Skip to main content

कांग्रेसियों ने जारी किया अमिताभ बच्चन के लिए पोस्टर..



यूपी। बॉलीवुड स्टार अमिताभ बच्चन द्वारा ट्विटर पर कांग्रेस पार्टी और उसके अध्यक्ष राहुल गांधी समेत पार्टी के दूसरे नेताओं को फॉलो किए जाने से उत्साहित कांग्रेस कार्यकर्ताओं के मन में लड्डू फूटना शुरू हो गया है. नेहरू-गांधी परिवार के साथ ही अमिताभ बच्चन के शहर इलाहाबाद के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया पर पोस्टर जारी कर बिग-बी का न सिर्फ आभार जताया है, बल्कि उनसे पुराने गिले शिकवे भूलकर कांग्रेस पार्टी में घर वापसी की अपील भी की.
लगे हाथ उत्साहित कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अमिताभ बच्चन को अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में इलाहाबाद सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने का न्यौता भी दे दिया. पोस्टर जारी करने वाले कांग्रेस नेताओं का मानना है कि अमिताभ बच्चन की घर वापसी से कांग्रेस पार्टी के अच्छे दिन आ सकते हैं.
इलाहाबाद में कांग्रेस पार्टी के जिला महासचिव हसीब अहमद द्वारा जारी किए गए पोस्टर में बाईं तरफ अमिताभ बच्चन और उनके पुराने दोस्त पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की तस्वीर लगाई गई है तो दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी के मौजूदा अध्यक्ष राहुल गांधी की हाथ जोड़े हुई तस्वीर है. पोस्टर पर इलाहाबाद के संगम का बैकग्राउंड है, तो ऊपर के हिस्से में अमिताभ द्वारा 1984 में इलाहाबाद सीट से लड़े गए लोकसभा चुनाव के प्रचार की कई तस्वीरें हैं.
पोस्टर पर सबसे ऊपर तीन बार आभार.. आभार... आभार लिखकर कांग्रेस और राहुल गांधी को ट्विटर पर फॉलो करने के लिए अमिताभ का शुक्रिया अदा किया गया है. पोस्टर में नीचे के हिस्से में कांग्रेस के चुनाव निशान हाथ के पंजे के साथ ‘आ अब लौट चलें’ लिखकर बिग बी से कांग्रेस में लौटने की अपील की गई है. पोस्टर में सबसे नीचे दो लाइनों में लिखा गया है- ‘बने चाहे दुश्मन ज़माना हमारा, सलामत रहे दोस्ताना हमारा.’
कांग्रेस नेता हसीब अहमद द्वारा सोशल मीडिया पर जारी किया गया यह पोस्टर तेजी से वायरल हो रहा है. पोस्टर को लेकर चाय- पान की दुकानों से लेकर सियासी गलियारों तक खूब चर्चा हो रही है. लोगों के मन में सवाल यही उठ रहा है कि क्या अमिताभ बच्चन इकतीस साल बाद कांग्रेस में घर वापसी करेंगे या फिर कांग्रेस के अपने प्रेम को सिर्फ सोशल मीडिया तक ही सीमित रखेंगे.

Comments

Popular posts from this blog

आँनलाइन फार्मेसी के खिलाफ आज दवा दुकानदार हड़ताल पर

मुंब्रा। ई-कॉमर्स से दवा बिक्री होने के खिलाफ आज शुक्रवार को देशभर के दवा दुकानदार हड़ताल पर रहेंगे। इस हड़ताल में दिल्ली में मौजूद 12 हजार से अधिक दवा विक्रेता शामिल होंगे। हालांकि, अस्पतालों में स्थित दवा दुकानों को हड़ताल से बाहर रखा गया है। दवाओं की ऑनलाइन बिक्री के खिलाफ दुकानदारों ने जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन करने की भी तैयारी की है। इस बारे में ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स (एआइओसीडी) के अध्यक्ष जेएस शिंदे ने प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि केंद्र सरकार ने इंटरनेट के जरिये दवाओं की बिक्री यानी ई-फार्मेसी को मंजूरी दे दी है। सरकार के इस कदम के खिलाफ 28 सितंबर को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया गया है। इस हड़ताल में देशभर के 7 लाख खुदरा व 1.5 लाख थोक दवा दुकानदार शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि इन साढ़े आठ लाख दुकानों से करीब 40 लाख स्टॉफ जुड़े हैं। इसके अलावा 1.5 से 2 करोड़ औषधि प्रतिनिधि भी हड़ताल में शामिल होंगे, क्योंकि ऑनलाइन फार्मेसी से इनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। एआइओसीडी के महासचिव राजीव सिंघल ने कहा कि सवाल मात्र व्...

चार लोकसभा और 10 विधानसभा उपचुनाव के नतीजे थोड़ी देर में, कैराना सीट पर सबकी है नजर

 पालघर। देश के 4 लोकसभा और 10 विधानसभा सीटों पर सोमवार को हुए उपचुनाव के नतीजे आज बृहस्पतिवार को आएंगे। बृहस्पतिवार सुबह 8 बजे इन सभी सीटों पर मतों की गिनती शुरू हो चुकी है। इन सभी सीटों में से सबसे ज्यादा नजर उत्तर प्रदेश की कैराना लोकसभा सीट पर रहेगी। यहां बीजेपी को हराने के लिए विपक्षी पार्टियां रालोद उम्मीदवार का समर्थन कर रही हैं। 2019 लोकसभा चुनाव की ओर बढ़ रहे देश में विपक्षी पार्टियां कैराना में बीजेपी को हरा कर एक बड़ा संदेश देना चाहती हैं। सोमवार को हुए मतदान में काफी जगह ईवीएम-वीवीपैट में गड़बड़ी की खबरें आई थीं, जिसके बाद यूपी की कैराना, महाराष्ट्र की भंडारा-गोंदिया लोकसभा और नगालैंड की एक विधानसभा सीट के कुछ पोलिंग बूथों पर दोबारा वोट डलवाए गए थे। कैराना से भाजपा सांसद हुकुम सिंह और नूरपुर में भाजपा विधायक लोकेंद्र चौहान के निधन के कारण उप चुनाव हो रहे हैं। कैराना लोकसभा सीट के उपचुनाव पर देश के राजनीतिक दलों की निगाहें हैं। क्योंकि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले हो रहे इस चुनाव की नतीजे देश की सियासत को नया संदेश देने वाले हैं। गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीट क...

महाराष्ट्र से वापस लौट सकेंगे प्रवासी मजदूर,डीएम की अनुमति होगी जरूरी

मुंबई। लॉकडाउन की वजह से देशभर में लॉकडाउन लागू है. अलग-अलग राज्यों के मजदूर और लोग दूसरे राज्यों में फंस गए हैं. महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख गुरुवार को कहा कि प्रवासी और अन्य फंसे हुए लोग अपने-अपने राज्यों में जिला मजिस्ट्रेट की अनुमति के बाद वापस लौट जाएंगे. जिला मजिस्ट्रेट ही प्रवासी मजदूरों को वापस भेजने के लिए नोडल अधिकारी की भूमिका में होंगे. लोगों को नाम, मोबाइल नंबर, गाड़ियों का विवरण(अगर हो तो), राज्य में अकेले हैं या साथ में हैं, इन सबका क्रमवार ब्यौरा देना होगा. महाराष्ट्र में लॉकडाउन की घोषणा के बाद लगभग 6 लाख मजदूर फंसे हैं. ये मजदूर बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और ओडिशा के हैं. इस वक्त इन मजदूरों के रहने-खाने की जिम्मेदारी महाराष्ट्र सरकार पर है. हालांकि कुछ मजदूर अपने गृह राज्य जाने की मांग कर रहे हैं. अब गृह मंत्रालय की ओर से जारी नई गाइडलाइन के मुताबिक मजदूर अपने राज्यों को लौट सकेंगे. राज्य इसके लिए तैयारी कर रहे हैं. दरअसल बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र जैसे कुछ राज्यों की मांग के बाद गृह मंत्रालय ने अलग-अलग स्थानों पर फंसे हुए प्रवासी मजदूरों, लोगों और ...