Skip to main content

मुंबई की 668 और ठाणे की 98 मिलाकर 786 बिल्डिंगे अति खतरनाक




मुंबई। मुंबई महानगरपालिका क्षेत्र में 668 और ठाणे मनपा क्षेत्र में 98 इमारतें कुल मिलाकर 786 बिल्डिंगें अति खतरनाक है। यह जानकारी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को विधानसभा में अपने लिखित जवाब में दी।
भाजपा विधायक राजपुरोहित, एनसीपी कलवा मुंब्रा विधानसभा क्षेत्र के विधायक जितेंद्र आव्हाड व अन्य ने प्रश्नकाल में पुरानी और जर्जर इमरतों के संबंध में सवाल पूछा था। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुंबई मनपा ने वर्ष 2018 में सर्वे कराया था। जिसमें से 121 इमारतों से लोगों को निष्कासित कर दिया गया था। 112 इमारतों को खाली कराया गया है। इसी तरह 37 इमारतों के मामले तकनीकी समिति के पास भेजे गए है। 118 इमारतों के पानी बिजली काट दिए गए हैं। 133 मामले में पानी और बिजली खंडित करने की कार्रवाई शुरू है। 167 इमारतों का मामला न्यायालय में विचाराधीन है। निजी इमारतों में रहने वाले रहिवासियों को स्थानांतरित करने की जवाबदारी निजी मकान मालिकों की है। विधायक कालीदास कोलंबर के दूसरे सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा है मुंबई मनपा के अधीन 532 शौचालय अतिखतरनाक है। मनपा के कुल 1964 शौचालयों में से 1653 शौचालयों की जांच की गई। जिसमें से 532 शौचालय अतिखतरनाक है। इन अतिखतरनाक शौचालयों के मरम्मत का काम शुरू है। जो अतिखतरनाक शौचालय मरम्मत योग्य नहीं हैं, उनको नया बनाया जा रहा है।
ठाणे मनपा क्षेत्र के सवाल पर मुख्यमंत्री ने अपने लिखित जवाब में कहा है कि ठाणे महानगरपालिका क्षेत्र में 4 हजार 906 खरतनाक इमारते है और 98 अतिखतरनाक इमारतें हैं। वर्ष 2018-19 में कुल 4705 इमारतों को खतनाक घोषित किया गया था। जिसमें अतिखतरनाक 95 इमारतों में से लोगों को निकाल दिया गया, 114 इमारतों को मरम्मत कर दिया गया। 2260 बिल्डिंगों में लोग रह रहे हैं, मामूली मरमम्त करके 2235 इमारतों में लोग रह रहे है। इस प्रकार कुल 4705 बिल्डिंगें खतरनाक है। बेहद खतरनाक बिल्डिंगों में प्रभावित 2570 लोगों को रेंटल स्कीम के तहत इमारतों में घर उपलब्ध कराया गया है।

Comments

Popular posts from this blog

आँनलाइन फार्मेसी के खिलाफ आज दवा दुकानदार हड़ताल पर

मुंब्रा। ई-कॉमर्स से दवा बिक्री होने के खिलाफ आज शुक्रवार को देशभर के दवा दुकानदार हड़ताल पर रहेंगे। इस हड़ताल में दिल्ली में मौजूद 12 हजार से अधिक दवा विक्रेता शामिल होंगे। हालांकि, अस्पतालों में स्थित दवा दुकानों को हड़ताल से बाहर रखा गया है। दवाओं की ऑनलाइन बिक्री के खिलाफ दुकानदारों ने जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन करने की भी तैयारी की है। इस बारे में ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स (एआइओसीडी) के अध्यक्ष जेएस शिंदे ने प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि केंद्र सरकार ने इंटरनेट के जरिये दवाओं की बिक्री यानी ई-फार्मेसी को मंजूरी दे दी है। सरकार के इस कदम के खिलाफ 28 सितंबर को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया गया है। इस हड़ताल में देशभर के 7 लाख खुदरा व 1.5 लाख थोक दवा दुकानदार शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि इन साढ़े आठ लाख दुकानों से करीब 40 लाख स्टॉफ जुड़े हैं। इसके अलावा 1.5 से 2 करोड़ औषधि प्रतिनिधि भी हड़ताल में शामिल होंगे, क्योंकि ऑनलाइन फार्मेसी से इनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। एआइओसीडी के महासचिव राजीव सिंघल ने कहा कि सवाल मात्र व्...

चार लोकसभा और 10 विधानसभा उपचुनाव के नतीजे थोड़ी देर में, कैराना सीट पर सबकी है नजर

 पालघर। देश के 4 लोकसभा और 10 विधानसभा सीटों पर सोमवार को हुए उपचुनाव के नतीजे आज बृहस्पतिवार को आएंगे। बृहस्पतिवार सुबह 8 बजे इन सभी सीटों पर मतों की गिनती शुरू हो चुकी है। इन सभी सीटों में से सबसे ज्यादा नजर उत्तर प्रदेश की कैराना लोकसभा सीट पर रहेगी। यहां बीजेपी को हराने के लिए विपक्षी पार्टियां रालोद उम्मीदवार का समर्थन कर रही हैं। 2019 लोकसभा चुनाव की ओर बढ़ रहे देश में विपक्षी पार्टियां कैराना में बीजेपी को हरा कर एक बड़ा संदेश देना चाहती हैं। सोमवार को हुए मतदान में काफी जगह ईवीएम-वीवीपैट में गड़बड़ी की खबरें आई थीं, जिसके बाद यूपी की कैराना, महाराष्ट्र की भंडारा-गोंदिया लोकसभा और नगालैंड की एक विधानसभा सीट के कुछ पोलिंग बूथों पर दोबारा वोट डलवाए गए थे। कैराना से भाजपा सांसद हुकुम सिंह और नूरपुर में भाजपा विधायक लोकेंद्र चौहान के निधन के कारण उप चुनाव हो रहे हैं। कैराना लोकसभा सीट के उपचुनाव पर देश के राजनीतिक दलों की निगाहें हैं। क्योंकि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले हो रहे इस चुनाव की नतीजे देश की सियासत को नया संदेश देने वाले हैं। गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीट क...

जो मस्जिद में नमाज नहीं पढ़ते उनके घरों को जला दिया जाय- बाबरी के पक्षकार

  यूपी। नमाज कहीं भी पढ़ी जा सकती है। मस्जिद में नमाज पढऩा अधिक पुण्यदायी है। मस्जिद अल्लाह का घर है। पैगमबर मोहम्मद साहब ने भी बिना किसी मजबूरी के मस्जिदों के बाहर नमाज पढऩा पसंद नहीं फरमाया है। कुरान में तो यहां तक उल्लेख मिला कि मस्जिद में नमाज न पढऩे वाले के घरों में आग लगा दी जाय। सुप्रीम कोर्ट का इस मसले पर फैसला आने के बाद ऐसी एक नहीं अनेक टिप्पणियां मुस्लिम नेता कर रहे हैं। यह कहना अनुचित है कि नमाज के लिए मस्जिद आवश्यक नहीं है। न केवल मजहबी अकीदे की दृष्टि से बल्कि सुप्रीमकोर्ट के ताजा फैसले के संदर्भ में भी ऐसी दावेदारी बेदम है। नमाज से जुड़े फैसले पर मुस्लिम नेता बोले, नमाज कहीं भी पढ़ी जा सकती है हेलाल कमेटी के संयोजत एवं बाबरी के पक्षकार खालिक अहमद खान का मानना है कि कोर्ट के ताजा फैसले की मीडिया एवं हिंदू पक्ष गलत व्याख्या कर रहा है। हकीकत तो यह है कि कोर्ट का ताजा फैसला उस बुनियाद को मजबूत करने वाला है, जिस बुनियाद पर मुस्लिम बाबरी की लड़ाई लड़ रहे हैं। बकौल खालिक कोर्ट के ताजा फैसले से यह स्पष्ट हुआ है कि जन्मभूमि विवाद की सुनवाई धार्मिक भावना के आधार पर न...