मुंबईः अभी तक आपने सोने, चांदी, नशीले पदार्थ जैसी तमाम चीजों की तस्करी के बारे में सुना-पढ़ा होगा लेकिन आज हम जो आपको बताने जा रहे है वो थोड़ा अलग किस्म की तस्वीर है. ये तस्करी है यूरोपिय़न यूनियन में चलने वाली मुद्रा यूरो डॉलर की. दक्षिण मुंबई के डोंगरी पुलिस स्टेशन को अपने मुखबिरो से खबर मिली कि जफर अब्बास नाम का एक शख्स विदेशियों से यूरो लेता है और उन्हे इंडियन करेंसी देता हैं. पुलिस ने मामले की जांच शुरु की, तो उसका पहला काम यह पता लगाना था कि क्या जफर अब्बास कानूनी रूप से मनी एक्सचेंज करने का लाइसेंस मिला हुआ हैं या नही? इसके साथ ही पुलिस को यह भी पता लगाना था कि मिले हुए यूरो का वह क्या करता हैं?
पुलिस अपनी जांच में लगी हुई थी, तभी उसे पता लगा कि जफर के पास 30 हजार से ज्यादा यूरो जमा हो चुके है और वह उन्हें दुबई भेजने की तैयारी कर रहा हैं. जफर के पास जमा हुई करेंसी भारतीय रुपयों में 30 लाख से ज्यादा आंकी गई. पुलिस ने जाल बिछाया और जफर को धर दबोचा. जफर अब्बास केरल का रहने वाला है और वह अपने दोस्तों या एजेंटों के जरिए यूरो दुबई भेजा करता था.
पुलिस ने जफर से पूछताछ करनी शुरु की तो जफर ने पुलिस को बताया कि दुबई में यूरो को चेंज करने पर ज्यादा कमीशन मिलता था, दुबई से यूरोप जान वाले लोग ज्यादा पैसे देकर यूरो ले लेते है. पूछताछ में हवाला रैकेट की भी बात सामने आई है, जिसकी जांच भी पुलिस कर रही हैं.
जैसे आप समझ लिजिए
आपको दुबई से यूरोप के किसी देश में जाना है. तो आप पहले उस बैंक मे जाएंगे जहा पर इंडियन करेंसी को विदेश मुद्रा में बदला जाता हो. क्योंकि आप पहले दुबई जा रहे हैं तो कुछ पैसे आप दुबई की मुद्रा दिरहम में कनवर्ट कराएंगे और फिर कुछ पैसे को यूरो में. इस काम के लिए बैंक आपसे एक निश्चित फीस लेगा और कुछ जरूरी जानकारियां मांगेगा. जैसे आप क्यों जा रहे है? कितने दिनो के लिए जा रहेय़ इत्यादी. अब आप की सारी जानकारी सरकार की नजर में होगी.
आप जो पैसा लेकर विदेश जा रहे होगे वो सारा पैसा व्हाइट मनी होगी. ऐसे में जब आप लौटेंगे तो सरकार को ये मालूम होगा कि आप कितना पैसा लेकर गए थे और कितना वहा पर खर्च किया है. ज्यादार इसी से बचने के लिए ब्लैक मार्केट से कुछ ज्यादा कमिशन देकर पैसे उठाते है और विदेशों में मौज-मस्ती करते हैं. जैसा कि आपने कई बार सुना होगा कि फला अभिनेता या अभिनेत्री को एयरपोर्ट पर किमती सामानों के साथ पकड़ा गया. होता यह है कि व जितना पैसा सरकार की नजर में लेकर जाते हैं उससे ज्यादा कि शॉपिंग कर लेते हैं. तो ऐसे में उन्हे ये बताना मुश्किल होता है कि बाकी का पैसे कहां से आया. इसी कारण से पैसे की तस्करी करने वालों के लिए ये एक नया रास्ता है विदेश में पैसे खर्च करने का और ये आजकल काफी फल-फूल भी रहा हैं.
Comments
Post a Comment