Skip to main content

डॉक्टर कफील खान रात में बने हिरो, सीएम के आते ही बने विलेन







 यूपी। 10 और 11 अगस्त की दरम्यानी रात. उत्तर प्रदेश के गोरखपुर का बीआरडी मेडिकल कॉलेज. अचानक अफरातफरी मचने लगी. वॉर्ड से बच्चों के रोने की आवाज तो रोज आती है लेकिन उस रात बच्चों के परिजन बिलख रहे थे. बात चली कि ऑक्सीजन की सप्लाई बंद हो गई है. बच्चे मर रहे हैं. इसी बीच डॉक्टर खान आते हैं. कफील खान. कफील का मतलब होता है मददगार. अगले रोज से खबर छपने लगती है कि डॉक्टर कफील न होते तो करीब 100 और बच्चे मर जाते.
करीब 3 दर्जन बच्चों की जान तो चली ही गई. वो रात में अपनी गाड़ी से आए. खुद इधर-उधर फोन किए. अपने एक डॉक्टर दोस्त को फोन कर तुरंत ऑक्सीजन सिलेंडर का इंतजाम करवाया. खुद गाड़ी चलाकर ले गए और अपनी गाड़ी में सिलेंडर रख लाए. ये रात में हो रहा था. सुबह एक प्राइवेट कंपनी इस शर्त पर ऑक्सीजन सिलेंडर देने को तैयार हुई कि पेमेंट कैश में चाहिए. डॉक्टर कफील ने अस्पताल के कर्मचारी को तुरंत अपना एटीएम थमा दिया. डॉक्टर साहब के खाते से 10 हजार निकाले गए. जिस ट्रक से ऑक्सीजन सिलेंडर आए उसके ड्राइवर को पैसे दिए गए. इतना काफी था. डॉक्टर कफील अब तक हीरो बन चुके थे.
रिहाई वास्ते की मुहर डॉक्टर कफील खान के हाथ पर लगी तो वो जेल से छूटकर घर पहुंच गए. लेकिन अभी तक बच्चों की मौत के दाग पूरी तरह धुले नहीं हैं. सिर्फ जमानत मिली है केस से रिहाई नहीं,
अखबारों में डॉक्टर कफील की तस्वीरें छप रही थीं. शर्ट-टाई में क्लीन शेव्ड डॉक्टर कफील खुले आसमान के नीचे एक बच्चे का इलाज जैसा कुछ कर रहे हैं. मां बिलख रही है. सबने कहा वाह-वाह डॉक्टर कफील ने इंसानियत पर कितना बड़ा अहसान किया. लेकिन ‘पल में तोला पल में माशा कितने रंग बदलती है’ की तर्ज पर डॉक्टर कफील पर मीडिया कवरेज बदल चुकी थी. हीरो कहलाने वाले विलेन बन गया. कैसे. वो ऐसे कि अगले दिन इस अस्पताल में आए सीएम योगी आदित्यनाथ.
इंसेफ़ेलाइटिस वॉर्ड के प्रभारी डॉ कफ़ील ख़ान पर कार्रवाई का सिलसिला चल निकला. उनके साथ ही 8 और लोगों पर भी मामला चल रहा है. खबर थोड़ा अंदर तक खोजी गई तो पता चला कि सरकारी डॉक्टर होते हुए डॉक्टर कफील अपनी पत्नी के प्राइवेट अस्पताल से जुड़े रहे. कहने वाले कह रहे थे कि डॉक्टर कफील बीआरडी अस्पताल के लिए आई ऑक्सीजन का इस्तेमाल अपनी पत्नी के अस्पताल के लिए करते थे. डॉक्टर कफील को 8 महीने जेल में रहना पड़ा. अब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी है. घर पहुंचने के बाद परिजनों से मिल कर बहुत रोए और अपनी दर्द भरी दास्तान लोगों को सुना रहे हैं।

Comments

Popular posts from this blog

आँनलाइन फार्मेसी के खिलाफ आज दवा दुकानदार हड़ताल पर

मुंब्रा। ई-कॉमर्स से दवा बिक्री होने के खिलाफ आज शुक्रवार को देशभर के दवा दुकानदार हड़ताल पर रहेंगे। इस हड़ताल में दिल्ली में मौजूद 12 हजार से अधिक दवा विक्रेता शामिल होंगे। हालांकि, अस्पतालों में स्थित दवा दुकानों को हड़ताल से बाहर रखा गया है। दवाओं की ऑनलाइन बिक्री के खिलाफ दुकानदारों ने जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन करने की भी तैयारी की है। इस बारे में ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स (एआइओसीडी) के अध्यक्ष जेएस शिंदे ने प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि केंद्र सरकार ने इंटरनेट के जरिये दवाओं की बिक्री यानी ई-फार्मेसी को मंजूरी दे दी है। सरकार के इस कदम के खिलाफ 28 सितंबर को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया गया है। इस हड़ताल में देशभर के 7 लाख खुदरा व 1.5 लाख थोक दवा दुकानदार शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि इन साढ़े आठ लाख दुकानों से करीब 40 लाख स्टॉफ जुड़े हैं। इसके अलावा 1.5 से 2 करोड़ औषधि प्रतिनिधि भी हड़ताल में शामिल होंगे, क्योंकि ऑनलाइन फार्मेसी से इनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। एआइओसीडी के महासचिव राजीव सिंघल ने कहा कि सवाल मात्र व्...

जो मस्जिद में नमाज नहीं पढ़ते उनके घरों को जला दिया जाय- बाबरी के पक्षकार

  यूपी। नमाज कहीं भी पढ़ी जा सकती है। मस्जिद में नमाज पढऩा अधिक पुण्यदायी है। मस्जिद अल्लाह का घर है। पैगमबर मोहम्मद साहब ने भी बिना किसी मजबूरी के मस्जिदों के बाहर नमाज पढऩा पसंद नहीं फरमाया है। कुरान में तो यहां तक उल्लेख मिला कि मस्जिद में नमाज न पढऩे वाले के घरों में आग लगा दी जाय। सुप्रीम कोर्ट का इस मसले पर फैसला आने के बाद ऐसी एक नहीं अनेक टिप्पणियां मुस्लिम नेता कर रहे हैं। यह कहना अनुचित है कि नमाज के लिए मस्जिद आवश्यक नहीं है। न केवल मजहबी अकीदे की दृष्टि से बल्कि सुप्रीमकोर्ट के ताजा फैसले के संदर्भ में भी ऐसी दावेदारी बेदम है। नमाज से जुड़े फैसले पर मुस्लिम नेता बोले, नमाज कहीं भी पढ़ी जा सकती है हेलाल कमेटी के संयोजत एवं बाबरी के पक्षकार खालिक अहमद खान का मानना है कि कोर्ट के ताजा फैसले की मीडिया एवं हिंदू पक्ष गलत व्याख्या कर रहा है। हकीकत तो यह है कि कोर्ट का ताजा फैसला उस बुनियाद को मजबूत करने वाला है, जिस बुनियाद पर मुस्लिम बाबरी की लड़ाई लड़ रहे हैं। बकौल खालिक कोर्ट के ताजा फैसले से यह स्पष्ट हुआ है कि जन्मभूमि विवाद की सुनवाई धार्मिक भावना के आधार पर न...

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे बोले: सावधानी से बढ़ेंगे आग, महाराष्ट्र के कुछ इलाकों में तीन मई के बाद लाॅकडाउन से मिलेगी छूट

  मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को कहा कि वह कुछ इलाकों में तीन मई के बाद लॉकडाउन से छूट देंगे। उन्होंने कहा कि वह आने वाले समय में सावधानी से आगे बढ़ेंगे। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा, 'तीन मई के बाद निश्चित रूप से हम कुछ इलाकों की स्थिति को देखते हुए छूट देंगे, लेकिन आप सभी सतर्क रहें और सहयोग करें, अन्यथा पिछले कुछ दिनों में हमने जो कुछ भी हासिल किया है वह बेकार हो जाएगा।' ठाकरे ने कहा कि हम धैर्य और सावधानी के साथ आगे बढ़ेंगे। महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के सबसे अधिक मामले हैं। कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या दस हजार के पार पहुंच चुकी है। ताजा आंकड़ों के अनुसार, राज्य में अब तक 10,498 मरीज मिल चुके हैं। वहीं, इसमें से 1773 लोग ठीक हुए हैं। इसके अलावा 459 लोगों की मौत हुई है। वहीं, लॉकडाउन के दौरान महाराष्ट्र पुलिस ने आदेश को सख्ती से लागू करते हुए राज्य भर में लॉकडाउन का उल्लंघन करने 85,500 से अधिक लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए और अभी तक 16,962 लोगों को गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को बताया कि मार्च से कोविड-19 से लड़ते और...