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नीरव मोदी लंदन में गिरफ्तार जमानत अर्जी खारिज, नौ दिन की हिरासत में, अगली सुनवाई 29 को




लंदन/एजेंसी। 13700 करोड़ रुपए के पीएनबी घोटाले के आरोपी नीरव मोदी को बुधवार को लंदन में गिरफ्तार कर लिया गया। होलबोर्न मेट्रो स्टेशन से नीरव की गिरफ्तारी हुई। उसे वेस्टमिंस्टर न्यायालय में पेश किया गया। नीरव जमानत की अर्जी दाखिल की थी, जिसे न्यायालय ने खारिज कर दिया। उसे 9 दिन हिरासत में रहना होगा। अगली सुनवाई 29 मार्च को होगी। इसी अदालत ने उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। एक अधिकारी ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीबीआई के अधिकारी अगले हफ्ते नीरव के प्रत्यर्पण से जुड़े कागजात लेकर लंदन रवाना होंगे। लंदन के अखबार टेलीग्राफ ने खुलासा किया था कि नीरव लंदन के वेस्ट एंड इलाके में 72 करोड़ रुपए के अपार्टमेंट में रह रहा है। इसके लिए हर महीने 15.5 लाख रुपए किराया चुका रहा है। वह हीरे का कारोबार भी कर रहा है। नीरव मोदी पर मेहुल चौकसी के साथ मिलकर 13700 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने का आरोप है। इस मामले में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय जांच कर रहे हैं। दोनों के खिलाफ मुंबई की विशेष न्यायालय में भी मामला चल रहा है।

पेंटिंग्स और कारों की होगी नीलामी

 लंदन में नीरव मोदी की गिरफ्तारी के बीच भारत में अब उसकी संपत्तियों को भी बेचा जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, मुंबई स्थित प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय को इसकी इजाजत दे दी है। न्यायालय ने नीरव की पत्नी अमी मोदी के खिलाफ भी गैर जमानती वॉरंट जारी किया है। ईडी सूत्रों ने बताया कि न्यायालय ने 13 हजार करोड़ रुपए से अधिक घोटाले के आरोपी नीरव मोदी की 173 मंहगी पेंटिंग्स और 11 लग्जरी कारों को बेचने की मंजूरी दी है। नीलामी के जरिए इन संपत्तियों को बेचा जाएगा। नीरव ने अपने मामा मेहुल चौकसी के साथ मिलकर यह घोटाला किया था। नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और ईडी जांच के घेरे में हैं। अब तक दोनों की 4,765 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की जा चुकी है।

क्या है पीएनबी घोटाला मामला

11,400 हजार करोड़ का पीएनबी घोटाला देश का सबसे बड़ा बैंकिंग घोटाला है। नीरव मोदी इसका मुख्य आरोपी है। इसमें नीरव के मामा मेहुल चौकसी भी शामिल हैं। 7 साल तक पीएनबी घोटाला चलता रहा, लेकिन आरबीआई और वित्त मंत्रालय को इसकी भनक तक नहीं लगी। इस घोटाले में बैंक के कई कर्मचारी भी शामिल थे जिनपर कार्रवाई की जा रही है। इस पूरे मामले में लेटर ऑफ अंडरटेकिंग यानी एलओयू शामिल है। यह एक तरह की गारंटी होती है, जिसके आधार पर बैंक दूसरे बैंक खातेदार को पैसा मुहैया करा देते हैं। अब यदि खातेदार डिफॉल्ट कर जाता है तो एलओयू मुहैया कराने वाले बैंक की यह जिम्मेदारी होती है कि वह संबंधित बैंक को बकाए का भुगतान करे। नीरव के खिलाफ दर्ज चार्जशीट के मुताबिक, पीएनबी से फर्जी एलओयू के माध्यम से दुबई और हॉन्ग कॉन्ग स्थित शेल कंपनियों के खाते में नीरव मोदी को पैसा मिला।

1873 करोड़ रुपए की संपत्ति अटैच हो चुकी

प्रवर्तन निदेशालय प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएलएए) के तहत नीरव की 1,873.08 करोड़ रुपए की संपत्ति अटैच कर चुका है। नीरव और परिवार से जुड़ी 489.75 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त भी की जा चुकी है।

विस्फोट से उड़ाया गया था बंगला

नीरव मोदी के नवी मुंबई में अवैध रूप से समुद्र किनारे बने बंगले को पिछले दिनों विस्फोट से उड़ा दिया गया। 30,000 स्क्वॉयर फीट के इस बंगले की कीमत 25 करोड़ रुपये बताई गई है।

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