफिस मे जाकर पति ने चाकू से बारकर कर दिया





भायंंदर : ठाणे के भायंदर में एक शख्स ने अपनी पत्नी के ऑफिस में जाकर चाकू मारकर उसकी हत्या कर दी।
घटना मंगलवार की है। 32 वर्षीय कुमार भोईर नाम के इस शख्स ने हत्या के बाद आत्मसमर्पण कर दिया है। उसने पुलिस को बताया कि उसे शक था कि उसकी पत्नी वीणा (37) का किसी अन्य पुरुष के साथ अफेयर है इसी बात पर वह उससे नाराज था। उसने बताया कि उसकी शादी को 12 साल बीत चुके हैं। शख्स से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पति पत्नी के बीच आए दिन झगड़े होते रहते थे।

वीणा ने 2 जनवरी को घर छोड़ दिया था और कही चली गई थी। इसके बाद कुमार ने उसे लेकर थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जब पुलिस ने वीणा को ढूंढ़ कर निकाला तो उसने कहा कि वह घर वापस नहीं जाना चाहती है उसने अपनी मर्जी से घर छोड़ा है। पुलिस ने बताया
कि कुमार मंगलवार को सीए की एक कंपनी में गया जहां वीणा काम करती थी।

वहां ऑफिस के अंदर ही दोनों के बीच खूब बहस हुई इसी दौरान लड़ाई के बीच कुमार ने वीणा के पेट चाकू घोंप दिया। पत्नी को चाकू मारने के बाद वह वहां से भाग गया और पुलिस को जाकर सरेंडर कर दिया। पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल हुए चाकू को बरामद कर लिया है।


पुलिस के मुताबिक मंगलवार को कुमार भायंदर रेलवे स्टेशन के निकट वीणा के ऑफिस के बाहर काफी देर तक उसका इंतजार किया। वीणा उस ऑफिस में 8 सालों से काम कर रही थी। साढ़े 10 बजे जब वीणा ऑफिस आई कुमार ने ऑफिस के अंदर उसका पीछा करते हुए चला गया। पुलिस ने बताया कि कुमार भी उसी ऑफिस में सेल्समैन का काम करता था।

कुमार ने अंदर जाकर वीणा से बात की और उसे घर वापस चलने के लिए कहा इसपर वीणा ने घर चलने से साफ इनकार कर दिया। यहां पर उन दोनों के बीच काफी गरमागरम बहस शुरू हो गई। वीणा ने उसे कहा कि वह यहां से चला जाए इस बात पर कुमार को गुस्सा आ गया और उसने वीणा को दो-चार थप्पड़ दिए। इसके बाद कुमार ने आवेश में आकर वीणा के पेट में चाकू दे मारा, क्राइम करने के बाद उसने पुलिस में जाकर आत्मसमर्पण कर दिया।

Comments

Popular posts from this blog

आँनलाइन फार्मेसी के खिलाफ आज दवा दुकानदार हड़ताल पर

मुंब्रा। ई-कॉमर्स से दवा बिक्री होने के खिलाफ आज शुक्रवार को देशभर के दवा दुकानदार हड़ताल पर रहेंगे। इस हड़ताल में दिल्ली में मौजूद 12 हजार से अधिक दवा विक्रेता शामिल होंगे। हालांकि, अस्पतालों में स्थित दवा दुकानों को हड़ताल से बाहर रखा गया है। दवाओं की ऑनलाइन बिक्री के खिलाफ दुकानदारों ने जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन करने की भी तैयारी की है। इस बारे में ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स (एआइओसीडी) के अध्यक्ष जेएस शिंदे ने प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि केंद्र सरकार ने इंटरनेट के जरिये दवाओं की बिक्री यानी ई-फार्मेसी को मंजूरी दे दी है। सरकार के इस कदम के खिलाफ 28 सितंबर को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया गया है। इस हड़ताल में देशभर के 7 लाख खुदरा व 1.5 लाख थोक दवा दुकानदार शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि इन साढ़े आठ लाख दुकानों से करीब 40 लाख स्टॉफ जुड़े हैं। इसके अलावा 1.5 से 2 करोड़ औषधि प्रतिनिधि भी हड़ताल में शामिल होंगे, क्योंकि ऑनलाइन फार्मेसी से इनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। एआइओसीडी के महासचिव राजीव सिंघल ने कहा कि सवाल मात्र व्...

चार लोकसभा और 10 विधानसभा उपचुनाव के नतीजे थोड़ी देर में, कैराना सीट पर सबकी है नजर

 पालघर। देश के 4 लोकसभा और 10 विधानसभा सीटों पर सोमवार को हुए उपचुनाव के नतीजे आज बृहस्पतिवार को आएंगे। बृहस्पतिवार सुबह 8 बजे इन सभी सीटों पर मतों की गिनती शुरू हो चुकी है। इन सभी सीटों में से सबसे ज्यादा नजर उत्तर प्रदेश की कैराना लोकसभा सीट पर रहेगी। यहां बीजेपी को हराने के लिए विपक्षी पार्टियां रालोद उम्मीदवार का समर्थन कर रही हैं। 2019 लोकसभा चुनाव की ओर बढ़ रहे देश में विपक्षी पार्टियां कैराना में बीजेपी को हरा कर एक बड़ा संदेश देना चाहती हैं। सोमवार को हुए मतदान में काफी जगह ईवीएम-वीवीपैट में गड़बड़ी की खबरें आई थीं, जिसके बाद यूपी की कैराना, महाराष्ट्र की भंडारा-गोंदिया लोकसभा और नगालैंड की एक विधानसभा सीट के कुछ पोलिंग बूथों पर दोबारा वोट डलवाए गए थे। कैराना से भाजपा सांसद हुकुम सिंह और नूरपुर में भाजपा विधायक लोकेंद्र चौहान के निधन के कारण उप चुनाव हो रहे हैं। कैराना लोकसभा सीट के उपचुनाव पर देश के राजनीतिक दलों की निगाहें हैं। क्योंकि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले हो रहे इस चुनाव की नतीजे देश की सियासत को नया संदेश देने वाले हैं। गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीट क...

महाराष्ट्र से वापस लौट सकेंगे प्रवासी मजदूर,डीएम की अनुमति होगी जरूरी

मुंबई। लॉकडाउन की वजह से देशभर में लॉकडाउन लागू है. अलग-अलग राज्यों के मजदूर और लोग दूसरे राज्यों में फंस गए हैं. महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख गुरुवार को कहा कि प्रवासी और अन्य फंसे हुए लोग अपने-अपने राज्यों में जिला मजिस्ट्रेट की अनुमति के बाद वापस लौट जाएंगे. जिला मजिस्ट्रेट ही प्रवासी मजदूरों को वापस भेजने के लिए नोडल अधिकारी की भूमिका में होंगे. लोगों को नाम, मोबाइल नंबर, गाड़ियों का विवरण(अगर हो तो), राज्य में अकेले हैं या साथ में हैं, इन सबका क्रमवार ब्यौरा देना होगा. महाराष्ट्र में लॉकडाउन की घोषणा के बाद लगभग 6 लाख मजदूर फंसे हैं. ये मजदूर बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और ओडिशा के हैं. इस वक्त इन मजदूरों के रहने-खाने की जिम्मेदारी महाराष्ट्र सरकार पर है. हालांकि कुछ मजदूर अपने गृह राज्य जाने की मांग कर रहे हैं. अब गृह मंत्रालय की ओर से जारी नई गाइडलाइन के मुताबिक मजदूर अपने राज्यों को लौट सकेंगे. राज्य इसके लिए तैयारी कर रहे हैं. दरअसल बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र जैसे कुछ राज्यों की मांग के बाद गृह मंत्रालय ने अलग-अलग स्थानों पर फंसे हुए प्रवासी मजदूरों, लोगों और ...