Skip to main content

ठाणे मनपा का मुंब्रा प्रभाग समिति से अलग होकर, दिवा प्रभाग समिति गया खर्डी़ गांव



मुंब्रा: लगभग पिछले दो साल पहले महानगर चुनाव के दौरान मुंब्रा प्रभाग समिति को दो हिस्सों मे बांट दिया गया था, जिसमें एक मुंब्रा प्रभाग समित और दुसरा
दिवा प्रभाग समिति कर दिया गया और अब तक मुंब्रा और दिवा प्रभाग समिति एमएमवेली परिसर मे कौसा स्टेडियम के सामने कार्यालय हुआ करता था, लेकिन अभी हाल ही मे दिवा प्रभाग समिति कार्यालय को किराए पर लेकर कौसा से खड़ी गाँव रोड पर स्थित हरि ओम अपार्टमेंट में सिप्ट कर दिया गया है। मिली जानकारी के मुताबिक ठाणे मनपा का मुंब्रा प्रभाग समिति एमएमवाली रोड स्टेडियम के सामने है, तो दिवा प्रभाग समिति को किराए पर लेकर हरी ओम आपर्टमेट में खड़ी गांव दिवा रोड़ पर सिप्ट किया गया है। वहीं वरिष्ठ समाज सेवक रियाज खान ने आरोप लगाते हुए कहा कि जब से दिवा प्रभाग समिति एमएमवेली से खड़ी गांव दिवा रोड पर गया है तब से आज तक उस दिवा प्रभाग समिति कार्यालय मे न तो सहायक आयुक्त महादेव जगताप मिले और न ही वार्ड अधिकारी
सुनील मोरे मिले। रियाज खान ने कहा कि जब से दिवा प्रभाग समिति वहाँ गया है तब से सुबह शाम वहाँ काम के सिलसिले मे लगातार आ जा रहा हूँ, लेकिन कुछ कर्मचारियों के अलावा कोई अधिकारी जगह पर नहीं मिलता, जब जाओ तब यही जवाब मिलता है कि साहब काम से बाहर गये हुए है और साहब को फोन करो तो साहब कहते है आज तो मैं बाहर हूँ कल कार्यालय मे मिलूंगा, लेकिन आज तक मिले नहीं है और हर दिन वही कहानी साहब काम से बाहर है और साहब कहते है कि आज बाहर हूँ कल कार्यालय मे मिलूंगा लेकिन आज तक मिले नही। रियाज खान ने कहा कि डायघर परिसर मे दर्जनों

अवैध निर्माण कार्य चल रहे है उनकी शिकायत की गई, लेकिन आज तक यह अधिकारी उन अवैध निर्माणों पर कार्यवाई के हिसाब से देखने तक नहीं गये। समाज सेवक रियाज खान ने आरोप लगाते हुए कहा कि दिवा प्रभाग समिति में चल रहे  धड़ल्ले से अवैध निर्माण बीना अधिकारियों की मिली भगत से
सात से आंठ मंजिला नहीं खड़े हो सकते, भारत गियर के निकट भोलेनाथ नगर नाका पर अभी हाल ही मे छह महला बनकर तैयार हो गया है और
सातवीं मंजिल का काम लक्की कंपाऊड की तरह चल रहा है। इसमें बडे हैरत की बात तो यह है कि लक्की कंपाऊड हादसे का आरोपी बिल्डर एक

फिर अवैध निर्माण खड़ा कर रहा है जिसने तीन से चार मंजिला इमारत खड़ी भी कर दी है और आगे का कार्य चल रहा है।

खासतौर पर इस अवैध इमारत की दिवा प्रभाग समिति के मनपा अधिकारियों से शिकायत की गई, लेकिन उस शिकायत को अनसुनी कर उक्त अवैध इमारत को तैयार कर लोगों को मकान में भरने का पुरा मौका दे दिया। इन मनपा अधिकारियों ने लक्की हादसें मे दर्जनों अधिकारी और कर्मचारियों के जेल जाने से भी सबक नही सीखा और फिर लक्की कंपाउंड का आरोपी बिल्डर उसी क्षेत्र में
अवैध निर्माण बना रहा है और उसे खुली छूट दे रखी हैं।  वहीं इन सभी आरोपों के संबंध मे जानकारी हासिल करने दिवा प्रभाग समिति कार्यालय गया तो, न तो वहाँ सहायक आयुक्त महादेव जगताप मिले और न ही वार्ड अधिकारी सुनील मोरे, फिर सहायक आयुक्त महादेव जगताप को फोन किया तो उन्होंने कहा मै आज बाहर हूँ कल कार्यालय मे मिलूंगा, लेकिन दुसरे दिन भी इन अधिकारियों से मुलाकात नहीं हो पाई। वहीं मनपा के एक दो कर्मचारियों ने ही बताया कि इन दोनों अधिकारियों के पर्सनल कार्यालय (केबिन) का काम चल रहा है, जब कार्यालय बनकर तैयार हो जाएगी तो हो सकता है कि उस समय इन दोनों अधिकारियों से कार्यालय मे मुलाकात हो जाय।

Comments

Popular posts from this blog

आँनलाइन फार्मेसी के खिलाफ आज दवा दुकानदार हड़ताल पर

मुंब्रा। ई-कॉमर्स से दवा बिक्री होने के खिलाफ आज शुक्रवार को देशभर के दवा दुकानदार हड़ताल पर रहेंगे। इस हड़ताल में दिल्ली में मौजूद 12 हजार से अधिक दवा विक्रेता शामिल होंगे। हालांकि, अस्पतालों में स्थित दवा दुकानों को हड़ताल से बाहर रखा गया है। दवाओं की ऑनलाइन बिक्री के खिलाफ दुकानदारों ने जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन करने की भी तैयारी की है। इस बारे में ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स (एआइओसीडी) के अध्यक्ष जेएस शिंदे ने प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि केंद्र सरकार ने इंटरनेट के जरिये दवाओं की बिक्री यानी ई-फार्मेसी को मंजूरी दे दी है। सरकार के इस कदम के खिलाफ 28 सितंबर को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया गया है। इस हड़ताल में देशभर के 7 लाख खुदरा व 1.5 लाख थोक दवा दुकानदार शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि इन साढ़े आठ लाख दुकानों से करीब 40 लाख स्टॉफ जुड़े हैं। इसके अलावा 1.5 से 2 करोड़ औषधि प्रतिनिधि भी हड़ताल में शामिल होंगे, क्योंकि ऑनलाइन फार्मेसी से इनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। एआइओसीडी के महासचिव राजीव सिंघल ने कहा कि सवाल मात्र व्...

चार लोकसभा और 10 विधानसभा उपचुनाव के नतीजे थोड़ी देर में, कैराना सीट पर सबकी है नजर

 पालघर। देश के 4 लोकसभा और 10 विधानसभा सीटों पर सोमवार को हुए उपचुनाव के नतीजे आज बृहस्पतिवार को आएंगे। बृहस्पतिवार सुबह 8 बजे इन सभी सीटों पर मतों की गिनती शुरू हो चुकी है। इन सभी सीटों में से सबसे ज्यादा नजर उत्तर प्रदेश की कैराना लोकसभा सीट पर रहेगी। यहां बीजेपी को हराने के लिए विपक्षी पार्टियां रालोद उम्मीदवार का समर्थन कर रही हैं। 2019 लोकसभा चुनाव की ओर बढ़ रहे देश में विपक्षी पार्टियां कैराना में बीजेपी को हरा कर एक बड़ा संदेश देना चाहती हैं। सोमवार को हुए मतदान में काफी जगह ईवीएम-वीवीपैट में गड़बड़ी की खबरें आई थीं, जिसके बाद यूपी की कैराना, महाराष्ट्र की भंडारा-गोंदिया लोकसभा और नगालैंड की एक विधानसभा सीट के कुछ पोलिंग बूथों पर दोबारा वोट डलवाए गए थे। कैराना से भाजपा सांसद हुकुम सिंह और नूरपुर में भाजपा विधायक लोकेंद्र चौहान के निधन के कारण उप चुनाव हो रहे हैं। कैराना लोकसभा सीट के उपचुनाव पर देश के राजनीतिक दलों की निगाहें हैं। क्योंकि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले हो रहे इस चुनाव की नतीजे देश की सियासत को नया संदेश देने वाले हैं। गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीट क...

जो मस्जिद में नमाज नहीं पढ़ते उनके घरों को जला दिया जाय- बाबरी के पक्षकार

  यूपी। नमाज कहीं भी पढ़ी जा सकती है। मस्जिद में नमाज पढऩा अधिक पुण्यदायी है। मस्जिद अल्लाह का घर है। पैगमबर मोहम्मद साहब ने भी बिना किसी मजबूरी के मस्जिदों के बाहर नमाज पढऩा पसंद नहीं फरमाया है। कुरान में तो यहां तक उल्लेख मिला कि मस्जिद में नमाज न पढऩे वाले के घरों में आग लगा दी जाय। सुप्रीम कोर्ट का इस मसले पर फैसला आने के बाद ऐसी एक नहीं अनेक टिप्पणियां मुस्लिम नेता कर रहे हैं। यह कहना अनुचित है कि नमाज के लिए मस्जिद आवश्यक नहीं है। न केवल मजहबी अकीदे की दृष्टि से बल्कि सुप्रीमकोर्ट के ताजा फैसले के संदर्भ में भी ऐसी दावेदारी बेदम है। नमाज से जुड़े फैसले पर मुस्लिम नेता बोले, नमाज कहीं भी पढ़ी जा सकती है हेलाल कमेटी के संयोजत एवं बाबरी के पक्षकार खालिक अहमद खान का मानना है कि कोर्ट के ताजा फैसले की मीडिया एवं हिंदू पक्ष गलत व्याख्या कर रहा है। हकीकत तो यह है कि कोर्ट का ताजा फैसला उस बुनियाद को मजबूत करने वाला है, जिस बुनियाद पर मुस्लिम बाबरी की लड़ाई लड़ रहे हैं। बकौल खालिक कोर्ट के ताजा फैसले से यह स्पष्ट हुआ है कि जन्मभूमि विवाद की सुनवाई धार्मिक भावना के आधार पर न...