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चार मंजिला इमारत भरभरा कर गिरी, पल भर में दब गई कई जिंदगियां, मजिस्ट्रियल जांच के आदेश






इंदौर: सरवटे बस स्टैंड पर शनिवार रात चार मंजिला बिल्डिंग (लॉज) धराशायी होने से भगदड़ मच गई। इस हादसे में करीब ११ लोगों की मौत हो गई और कई गंभीर रूप से घायल हैं। यह दर्दनाक मंजर जिसने भी देखा, उसकी रूह कांप उठी। नगर निगम, जिला प्रशासन के अफसर-कर्मचारी मौके पर पहुंचे और तुरंत राहत कार्य में जुट गए। प्रशासन की मदद स्थानीय लोगों ने भी की। घायलों को एमवाए अस्पताल समेत अन्य प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज के लिए भेजा गया। देर रात ३ बजे तक निगम और प्रशासन की टीम मलबे को हटाने में जुटी रही।
कलेक्टर निशांत वरवड़े ने होटल हादसे की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं। जांच का जिम्मा अपर कलेक्टर (पूर्व) को दिया है। चूंकि ADM रुचिका चौहान का ट्रांसफर हो गया है इसलिए ADM कैलाश वानखेड़े हो सकते हैं जांच अधिकारी।
सहायता राशि की घोषणा
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने इंदौर के सरवटे बस स्टैंड क्षेत्र में भवन गिरने की दुर्घटना के मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रूपये तथा घायलों को पचास- पचास हजार रुपए की सहायता राशि देने की घोषणा की है । साथ ही उन्होंने कहा है कि घायलों का पूरा इलाज कराया जायेगा । यह जानकारी कलेक्टर श्री निशांत वरवड़े ने दी है।
सरवटे बस स्टैंड पर रेस्क्यू में परेशानी न हो, इसलिए बस स्टैंड तक आने वाले सभी रास्ते बंद कर दिए गए। घमंडी लस्सी वाले रास्ते को ही बसों के आने-जाने के लिए खुला रखा गया, यहां से भी सिर्फ पैदल जाने वाले यात्री और बसों को ही एंट्री दी जा रही थी। सरवटे बस स्टैंड प्रबंधक दिनेश पटेल ने बताया कि रात को हादसे के बाद बसों का रूट डायवर्ट कर दिया था। पहले बसें मुधमिलन से सीधे सरवटे बस स्टैंड आ रही थीं, बाद में इस रूट को बंद कर दिया गया। बसों को मधुमिलन से पटेल ब्रिज चौराहा, रेलवे स्टेशन होते हुए घमंडी लस्सी वाले गेट से एंटर करवाना शुरू किया गया। जाम न लगे, इसलिए कुछ कर्मचारियों को गेट पर ही तैनात किया गया।
हादसे के कुछ देर बार ही मधुमिलन से सरवटे जाना वाला रास्ता, नसिया रोड धर्मशाला से सरवटे जान वाला रास्ता, गुरुकृपा होटल से नसिया रोड की ओर जाने वाला रास्ता, जूनी इंदौर अंडर ब्रिज से रेलवे स्टेशन जाने वाले रास्ते बैरिकेड्स लगाकर बंद कर दिए गए। यह व्यवस्था आज सुबह भी लागू रही
स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों ने भी एमवाय में संभाला मोर्चा,
कल हादसे की सूचना मिलते ही स्वास्थ्य विभाग का अमला भी एमवाय अस्पताल पहुंच गया। सीएमएचओ डॉ. एचएन नायक, सिविल सर्जन डॉ. एमएस मंडलोई, पीसी सेठी अस्पताल प्रभारी डॉ. माधव हसानी सहित दो हड्डी रोग विशेषज्ञ व दो सर्जन एमवाय अस्प्ताल पहुंच गए थे। रात 10 बजे से रात 2 बजे तक सभी एमवाय में मुस्तैद रहे। उधर एमवाय अस्पताल में अधीक्षक डॉ. वीएस पाल ने भी कई सीनियर डॉक्टरों व जूनियर डॉक्टरो के साथ मोर्चा संभाले रखा। हालांकि अधिकांश लोगो की बॉडी ही आने के चलते इलाज की संभावनाए कम रही। लेकिन पहली बार एमवाय अस्पताल में डॉक्टरों की इस तरह की मुस्तैदी देखने को मिली।

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