नवी मुंबई।नवी मुंबई में बन रहे अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे की दक्षिणी हवाईपट्टी का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है। नवी मुंबई का हवाईअड्डा पनवेल तालुका के उलवे गांव और इसके आस-पास बसे 10 गांवों की जमीन पर बन रहा है। इसके साथ ही हवाई अड्डे से जुड़े निर्माण पूर्व कार्यों को तेजी से पूरा किया जा रहा है।
राज्य सरकार की योजना के अनुसार, हवाईअड्डे से 2019 के आखिर तक पहली उड़ान भरने की है। हालांकि मौजूदा स्थितियों को देखते हुए यह संभव नहीं लग रहा है और इस मियाद को आगे बढ़ाया जा सकता है। यह भी बता दें कि हवाईअड्डे को कुल 4 चरणों में बनाया जाएगा। इस योजना के पहले चरण को दिसंबर 2019 तक हर हाल में पूरा किया जाना है। सिडको सूत्रों ने बताया कि अभी तक प्रस्तावित हवाईपट्टी के लिए चिह्नित क्षेत्र पर करीब 5.5 मीटर तक जमीन को भराव कर समतल किया गया है।
भराव कुल 8 मीटर तक किया जाना है। यह जमीन प्रस्तावित हवाईपट्टी की दक्षिणी दिशा में है। सिडको के तकनीकी विभाग का कहना है कि जितनी जमीन समतल की गई है, उस पर समान्तर हवाईपट्टी के साथ टैक्सी-वे तथा एयरपोर्ट टर्मिनल की इमारत जैसे कॉम्प्लेक्स निर्माण को अब जल्द शुरू किया जा सकता है।
टर्मिनल की इमारत अंग्रेजी अक्षर 'H' के आकार की होगी। दक्षिणी हवाईपट्टी की लंबाई 3.7 किलोमीटर होगी। प्रस्तावित हवाईपट्टी के उत्तरी हिस्से का निर्माण व विकास भविष्य में हवाईअड्डे की बढ़ती जरूरत और हवाई यात्रियों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा। उत्तरी हवाईपट्टी वाली जमीन पर बसे अभी तीन गांवों का बचा हुआ हस्तांतरण जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा।
नवी मुंबई के जिस परिसर में हवाईअड्डे का निर्माण किया जा रहा है, वहां मॉनसून की भारी बारिश और इसी दौरान समुद्री ज्वार आने की स्थिति में संभावित जल-जमाव का स्तर यानी खतरे का निशान का स्तर 4.50 मीटर आंका गया है। यहां जो हवाईपट्टी बनेगी वह 8 मीटर की ऊंचाई पर होगी। ऐसे में चाहे कितनी भी तेज बारिश हो, हवाईपट्टी के डूबने की संभावना न के बराबर है।
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