Skip to main content

लोकसभा चुनाव 2019: मोदी सरकार के खिलाफ लामबंद हुए मुस्लिम धर्मगुरू और नेता, मुस्लिम धर्मगुरूओं ने सपा नेता आजमी से किया मुलाकात

 


समाजवादी पार्टी के विधायक अबु आजमी फोटो

मुंबई। लोकसभा चुनाव 2019: की तारीखों के ऐलान के साथ ही राजनीतिक पार्टियों ने अपनी-अपनी रणनीति पर काम करना शुरु कर दिया है। इसी क्रम में मंगलवार को मुस्लिम धर्मगुरुओं और नेताओं ने अपनी लामबंदी के साथ ही सेक्युलर ताकतों के साथ आने की बात कही ताकि बीजेपी को आने वाले लोकसभा चुनाव में मात दी जा सके।मुस्लिम धर्मगुरुओं ने सपा विधायक अबु आजमी से इस सिलसिले में मुलाकात करने के बाद महाराष्ट्र के कांग्रेस प्रमुख अशोक छवन से मुलाकात कर आने वाले चुनाव में सपा के साथ गठबंधन करने की अपील करेंगे। इसके अलावा वो सपा के लिए एक सीट की भी मांग करेंगे।

अबु आजमी का दावा है कि सपा के पास दक्षिण मुंबई , भिंवडी, मध्य दक्षिण मुंबई,उत्तर पूर्वी मुंबई और मुंबई उत्तर मध्य में वोट की अच्छी पकड़ है। लेकिन कांग्रेस इन पांचों सीटों में से सपा को एक भी सीटें देने के लिए राजी नहीं दिख रही है। सपा के रईस शेख का कहना है कि कांग्रेस ने हमें उत्तर मुंबई और जालना से चुनाव लड़ने प्रस्ताव दिया है लेकिन समाजवादी पार्टी को यह मंजूर नहीं है।उत्तर मुंबई की सीट पर गोपाल शेट्टी ने कांग्रेस नेता संजय निरुपम को 2014 में हराया था जिसके बाद बीजेपी के खाते में यह सीट आ गई थी।वहीं जालना सीट भी बीजेपी के कब्जे में है।

ममता बोलीं- अप्रैल में एक और स्ट्राइक करेगी BJP, इसलिए मई तक खींचे जा रहे चुनाव,
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के बाद केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर आरोप लगाया है कि लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया को इसलिए लंबा खींचा गया है ताकि बीजेपी अपनी योजना के तहत एक और हमला (स्ट्राइक) करा सके।

ऑल इंडिया उलेमा काउंसिल के महासचिव मौलान महमूद अहमद दरयाबदी का कहना है कि, हम चाहते हैं कि सारी सेक्युलर पार्टियां एकजुट हो जाए।सपा महाराष्ट्र में कांग्रेस से एक सीट मांग रही है। अगर सीट मिल जाती है तो हम कांग्रेस और एनसीपी के साथ भी गठबंधन करना चाहेंगे। गठबंधन नहीं होने पर मुस्लिम वोट बट सकते हैं।पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य सैय्यद अतहर अली का कहना है कि पिछली बार की तरफ इस बार मुस्लमानों का वोट नहीं बटना चाहिए।पिछली साल मोदी लहर की वजह से कुछ मुस्मिल वो भी उन्हें गए थे पिछली बार लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा।

Comments

Popular posts from this blog

आँनलाइन फार्मेसी के खिलाफ आज दवा दुकानदार हड़ताल पर

मुंब्रा। ई-कॉमर्स से दवा बिक्री होने के खिलाफ आज शुक्रवार को देशभर के दवा दुकानदार हड़ताल पर रहेंगे। इस हड़ताल में दिल्ली में मौजूद 12 हजार से अधिक दवा विक्रेता शामिल होंगे। हालांकि, अस्पतालों में स्थित दवा दुकानों को हड़ताल से बाहर रखा गया है। दवाओं की ऑनलाइन बिक्री के खिलाफ दुकानदारों ने जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन करने की भी तैयारी की है। इस बारे में ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स (एआइओसीडी) के अध्यक्ष जेएस शिंदे ने प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि केंद्र सरकार ने इंटरनेट के जरिये दवाओं की बिक्री यानी ई-फार्मेसी को मंजूरी दे दी है। सरकार के इस कदम के खिलाफ 28 सितंबर को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया गया है। इस हड़ताल में देशभर के 7 लाख खुदरा व 1.5 लाख थोक दवा दुकानदार शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि इन साढ़े आठ लाख दुकानों से करीब 40 लाख स्टॉफ जुड़े हैं। इसके अलावा 1.5 से 2 करोड़ औषधि प्रतिनिधि भी हड़ताल में शामिल होंगे, क्योंकि ऑनलाइन फार्मेसी से इनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। एआइओसीडी के महासचिव राजीव सिंघल ने कहा कि सवाल मात्र व्...

चार लोकसभा और 10 विधानसभा उपचुनाव के नतीजे थोड़ी देर में, कैराना सीट पर सबकी है नजर

 पालघर। देश के 4 लोकसभा और 10 विधानसभा सीटों पर सोमवार को हुए उपचुनाव के नतीजे आज बृहस्पतिवार को आएंगे। बृहस्पतिवार सुबह 8 बजे इन सभी सीटों पर मतों की गिनती शुरू हो चुकी है। इन सभी सीटों में से सबसे ज्यादा नजर उत्तर प्रदेश की कैराना लोकसभा सीट पर रहेगी। यहां बीजेपी को हराने के लिए विपक्षी पार्टियां रालोद उम्मीदवार का समर्थन कर रही हैं। 2019 लोकसभा चुनाव की ओर बढ़ रहे देश में विपक्षी पार्टियां कैराना में बीजेपी को हरा कर एक बड़ा संदेश देना चाहती हैं। सोमवार को हुए मतदान में काफी जगह ईवीएम-वीवीपैट में गड़बड़ी की खबरें आई थीं, जिसके बाद यूपी की कैराना, महाराष्ट्र की भंडारा-गोंदिया लोकसभा और नगालैंड की एक विधानसभा सीट के कुछ पोलिंग बूथों पर दोबारा वोट डलवाए गए थे। कैराना से भाजपा सांसद हुकुम सिंह और नूरपुर में भाजपा विधायक लोकेंद्र चौहान के निधन के कारण उप चुनाव हो रहे हैं। कैराना लोकसभा सीट के उपचुनाव पर देश के राजनीतिक दलों की निगाहें हैं। क्योंकि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले हो रहे इस चुनाव की नतीजे देश की सियासत को नया संदेश देने वाले हैं। गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीट क...

महाराष्ट्र से वापस लौट सकेंगे प्रवासी मजदूर,डीएम की अनुमति होगी जरूरी

मुंबई। लॉकडाउन की वजह से देशभर में लॉकडाउन लागू है. अलग-अलग राज्यों के मजदूर और लोग दूसरे राज्यों में फंस गए हैं. महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख गुरुवार को कहा कि प्रवासी और अन्य फंसे हुए लोग अपने-अपने राज्यों में जिला मजिस्ट्रेट की अनुमति के बाद वापस लौट जाएंगे. जिला मजिस्ट्रेट ही प्रवासी मजदूरों को वापस भेजने के लिए नोडल अधिकारी की भूमिका में होंगे. लोगों को नाम, मोबाइल नंबर, गाड़ियों का विवरण(अगर हो तो), राज्य में अकेले हैं या साथ में हैं, इन सबका क्रमवार ब्यौरा देना होगा. महाराष्ट्र में लॉकडाउन की घोषणा के बाद लगभग 6 लाख मजदूर फंसे हैं. ये मजदूर बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और ओडिशा के हैं. इस वक्त इन मजदूरों के रहने-खाने की जिम्मेदारी महाराष्ट्र सरकार पर है. हालांकि कुछ मजदूर अपने गृह राज्य जाने की मांग कर रहे हैं. अब गृह मंत्रालय की ओर से जारी नई गाइडलाइन के मुताबिक मजदूर अपने राज्यों को लौट सकेंगे. राज्य इसके लिए तैयारी कर रहे हैं. दरअसल बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र जैसे कुछ राज्यों की मांग के बाद गृह मंत्रालय ने अलग-अलग स्थानों पर फंसे हुए प्रवासी मजदूरों, लोगों और ...