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एम्बुलेंस में भरे बम बीच बजार में आंतकी ने दवा दिया बटन..





 


  काँबुल:भीड़भाड़ वाले बाजार में लोग अपनी खरीददारी में व्यस्त दिख रहे थे। इसी दौरान एक एंबुलेंस आई और बाजार के बीचों-बीच खड़ी हो गई। एंबुलेंस को देख लोगों ने सोचा कि शायद ये गाड़ी किसी मरीज को लेने पहुंची है। लेकिन तभी अचानक एंबुलेंस में बैठे शख्स ने बटन दबाया और चारों तरफ लाशों का ढेर बिछ गया। जी हां, ऐसा ही कुछ हुआ अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में जहां भीड़भाड़ वाले इलाके में एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से भरी एंबुलेंस के साथ खुद को उड़ा लिया।
इस हमले में अब तक 100 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 151 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। वहीं अफगानिस्तान सरकार ने कहा है कि इस आतंकी हमले के पीछे हक्कानी नेटवर्क का हाथ है। इससे पहले अभी तक तालिबानियों द्वारा आतंकी हमले की बात सामने आ रही थी। पिछले एक हफ्ते के अंदर काबुल में यह दूसरा बड़ा आतंकी हमला है। हमले के बाद अफरातफरी मच गई और दहशतजदा लोग इधर-उधर भागने लगे। जिस जगह पर हमला हुआ उसके आस-पास यूरोपियन यूनियन समेत कई हाई-प्रोफाइल संगठनों के दफ्तर हैं।
एक अधिकारी ने बताया कि यूरोपियन यूनियन के प्रतिनिधिमंडल को 'सुरक्षित जगह' पहुंचा दिया गया। पिछले साल 31 मई को काबुल के राजनयिक इलाके में ट्रक बम हमले के बाद का यह सबसे बड़ा आतंकी हमला है। न्यूज एजेंसी AFP के एक रिपोर्टर ने जमूरियत हॉस्पिटल के आस-पास कई शवों और घायलों को देखा, जहां मेडिकल स्टाफ गलियारे में लेटे खून से लथपथ लोगों और बच्चों का इलाज कर रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता वाहीद मजरूह ने बताया, 'हमले में अब तक 100 लोगों की मौत हो चुकी है, 151 घायल हैं।' धमाका इतना ताकतवर था कि 2 किलोमीटर दूर की इमारतों के भी कांच चटक गए और नजदीकी इमारतों के कांच सैकड़ों मीटर में बिखर गए। धमाके की जगह के नजदीक की कुछ कम ऊंची इमारतें भी जमींदोज हो गईं।
आंतरिक मामलों के मंत्रालय के उप प्रवक्ता नसरत रहीमी ने बताया, 'आत्मघाती हमलावर ने चेकपॉइंट्स को पार करने के लिए एक एंबुलेंस का इस्तेमाल किया। पहले चेकपोस्ट को उसने यह कहकर पार किया कि वह मरीज को लेकर जमूरियत हॉस्पिटल ले जा रहा है। दूसरे चेकपोस्ट पर वह पहचान लिया गया जिसके बाद उसने विस्फोटकों से भरी ऐम्बुलेंस को उड़ा दिया।'

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