Skip to main content

ट्रैफिक जाम से विधायक परेशान, मुंबई शीतकालीन सत्र में छलका उनका दर्द




मुंबई। विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू हुए दस दिन बीत गए। दस दिन में से सिर्फ सात दिन विधानसभा की बैठक हुई। इनमें से भी ज्यादातर समय मराठा आरक्षण के हंगामे की भेंट चढ़ गया। मंगलवार को जैसे-तैसे सूखे पर चर्चा हो पाई। बुधवार को मलबार हिल से बीजेपी के वरिष्ठ विधायक मंगलप्रभात लोढ़ा ने आधे घंटे की चर्चा के माध्यम से मुंबई में ट्रैफिक के बुरे हाल का दर्द विधानसभा के समक्ष रखा।
दरअसल विधायक लोढ़ा जब विधानसभा में बोल रहे थे, तो हर मुंबईकर का दर्द उनकी आवाज में छलक रहा था। लोढ़ा ने अपने भाषण में सरकार से मांग की कि नरीमन पॉइंट स्थित मंत्रालय और मलबार हिल स्थित राजभवन के परिसर समेत सभी सरकारी जगहों को पब्लिक पार्किंग के लिए खोले जाए।
'सड़कों पर जगह नहीं, फुटपाथ खाली नहीं',
लोढ़ा ने कहा कि मुंबई और महाराष्ट्र के विकास के लिए मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सरकार अच्छा काम कर रही है। मेट्रो का काम भी स्पीड़ से हो रहा है, लेकिन गाड़ियों के लिए सड़क पर जगह नहीं है। रोज हजारों नए वाहनों का रजिस्ट्रेशन हो रहा है। जिस व्यक्ति के पास खुद के रहने और गाड़ी खड़ी करने की जगह भी नहीं है, उसकी गाड़ी का भी रजिस्ट्रेशन हो रहा है। नतीजा यह है कि घंटों तक ट्रैफिक जाम में फंसे रहना शहर की मजबूरी बन गई है। मुंबई में ट्रैफिक का बुरा हाल इसलिए भी है कि शहर में पैदल चलने वाले लोगों के लिए कहीं भी फुटपाथ पर जगह नहीं है। विधायक लोढ़ा ने कहा कि मुंबई से जितनी टैक्स वसूली की जाती है, उसकी तुलना में बहुत कम पैसा मुंबई पर खर्च किया जाता है।
बता दें कि मुंबई में जहां-जहां मेट्रो का काम चल रहा है वहां सभी जगह मेट्रो के पतरे लगा कर फुटपाथ को भी घेर लिया गया है। कई जगह तो फुटपाथ बंद कर दिए गए है। इस वजह से पैदल चलने वालों की भीड़ भी सड़कों पर ही आ जाती है, परिणाम स्वरूप ट्रैफिक की परेशानी बढ़ जाती है।
मुंबई के लिए अलग मंत्रालय की मांग,
लोढ़ा ने अपने भाषण में सरकार से मांग की कि मुंबई का विकास जितनी तेजी से हो रहा है उतनी तेजी से मुंबई पर बोझ भी बढ़ रहा है, इसलिए मुंबई को बचाने के लिए तत्काल उपाय किए जाने चाहिए। उन्होंने मुंबई के लिए अलग से मंत्रालय बनाने की मांग करते हुए कहा कि यदि अलग मंत्रालय बनेगा तो न केवल इस शहर का बल्कि समूचे प्रदेश का विकास और तेज होगा। उन्होंने सरकार से मांग की कि लंबे समय में लंबित हाजी अली सर्कल पर फ्लाई ओवर का निर्माण एवं बाणगंगा से रॉकी हिल जानेवाले रास्ते को तत्काल खोल जाए।

Comments

Popular posts from this blog

आँनलाइन फार्मेसी के खिलाफ आज दवा दुकानदार हड़ताल पर

मुंब्रा। ई-कॉमर्स से दवा बिक्री होने के खिलाफ आज शुक्रवार को देशभर के दवा दुकानदार हड़ताल पर रहेंगे। इस हड़ताल में दिल्ली में मौजूद 12 हजार से अधिक दवा विक्रेता शामिल होंगे। हालांकि, अस्पतालों में स्थित दवा दुकानों को हड़ताल से बाहर रखा गया है। दवाओं की ऑनलाइन बिक्री के खिलाफ दुकानदारों ने जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन करने की भी तैयारी की है। इस बारे में ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स (एआइओसीडी) के अध्यक्ष जेएस शिंदे ने प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि केंद्र सरकार ने इंटरनेट के जरिये दवाओं की बिक्री यानी ई-फार्मेसी को मंजूरी दे दी है। सरकार के इस कदम के खिलाफ 28 सितंबर को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया गया है। इस हड़ताल में देशभर के 7 लाख खुदरा व 1.5 लाख थोक दवा दुकानदार शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि इन साढ़े आठ लाख दुकानों से करीब 40 लाख स्टॉफ जुड़े हैं। इसके अलावा 1.5 से 2 करोड़ औषधि प्रतिनिधि भी हड़ताल में शामिल होंगे, क्योंकि ऑनलाइन फार्मेसी से इनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। एआइओसीडी के महासचिव राजीव सिंघल ने कहा कि सवाल मात्र व्...

चार लोकसभा और 10 विधानसभा उपचुनाव के नतीजे थोड़ी देर में, कैराना सीट पर सबकी है नजर

 पालघर। देश के 4 लोकसभा और 10 विधानसभा सीटों पर सोमवार को हुए उपचुनाव के नतीजे आज बृहस्पतिवार को आएंगे। बृहस्पतिवार सुबह 8 बजे इन सभी सीटों पर मतों की गिनती शुरू हो चुकी है। इन सभी सीटों में से सबसे ज्यादा नजर उत्तर प्रदेश की कैराना लोकसभा सीट पर रहेगी। यहां बीजेपी को हराने के लिए विपक्षी पार्टियां रालोद उम्मीदवार का समर्थन कर रही हैं। 2019 लोकसभा चुनाव की ओर बढ़ रहे देश में विपक्षी पार्टियां कैराना में बीजेपी को हरा कर एक बड़ा संदेश देना चाहती हैं। सोमवार को हुए मतदान में काफी जगह ईवीएम-वीवीपैट में गड़बड़ी की खबरें आई थीं, जिसके बाद यूपी की कैराना, महाराष्ट्र की भंडारा-गोंदिया लोकसभा और नगालैंड की एक विधानसभा सीट के कुछ पोलिंग बूथों पर दोबारा वोट डलवाए गए थे। कैराना से भाजपा सांसद हुकुम सिंह और नूरपुर में भाजपा विधायक लोकेंद्र चौहान के निधन के कारण उप चुनाव हो रहे हैं। कैराना लोकसभा सीट के उपचुनाव पर देश के राजनीतिक दलों की निगाहें हैं। क्योंकि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले हो रहे इस चुनाव की नतीजे देश की सियासत को नया संदेश देने वाले हैं। गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीट क...

महाराष्ट्र से वापस लौट सकेंगे प्रवासी मजदूर,डीएम की अनुमति होगी जरूरी

मुंबई। लॉकडाउन की वजह से देशभर में लॉकडाउन लागू है. अलग-अलग राज्यों के मजदूर और लोग दूसरे राज्यों में फंस गए हैं. महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख गुरुवार को कहा कि प्रवासी और अन्य फंसे हुए लोग अपने-अपने राज्यों में जिला मजिस्ट्रेट की अनुमति के बाद वापस लौट जाएंगे. जिला मजिस्ट्रेट ही प्रवासी मजदूरों को वापस भेजने के लिए नोडल अधिकारी की भूमिका में होंगे. लोगों को नाम, मोबाइल नंबर, गाड़ियों का विवरण(अगर हो तो), राज्य में अकेले हैं या साथ में हैं, इन सबका क्रमवार ब्यौरा देना होगा. महाराष्ट्र में लॉकडाउन की घोषणा के बाद लगभग 6 लाख मजदूर फंसे हैं. ये मजदूर बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और ओडिशा के हैं. इस वक्त इन मजदूरों के रहने-खाने की जिम्मेदारी महाराष्ट्र सरकार पर है. हालांकि कुछ मजदूर अपने गृह राज्य जाने की मांग कर रहे हैं. अब गृह मंत्रालय की ओर से जारी नई गाइडलाइन के मुताबिक मजदूर अपने राज्यों को लौट सकेंगे. राज्य इसके लिए तैयारी कर रहे हैं. दरअसल बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र जैसे कुछ राज्यों की मांग के बाद गृह मंत्रालय ने अलग-अलग स्थानों पर फंसे हुए प्रवासी मजदूरों, लोगों और ...