नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के लिए जान गंवाने वाले केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों के जवानों को ‘शहीद’ का दर्जा देने का उनका आग्रह स्वीकार नहीं कर रहे हैं, लेकिन वह आशा करते हैं कि अर्द्धसैनिक बलों को बेहतर वेतन देने संबंधी उच्चतम न्यायालय के एक आदेश पर अमल अवश्य किया जाएगा।
केंद्रीय बलों के वेतन में बढ़ोतरी से जुड़े ‘नॉन-फंक्शनल फाइनेंशियल अपग्रेडेशन ’र् एनएफएफयूी को केंद्र सरकार द्वारा स्वीकार नहीं किए जाने संबंधी खबर का हवाला देते हुए गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘ हमें सीआरपीएफ जैसे अपने अर्द्धसैनिक बलों के बलिदान को सम्मान देना चाहिए और उन्हें शहीद का दर्जा देना चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर मोदी जी का अहंकार उन्हें मेरे आग्रह पर अमल नहीं करने दे रहा है तो मैं यह आशा करता हूं कि वह अर्द्धसैनिक बलों को बेहतर वेतन देने संबंधी उच्चतम न्यायालय के आदेश पर कदम उठाएंगे।
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इस मामले को लेकर दावा किया, ‘‘मोदी सरकार ने उच्चतम न्यायालय में सीआरपीएफ की वेतन बढ़ोतरी का विरोध किया था। सेना और जवानों की शहादत पर केवल राजनैतिक रोटियां सेंकने वाली मोदी सरकार, हमारे वीर जवानों के हक का घोर विरोध कर, दोगलेपन की पराकाष्ठा लाँघ चुकी है।
उन्होंने सवाल किया, ‘‘मोदी जी, क्या यही है ‘‘जय जवान’’?’’ खबरों के मुताबिक, अर्द्धसैनिक बलों के वेतन में बढ़ोतरी से जुड़े ‘एनएफएफयू’ को स्वीकार करने से केंद्र सरकार ने इस आधार पर मना किया कि उनकी सेवाएं ‘संगठित ग्रुप ए सेवाओं’ के तहत नहीं आती हैं।इस मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय के एक फैसले के खिलाफ केंद्र सरकार उच्चतम न्यायालय गई थी और शीर्ष अदालत ने उसकी याचिका गत पांच फरवरी को खारिज कर दिया।
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