Skip to main content

1993 मुंबई बम विस्फोट: सीबीआई ने एक आरोपी के खिलाफ फाइल की सप्लीमेंटरी चार्जशीट




 1993 में मुंबई में हुए धमाकों के बाद का दृश्य (फाइल फोटो)

मुंबई। 1993 में मुंबई में हुए बम विस्फोट कांड में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने टाडा कोर्ट (मुंबई, महाराष्ट्र) में एक आरोपी के खिलाफ सप्लीमेंटरी चार्जशीट फाइल की है। आरोपी का नाम अहमद कमाल शेख उर्फ अहमद लंबू उर्फ खालिद कमाल शेख है। आरोपी फिलहाल न्यायिक हिरासत में है।
12 मार्च 1993 को हुए बम विस्फोटों से पूरी मुंबई दहल गई थी। हमले में 257 लोग मारे गए थे और 700 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। हमले में करीब 27 करोड़ की संपत्ति का नुकसान हुआ था। महाराष्ट्र सरकार के अनुरोध पर सीबीआई ने राज्य की पुलिस से केस अपने हाथ में लेते हुए इस मामले में 19 नंबर 1993 को मुकदमा दायर किया था।
इंटरपोल ने भी जारी किया था रेड कॉर्नर नोटिस,
जांच के बाद सीबीआई ने कुछ आरोपियों के खिलाफ नामित टाडा कोर्ट (मुंबई) में चार्जशीट फाइल की थी। जिन्हें बाद में मामले में दोषी पाया गया था। इनमें से एक आरोपी 1993 से फरार था जिसे 01 जून 2018 को गिरफ्तार किया गया था। आरोपी को टाडा कोर्ट ने घोषित अपराधी करार दिया था और 17 सितंबर 1997 को उसके खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया था। फरार आरोपी को पकड़ने के लिए इंटरपोल ने भी रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था।
सीबीआई की जांच में पता चला है कि आरोपी इस मामले से संबंधित आपराधिक साजिश का सक्रिय सदस्य था। वह दुबई में था और अन्य प्रमुख फरार आरोपियों के साथ काम कर रहा था। उपरोक्त आरोपी पर यह भी आरोप है कि उसने दुबई में मुख्य फरार आरोपी द्वारा रखी गई साजिश की बैठक में भी भाग लिया था। इसी बैठक के बाद आरोपी को हथियार चलाने, बम बनाने और हथगोले फेंकने की ट्रेनिंग दी गई।

Comments

Popular posts from this blog

आँनलाइन फार्मेसी के खिलाफ आज दवा दुकानदार हड़ताल पर

मुंब्रा। ई-कॉमर्स से दवा बिक्री होने के खिलाफ आज शुक्रवार को देशभर के दवा दुकानदार हड़ताल पर रहेंगे। इस हड़ताल में दिल्ली में मौजूद 12 हजार से अधिक दवा विक्रेता शामिल होंगे। हालांकि, अस्पतालों में स्थित दवा दुकानों को हड़ताल से बाहर रखा गया है। दवाओं की ऑनलाइन बिक्री के खिलाफ दुकानदारों ने जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन करने की भी तैयारी की है। इस बारे में ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स (एआइओसीडी) के अध्यक्ष जेएस शिंदे ने प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि केंद्र सरकार ने इंटरनेट के जरिये दवाओं की बिक्री यानी ई-फार्मेसी को मंजूरी दे दी है। सरकार के इस कदम के खिलाफ 28 सितंबर को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया गया है। इस हड़ताल में देशभर के 7 लाख खुदरा व 1.5 लाख थोक दवा दुकानदार शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि इन साढ़े आठ लाख दुकानों से करीब 40 लाख स्टॉफ जुड़े हैं। इसके अलावा 1.5 से 2 करोड़ औषधि प्रतिनिधि भी हड़ताल में शामिल होंगे, क्योंकि ऑनलाइन फार्मेसी से इनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। एआइओसीडी के महासचिव राजीव सिंघल ने कहा कि सवाल मात्र व्...

चार लोकसभा और 10 विधानसभा उपचुनाव के नतीजे थोड़ी देर में, कैराना सीट पर सबकी है नजर

 पालघर। देश के 4 लोकसभा और 10 विधानसभा सीटों पर सोमवार को हुए उपचुनाव के नतीजे आज बृहस्पतिवार को आएंगे। बृहस्पतिवार सुबह 8 बजे इन सभी सीटों पर मतों की गिनती शुरू हो चुकी है। इन सभी सीटों में से सबसे ज्यादा नजर उत्तर प्रदेश की कैराना लोकसभा सीट पर रहेगी। यहां बीजेपी को हराने के लिए विपक्षी पार्टियां रालोद उम्मीदवार का समर्थन कर रही हैं। 2019 लोकसभा चुनाव की ओर बढ़ रहे देश में विपक्षी पार्टियां कैराना में बीजेपी को हरा कर एक बड़ा संदेश देना चाहती हैं। सोमवार को हुए मतदान में काफी जगह ईवीएम-वीवीपैट में गड़बड़ी की खबरें आई थीं, जिसके बाद यूपी की कैराना, महाराष्ट्र की भंडारा-गोंदिया लोकसभा और नगालैंड की एक विधानसभा सीट के कुछ पोलिंग बूथों पर दोबारा वोट डलवाए गए थे। कैराना से भाजपा सांसद हुकुम सिंह और नूरपुर में भाजपा विधायक लोकेंद्र चौहान के निधन के कारण उप चुनाव हो रहे हैं। कैराना लोकसभा सीट के उपचुनाव पर देश के राजनीतिक दलों की निगाहें हैं। क्योंकि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले हो रहे इस चुनाव की नतीजे देश की सियासत को नया संदेश देने वाले हैं। गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीट क...

जो मस्जिद में नमाज नहीं पढ़ते उनके घरों को जला दिया जाय- बाबरी के पक्षकार

  यूपी। नमाज कहीं भी पढ़ी जा सकती है। मस्जिद में नमाज पढऩा अधिक पुण्यदायी है। मस्जिद अल्लाह का घर है। पैगमबर मोहम्मद साहब ने भी बिना किसी मजबूरी के मस्जिदों के बाहर नमाज पढऩा पसंद नहीं फरमाया है। कुरान में तो यहां तक उल्लेख मिला कि मस्जिद में नमाज न पढऩे वाले के घरों में आग लगा दी जाय। सुप्रीम कोर्ट का इस मसले पर फैसला आने के बाद ऐसी एक नहीं अनेक टिप्पणियां मुस्लिम नेता कर रहे हैं। यह कहना अनुचित है कि नमाज के लिए मस्जिद आवश्यक नहीं है। न केवल मजहबी अकीदे की दृष्टि से बल्कि सुप्रीमकोर्ट के ताजा फैसले के संदर्भ में भी ऐसी दावेदारी बेदम है। नमाज से जुड़े फैसले पर मुस्लिम नेता बोले, नमाज कहीं भी पढ़ी जा सकती है हेलाल कमेटी के संयोजत एवं बाबरी के पक्षकार खालिक अहमद खान का मानना है कि कोर्ट के ताजा फैसले की मीडिया एवं हिंदू पक्ष गलत व्याख्या कर रहा है। हकीकत तो यह है कि कोर्ट का ताजा फैसला उस बुनियाद को मजबूत करने वाला है, जिस बुनियाद पर मुस्लिम बाबरी की लड़ाई लड़ रहे हैं। बकौल खालिक कोर्ट के ताजा फैसले से यह स्पष्ट हुआ है कि जन्मभूमि विवाद की सुनवाई धार्मिक भावना के आधार पर न...