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पूर्व रक्षा मंत्री जार्ज फर्नांडिस का लंबी बीमारी के बाद निधन



नई दिल्ली: पूर्व रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडीज का लंबी बीमारी के बाद आज 88 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। जार्ज फर्नांडीज ने
दिल्ली के मैक्स अस्पताल में सुबह सात बजे आखिरी सांस ली। वह पिछले काफी समय से अल्जाइमर नाम की बीमारी से पीड़ित थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जार्ज फर्नांजीज के निधन पर शोक व्यक्त किया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, आरजेडी नेता लालू यादव ने भी उनके निधन पर दुख जताया है।

प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ‘जॉर्ज साहब ने भारत की बेहतरीन लीडरशिप का प्रतिनिधत्व किया। वह बेबाक और निर्भिक थे। उन्होंने देश के लिए अमूल्य योगदान दिया। वह गरीबों की सबसे मजबूत आवाज थे। उनके निधन से दुखी हूं।’ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने फेसबुक पोस्ट में कहा, ”पूर्व सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री जॉर्ज फर्नांडीस के निधन के बारे में सुनकर दुख हुआ।दुख की इस घड़ी में उनके परिवार और मित्रों के प्रति मेरी संवेदना है।”

अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में रक्षा मंत्री रहे जार्ज फर्नांडीज ने सेना के लिए कई बेहतरीन कदम उठाए थे। फर्नांडीज की तबीयत पिछले काफी समय से खराब थी। फर्नांडीज ने रक्षा मंत्रालय, उद्योग मंत्रालय जैसे कई अहम विभाग संभाले थे। 3 जून 1930 को कर्नाटक में जन्मे जॉर्ज फर्नांडिस 10 भाषाओं के जानकार थे। उनका हिंदी, अंग्रेजी, तमिल, मराठी, कन्नड़, उर्दू, मलयाली, तुलु, कोंकणी और लैटिन भाषा पर अच्छा अधिकार था। उनकी मां किंग जॉर्ज पंचम की बड़ी प्रशंसक थीं। उन्हीं के नाम पर अपने छह बच्चों में से सबसे बड़े का नाम उन्होंने जॉर्ज रखा था।

आपातकाल के दौरान गिरफ्तारी से बचने के लिए जार्ज फर्नांडीज ने पगड़ी पहन और दाढ़ी बढ़ा कर सिख का भेष धारण किया था, जबकि गिरफ्तारी के बाद तिहाड़ जेल में कैदियों को गीता के श्लोक सुनाया करते थे। 1974 की रेल हड़ताल के बाद वह कद्दावर नेता के तौर पर उभरे और उन्होंने बेबाकी के साथ आपातकाल लगाए जाने का विरोध किया था। आपातकाल खत्म होने के बाद फर्नांडीज 1977 का लोकसभा चुनाव जेल में रहते हुए मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट से लड़े और रेकॉर्ड मतों से जीते। जनता पार्टी की सरकार में वह उद्योग मंत्री बनाए गए थे। बाद में जनता पार्टी टूटी, फर्नांडीज ने अपनी पार्टी समता पार्टी बनाई और भाजपा का समर्थन किया। फर्नांडीज ने अपने राजनीतिक जीवन में उद्योग, रेल और रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाली।

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