Skip to main content

लाइव टीवी डिबेट में आरएसएस विचारक राकेश सिन्हा ने सरेआम मुस्लिम नेता को दी धमकी..




दिल्ली।  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के विचारक राकेश सिन्हा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में सिन्हा ने मुस्लिम समुदाय के लोगों के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक और भड़काऊ बात कही है। इस वीडियो में आरएसएस विचारक सरेआम एक मुस्लिम नेता को धमकी देते हुए कह रहे हैं कि जिस दिन आपके खिलाफ प्रतिक्रिया हुई, आप 15 सेकंड भी नहीं टिक पाएंगे।
दरअसल, यह वीडियो हिंदी समाचार चैनल ‘न्यूज 24’ के लाइव डिबेट शो का है। चैनल पर डिबेट के दौरान राकेश सिन्हा ने ऑल इंडिया मज्लिस ए इतेहदुल मुसलिमीन (एआईएमआईएम) के नेता असीम वकार पर एक बात को लेकर भड़कते हुए यहां तक कह दिया कि जिस दिन आपके खिलाफ प्रतिक्रिया हो जाएगी, 15 मिनट क्‍या…आप 15 सेकंड नहीं टिक पाएंगे। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
जनसत्ता के मुताबिक राजस्थान में एक बीजेपी नेता द्वारा सरेआम हिंदू-मुस्लिम के नाम पर वोट मांगने को लेकर शो के एंकर मानक गुप्ता ने डिबेट में मौजूद मेहमानों से पूछा कि क्‍या विकास के बजाय अब हिंदू-मुसलमान के नाम पर वोट मांगा जाएगा। इसकी प्रतिक्रिया में एआईएमआईएम नेता वकार ने कथित तौर पर कुछ भड़काऊ बातें कही थीं, जिसका पहले तो राकेश सिन्‍हा ने यह कह कर विरोध किया कि उन्‍हें लाखों लोग देख रहे हैं, इतने नीचे स्‍तर पर जाकर बात न करें।
हालांकि, वीडियो में दिखाई दे रहा है कि इसके बाद राकेश सिन्‍हा एआईएमआईएम नेता पर खुद भड़क गए। सिन्‍हा ने एमआइएम नेता असदुद्दीन ओवैसी का हवाला देते हुए कहा कि इनके नेता कहते हैं हैदराबाद से 15 मिनट के लिए पुलिस को हटा दो क्‍या-क्‍या कर देंगे। फिर उन्होंने आगे कहा कि, ‘अरे, जिस दिन आपके खिलाफ प्रतिक्रिया हो जाएगी, 15 मिनट क्‍या…15 सेकंड नहीं टिक पाएंगे।’
हालांकि, राकेश सिन्हा के इस भड़काऊ बयान का विरोध करते हुए एंकर मानक गुप्ता ने नाराजगी व्यक्त की। मानक ने राकेश सिन्हा से कहा कि राकेश जी, मैं आपसे उम्‍मीद नहीं करता हूं ऐसा भड़काऊ बयान देने के लिए।

Comments

Popular posts from this blog

आँनलाइन फार्मेसी के खिलाफ आज दवा दुकानदार हड़ताल पर

मुंब्रा। ई-कॉमर्स से दवा बिक्री होने के खिलाफ आज शुक्रवार को देशभर के दवा दुकानदार हड़ताल पर रहेंगे। इस हड़ताल में दिल्ली में मौजूद 12 हजार से अधिक दवा विक्रेता शामिल होंगे। हालांकि, अस्पतालों में स्थित दवा दुकानों को हड़ताल से बाहर रखा गया है। दवाओं की ऑनलाइन बिक्री के खिलाफ दुकानदारों ने जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन करने की भी तैयारी की है। इस बारे में ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स (एआइओसीडी) के अध्यक्ष जेएस शिंदे ने प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि केंद्र सरकार ने इंटरनेट के जरिये दवाओं की बिक्री यानी ई-फार्मेसी को मंजूरी दे दी है। सरकार के इस कदम के खिलाफ 28 सितंबर को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया गया है। इस हड़ताल में देशभर के 7 लाख खुदरा व 1.5 लाख थोक दवा दुकानदार शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि इन साढ़े आठ लाख दुकानों से करीब 40 लाख स्टॉफ जुड़े हैं। इसके अलावा 1.5 से 2 करोड़ औषधि प्रतिनिधि भी हड़ताल में शामिल होंगे, क्योंकि ऑनलाइन फार्मेसी से इनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। एआइओसीडी के महासचिव राजीव सिंघल ने कहा कि सवाल मात्र व्...

चार लोकसभा और 10 विधानसभा उपचुनाव के नतीजे थोड़ी देर में, कैराना सीट पर सबकी है नजर

 पालघर। देश के 4 लोकसभा और 10 विधानसभा सीटों पर सोमवार को हुए उपचुनाव के नतीजे आज बृहस्पतिवार को आएंगे। बृहस्पतिवार सुबह 8 बजे इन सभी सीटों पर मतों की गिनती शुरू हो चुकी है। इन सभी सीटों में से सबसे ज्यादा नजर उत्तर प्रदेश की कैराना लोकसभा सीट पर रहेगी। यहां बीजेपी को हराने के लिए विपक्षी पार्टियां रालोद उम्मीदवार का समर्थन कर रही हैं। 2019 लोकसभा चुनाव की ओर बढ़ रहे देश में विपक्षी पार्टियां कैराना में बीजेपी को हरा कर एक बड़ा संदेश देना चाहती हैं। सोमवार को हुए मतदान में काफी जगह ईवीएम-वीवीपैट में गड़बड़ी की खबरें आई थीं, जिसके बाद यूपी की कैराना, महाराष्ट्र की भंडारा-गोंदिया लोकसभा और नगालैंड की एक विधानसभा सीट के कुछ पोलिंग बूथों पर दोबारा वोट डलवाए गए थे। कैराना से भाजपा सांसद हुकुम सिंह और नूरपुर में भाजपा विधायक लोकेंद्र चौहान के निधन के कारण उप चुनाव हो रहे हैं। कैराना लोकसभा सीट के उपचुनाव पर देश के राजनीतिक दलों की निगाहें हैं। क्योंकि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले हो रहे इस चुनाव की नतीजे देश की सियासत को नया संदेश देने वाले हैं। गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीट क...

महाराष्ट्र से वापस लौट सकेंगे प्रवासी मजदूर,डीएम की अनुमति होगी जरूरी

मुंबई। लॉकडाउन की वजह से देशभर में लॉकडाउन लागू है. अलग-अलग राज्यों के मजदूर और लोग दूसरे राज्यों में फंस गए हैं. महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख गुरुवार को कहा कि प्रवासी और अन्य फंसे हुए लोग अपने-अपने राज्यों में जिला मजिस्ट्रेट की अनुमति के बाद वापस लौट जाएंगे. जिला मजिस्ट्रेट ही प्रवासी मजदूरों को वापस भेजने के लिए नोडल अधिकारी की भूमिका में होंगे. लोगों को नाम, मोबाइल नंबर, गाड़ियों का विवरण(अगर हो तो), राज्य में अकेले हैं या साथ में हैं, इन सबका क्रमवार ब्यौरा देना होगा. महाराष्ट्र में लॉकडाउन की घोषणा के बाद लगभग 6 लाख मजदूर फंसे हैं. ये मजदूर बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और ओडिशा के हैं. इस वक्त इन मजदूरों के रहने-खाने की जिम्मेदारी महाराष्ट्र सरकार पर है. हालांकि कुछ मजदूर अपने गृह राज्य जाने की मांग कर रहे हैं. अब गृह मंत्रालय की ओर से जारी नई गाइडलाइन के मुताबिक मजदूर अपने राज्यों को लौट सकेंगे. राज्य इसके लिए तैयारी कर रहे हैं. दरअसल बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र जैसे कुछ राज्यों की मांग के बाद गृह मंत्रालय ने अलग-अलग स्थानों पर फंसे हुए प्रवासी मजदूरों, लोगों और ...