एनसीपी नेता शरद पवार
मुंबई। एक ओर जहां कांग्रेस की अगुवाई वाली विपक्ष राफेल के मुद्दे पर केंद्र की मोदी सरकार को लगातार घेर रही है वहीं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुखिया शरद पवार ने मोदी को समर्थन दिया है. एक इंटरव्यू में पूर्व रक्षा मंत्री पवार ने कहा कि जनता को प्रधानमंत्री मोदी की मंशा पर 'कोई शंक' नहीं है. पवार ने यह भी कहा कि विपक्ष की ओर से लड़ाकू विमान की तकनीकी की जानकारी मांगने का 'कोई मतलब नहीं' है.
हालांकि पवार ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार को राफेल लड़ाकू विमानों की कीमत का खुलासा करने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए क्योंकि यह कोई तकनीकी विषय नहीं है. पूर्व रक्षा मंत्री ने कहा कि जहां तक इसके तकनीकी पहलुओं की बात है राफेल विमान देश के रक्षा क्षेत्र के लिए बहुत उपयोगी है.
इससे पहले मंगलवार को पवार ने पुणे में कहा था, ‘आज कांग्रेस और अन्य दल (राफेल की) कीमत का मुद्दा उठा रहे हैं और मेरे अनुसार, सरकार को सौदे की कीमत का विवरण बताने में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए.
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने विवरण को सार्वजनिक करने में सरकार द्वारा बताए गए गोपनीय समझौते पर सवाल किया. उन्होंने कहा था, ‘मैं भी रक्षा मंत्री था और गोपनीय समझौते में इसकी प्रौद्योगिकी और क्षमता की सूचना होती है, लेकिन कीमत तकनीकी विषय नहीं है.
हालांकि, उन्होंने कहा कि जिस तरह से रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकार के पक्ष को प्रस्तुत किया, उससे लोगों के दिमाग में भ्रम पैदा हुआ. अब, (केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण) जेटली को इस मुद्दे पर (सरकार का पक्ष) रखते हुए (सीतारमण के बजाए) देखा जा सकता है.
मुंबई। एक ओर जहां कांग्रेस की अगुवाई वाली विपक्ष राफेल के मुद्दे पर केंद्र की मोदी सरकार को लगातार घेर रही है वहीं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुखिया शरद पवार ने मोदी को समर्थन दिया है. एक इंटरव्यू में पूर्व रक्षा मंत्री पवार ने कहा कि जनता को प्रधानमंत्री मोदी की मंशा पर 'कोई शंक' नहीं है. पवार ने यह भी कहा कि विपक्ष की ओर से लड़ाकू विमान की तकनीकी की जानकारी मांगने का 'कोई मतलब नहीं' है.
हालांकि पवार ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार को राफेल लड़ाकू विमानों की कीमत का खुलासा करने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए क्योंकि यह कोई तकनीकी विषय नहीं है. पूर्व रक्षा मंत्री ने कहा कि जहां तक इसके तकनीकी पहलुओं की बात है राफेल विमान देश के रक्षा क्षेत्र के लिए बहुत उपयोगी है.
इससे पहले मंगलवार को पवार ने पुणे में कहा था, ‘आज कांग्रेस और अन्य दल (राफेल की) कीमत का मुद्दा उठा रहे हैं और मेरे अनुसार, सरकार को सौदे की कीमत का विवरण बताने में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए.
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने विवरण को सार्वजनिक करने में सरकार द्वारा बताए गए गोपनीय समझौते पर सवाल किया. उन्होंने कहा था, ‘मैं भी रक्षा मंत्री था और गोपनीय समझौते में इसकी प्रौद्योगिकी और क्षमता की सूचना होती है, लेकिन कीमत तकनीकी विषय नहीं है.
हालांकि, उन्होंने कहा कि जिस तरह से रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकार के पक्ष को प्रस्तुत किया, उससे लोगों के दिमाग में भ्रम पैदा हुआ. अब, (केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण) जेटली को इस मुद्दे पर (सरकार का पक्ष) रखते हुए (सीतारमण के बजाए) देखा जा सकता है.
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