मुंबई। बॉलीवुड में अपने अभिनय, संवाद और लेखन का लोहा मनवाने वाले अभिनेता कादर खान तबीयत खराब होने की वजह से कनाडा के अस्पताल में भर्ती हैं। 81 साल के कादर खान को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी, जिसके बाद वह कोमा में चले गए हैं। फिलहाल उन्हें बाइपेप वेंटीलेटर पर रखा गया। लेकिन रविवार (30 दिसंबर 2019) देर रात ऑल इंडिया रेडियो के एक ट्विट ने सभी को हैरान कर दिया। एआईआर के ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से कादर खान के निधन की खबर दी गई।
एआईआर ने कादर खान की फोटो के साथ ट्विट किया कि, ‘सुप्रसिद्ध चरित्र अभिनेता, संवाद लेखक #कादर खान अब हमारे बीच नहीं रहे। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे।’ इस ट्विट के बाद फैंस कादर खान को श्रद्धांजलि देने लगे। बहुत से लोगों ने इस खबर को सही मान लिया था। यहां तक कि कई न्यूज वेबसाइट्स ने इस खबर को चलाया। इस खबर के तेजी से फैलने के बाद कादर खान के बेटे सरफराज सामने आए और खबर की सच्चाई के बारे में बताया। उन्होनें बताया कि ये सारी खबरें झूठी हैं, अफवाह हैं। उनके पिता अभी अस्पताल में भर्ती हैं और उनका इलाज चल रहा है।
सरफराज खान ने इससे पहले मीडिया को बताया था कि पीएसपी के कारण दिमाग से संचालित होने वाली गतिविधियां बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं। सांस लेने में तकलीफ होने कारण डॉक्टरों ने उन्हें बाइपेप वेंटीलेटर पर रखा है। इसी के साथ ही डॉक्टरों को उनमें निमोनिया के भी लक्षण दिखाई दे रहे हैं। बता दें कि कादर खान पिछले कई दिनों से कनाडा में अपने बेटे के साथ रह रहे हैं।
बता दें कि 12 नवम्बर 1937 को अफगानिस्तान के काबुल में जन्मे अभिनेता कादर खान ने अपने 43 साल के फिल्मी सफर में 300 फिल्मों में काम किया और करीब 250 फिल्मों में डायलॉग लिखे। उन्होंने कई ऐसी फिल्मों के डायलॉग लिखें हैं, जिन्होंने बॉक्स ऑफिस और लोगों के दिलों में खास जगह बनाई थी। इनमें राजा नटवरलाल, नसीब, अमर अकबर एंथोनी, हिम्मतवाला, कुली नं वन, मैं खिलाडी तू अनाड़ी, खून भरी मांग, कर्मा, सरफरोश और धर्मवीर जैसी सुपर हिट फिल्में शामिल हैं। कादर खान को साल 2013 में, फिल्मों में योगदान के लिए साहित्य शिरोमनी अवार्ड से नवाजा गया था। उनका मानना है कि अच्छा लेखक बनने के लिए जिंदगी में बहुत दुख से गुजरना जरूरी है। हालांकि उन्होंने एक इंटरव्यू में यह भी कहा कि बीमार होने के बाद लोगों ने उनसे दूरी बना ली और काम देना बंद कर दिया।
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