रामचंद्र (फाइल फोटो)
मुंबई। वर्ष 1986 में मुंबई के रहने वाले एक शख्स ने अपने पांच दिन के नवजात बेटे की हत्या कर दी थी। जेल से जमानत पर बाहर आने के बाद वह फरार हो गया था। 33 साल बाद शुक्रवार को पुलिस ने उसे उत्तर प्रदेश में उसके गृहनगर से गिरफ्तार कर लिया। हालांकि इस मामले में जांच के दौरान पुलिस जब किसी नतीजे पर नहीं पहुंची तो इस केस को बंद कर दिया था।
रामचंद्र शर्मा मेट्रो जंक्शन के पास पान बेचता था। आज उसकी उम्र 65 साल की है। रामचंद्र ने पुलिस को बताया कि उसे याद नहीं है कि उसने अपने नवजात को मारा था। पुलिस ने बताया कि रामचंद्र यूपी से मुंबई में आकर रह रहा था। वह बिना शादी किए चंद्रकला जाधव नाम की महिला के साथ रिश्ते में था। इस दौरान महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया। रामचंद्र को यह बच्चा मंजूर नहीं था। उसने पांच दिन के बच्चे की हत्या कर दी।
हत्या करने के बाद शर्मा ने बच्चे के शव को धारावी में एक सार्वजनिक स्थान पर दफना दिया। मामला तब सामने आया जब आजाद मैदान पुलिस को हत्या के बारे में सूचना मिली। उन्होंने शर्मा को उठाया और पूछताछ की। रामचंद्र ने बच्चे की हत्या करने की बात कबूल की और फिर बच्चे का शव भी बरामद किया गया था।
शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया। इसमें पुष्टि हुई कि बच्चे की गला दबाकर हत्या की गई है। इसके बाद, पुलिस ने हत्या और सबूत नष्ट करने के आरोप में शर्मा और जाधव को गिरफ्तार कर लिया था। साढ़े तीन महीने बाद शर्मा को जमानत मिल गई और फिर वह शहर से फरार हो गया। जांच अधिकारी बाबासाहेब मिशाल ने कहा कि अदालतों ने शर्मा के खिलाफ समन जारी किया था, लेकिन वह पेश नहीं हो रहा था। पुलिस की एक टीम उत्तर प्रदेश के संत कबीरदास नगर जिले में रामचंद्र के गृहनगर बुडगानो भी गई थी, लेकिन वह नहीं मिला।
1989 में चंद्रकला जाधव का निधन हो गया और मामला बंद हो गया। पुलिस को हाल ही में एक सूचना मिली थी कि रामचंद्र का एक बेटा मुंबई में रहकर काम करता था। एक पुलिस अधिकारी ने बताया, 'हमने उसके बेटे, उसके तीन भाइयों और उनके दोस्तों के साथ पूछताछ की जिन्होंने हमें रामचंद्र के बारे में बताया। हमने उनका कॉल रेकॉर्ड भी खंगाला और उत्तर प्रदेश का एक नंबर मिला। हमने इस पर काम किया और यूपी में शर्मा का पता लगाया। उसे शुक्रवार को गिरफ्तार करके मुंबई लाया गया है। अब रविवार को अदालत में पेश किया जाएगा।'
हालांकि अधिकारियों के आगे इस केस को लेकर बड़ी समस्या है। मुंबई पुलिस के पास अदालत में रामचंद्र के खिलाफ सबूत और गवाह पेश करना बहुत बड़ी चुनौती होगा।
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