मुंबई। घाटकोपर में दुर्घटनग्रस्त विमान "अवैध रूप से परीक्षण उड़ान’’ पर था। इस साल की शुरुआत में हुई इस विमान दुर्घटना में पांच लोग मारे गये थे। इस परीक्षण के लिये नागर विमानन नियामक डीजीसीए की अनुमति नहीं ली गई थी। एक रिपोर्ट में यह बात कही गयी है।
साथ ही कहा गया है कि विमान को कबाड़ के रूप में खरीदा गया था और ट्रकों में टुकड़ों में लादकर इसे मुंबई लाया गया था। एक संसदीय समिति ने कहा कि विमान का पिछले साल जनवरी में गलत और अपारदर्शी तरीके से सात करोड़ का बीमा किया गया था। समिति की रिपोर्ट शुक्रवार को संसद के पटल पर रखी गई।
उल्लेखनीय है कि किंग एयर का सी-90 विमान 28 जून को मुंबई के घाटकोपर इलाके में परीक्षण उड़ान के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। विमान में दो पायलट और दो इंजीनियर सवार थे। हादसे में पायलट और इंजीनियरों समेत एक राहगीर की मौत हुई हो गई थी।
विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) इस हादसे की जांच कर रहा है और वह अपनी रिपोर्ट अगले साल की शुरुआत में दे सकता है। जांच समिति की अध्यक्षता कर रहे भाजपा के सांसद किरीट सोमैया ने कहा कि हादसे की जांच में सामने आये तथ्य "हैरान" करने वाले हैं। उड़ान का परीक्षण अवैध रूप से और खराब मौसम में किया गया।
यह विमान यूवाई एविएशन प्राइवेट लिमिटेड का है। उसने मरम्मत तथा विमान को उड़ाने लायक बनाने के लिये इंडेमर एविएशन प्राइवेट लिमिटेड के साथ समझौता किया था। यह विमान सिल्वर जुबली ट्रैवलर प्राइवेट लिमिटेड से खरीदा गया था जिसने इसे उत्तर प्रदेश सरकार से 2014 में "कबाड़" के तौर पर खरीदा था।
समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि खरीदने के बाद इसके हिस्सों को ट्रकों में टुकड़ों-टुकड़ों में मुंबई लाया गया था। समिति ने मामले में कई गंभीर चिंताएं जताई है, जिसमें नागर विमानन नियामक डीजीसीए की मंजूरी के बिना ही विमान की परीक्षण उड़ान को आपराधिक लापरवाही माना गया है।
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