Skip to main content

सीएम फडणवीस ने दिया बांद्रा- वर्सोवा सी लिंक और ठाणे- वाशी खाड़ी पुल बनाने का निर्देश




मुंबई- बांद्रा से वर्सोवा सागरी मार्ग परियोजना, पुणे-मुंबई द्रुतगति महामार्ग पर नया मार्ग (Missing Link) का निर्माण, सायन-पनवेल महामार्ग के ठाणे खाड़ी पर वाशी में तीसरे पुल का निर्माणकार्य के प्रस्ताव को बुधवार को मंत्रिमंडल मूलभूत सुविधा समिति की बैठक में मंजूरी दी गई।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक महीने के अंदर निर्माणकार्य शुरू करने का निर्देश संबंधितों को दिया है।
बांद्रा से वर्सोवा सी लिंक यह बंद्रा-वर्ली सी लिंक से तीन गुना लंबा होगा। इस नए समुद्री पुल से पश्चिम एक्सप्रेस वे को जोड़ा जाएगा। बांद्रा बस स्टेशन को जोड़नेवाला नई सड़क पश्चिम एक्सप्रेस वे (पार्ले जंक्शन) वर्सोवा नाना नानी पार्क में समुद्री सेतु को जोड़नेवाली सड़क विकसित की जाएगी।
ठाणे खाड़ी पर वाशी में तीसरे पुल के निर्माण को मंजूरी दी गई है। इस परियोजना के तहत वाशी टोलनाके का विस्तार और आधुनिकीकरण करके ट्राफिक समस्या का हल निकाला जाएगा। मुंबई-पुणे एक्सप्रेस वे पर नया रोड बनाया जाएगा। खोपोली से खंडाला घाट तक नया रोड (Missing Link) बनाया जाएगा।
खालापुर टोल नाके से कुसगांव (सिंहगढ़ इन्स्टिट्यूट) तक निकलनेवाले दो चरणों में टैनल का काम और उसे जोड़नेवाले आधुनिक पुल के निर्माणकार्य को मंजूरी दी गई है। इस परियोजना के दो टैनलों की लंबाई 11 कि.मी. है। दो पहाडि़यों को जोड़नेवाले पुल की लंबाई दो किलोमीटर होगी। देश के सबसा बड़ा 650 मीटर केबल आधारित पुल पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र होगा। इस पुल के बनने के बाद मुंबई-पुणे की दूरी कम होगी और समय भी बचेगा। महाराष्ट्र
मुख्यमंत्री फडणवीस की अध्यक्षता में हुई सुविधा समिति की बैठक में पीडब्ल्यूडी मंत्री चंद्रकांत पाटिल, जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन सहित संबंधित विभागों के मंत्री और आला अधिकारी मौजूद थे। इसीतरह मंत्रिमंडल की बैठक में कृषि के आधुनिकीकरण के लिए राज्य की कृषि मशीनीकरण योजना की मान्यता देने के साथ ही परेल के बॉम्बे पशु चिकित्सा कॉलेज का नाम मुंबई पशु चिकित्सा कॉलेज कर दिया गया है।

Comments

Popular posts from this blog

आँनलाइन फार्मेसी के खिलाफ आज दवा दुकानदार हड़ताल पर

मुंब्रा। ई-कॉमर्स से दवा बिक्री होने के खिलाफ आज शुक्रवार को देशभर के दवा दुकानदार हड़ताल पर रहेंगे। इस हड़ताल में दिल्ली में मौजूद 12 हजार से अधिक दवा विक्रेता शामिल होंगे। हालांकि, अस्पतालों में स्थित दवा दुकानों को हड़ताल से बाहर रखा गया है। दवाओं की ऑनलाइन बिक्री के खिलाफ दुकानदारों ने जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन करने की भी तैयारी की है। इस बारे में ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स (एआइओसीडी) के अध्यक्ष जेएस शिंदे ने प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि केंद्र सरकार ने इंटरनेट के जरिये दवाओं की बिक्री यानी ई-फार्मेसी को मंजूरी दे दी है। सरकार के इस कदम के खिलाफ 28 सितंबर को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया गया है। इस हड़ताल में देशभर के 7 लाख खुदरा व 1.5 लाख थोक दवा दुकानदार शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि इन साढ़े आठ लाख दुकानों से करीब 40 लाख स्टॉफ जुड़े हैं। इसके अलावा 1.5 से 2 करोड़ औषधि प्रतिनिधि भी हड़ताल में शामिल होंगे, क्योंकि ऑनलाइन फार्मेसी से इनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। एआइओसीडी के महासचिव राजीव सिंघल ने कहा कि सवाल मात्र व्

महाराष्ट्र दिवस: 1960 में आया था महाराष्ट्र अस्तित्व में: जानिए इसका इतिहास

 मुंबई। देश के राज्यों के भाषायी पुनर्गठन के फलस्वरूप एक मई, 1960 को महाराष्ट्र राज्य का प्रशासनिक प्रादुर्भाव हुआ था। यह राज्य आसपास के मराठी भाषी क्षेत्रों को मिलाकर बनाया गया, जोकि पहले चार अलग-अलग प्रशासनों के नियंत्रण में थे। इनमें मूल ब्रिटिश मुंबई प्रांत में शामिल दमन और गोवा के बीच का जिला, हैदराबाद के निजाम की रियासत के पांच जिले, मध्य प्रांत (मध्य प्रदेश) के दक्षिण आठ जिले तथा आसपास की ऐसी अनेक छोटी-छोटी रियासतें शामिल थीं, जो समीपवर्ती जिलों में मिल गईं थीं। महाराष्ट्र प्रायद्वीपीय भारत के उत्तर में बसा हुआ है और भौगोलिक दृष्टि से एक समान है। यहां का मुंबई बंदरगाह अरब सागर का एक महत्वपूर्ण बंदरगाह है। भौतिक दृष्टि से यह राज्य मुख्यतः पठारी है। महाराष्ट्र पठारों का पठार है। इसके उठे हुए पश्चिमी किनारे सह्याद्रि पहाड़ियों का निर्माण करते हैं और समुद्र तट के समानांतर हैं तथा इसकी ढलान पूर्व तथा दक्षिण-पूर्व की ओर धीरे-धीरे बढ़ती है। राज्य के उत्तरी भाग में सतपुड़ा की पहाड़ियां हैं, जबकि अजंता तथा सतमाला पहाड़ियां राज्य के मध्य भाग से होकर जाती हैं। अरब सागर महाराष्ट्र

महाराष्ट्र से वापस लौट सकेंगे प्रवासी मजदूर,डीएम की अनुमति होगी जरूरी

मुंबई। लॉकडाउन की वजह से देशभर में लॉकडाउन लागू है. अलग-अलग राज्यों के मजदूर और लोग दूसरे राज्यों में फंस गए हैं. महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख गुरुवार को कहा कि प्रवासी और अन्य फंसे हुए लोग अपने-अपने राज्यों में जिला मजिस्ट्रेट की अनुमति के बाद वापस लौट जाएंगे. जिला मजिस्ट्रेट ही प्रवासी मजदूरों को वापस भेजने के लिए नोडल अधिकारी की भूमिका में होंगे. लोगों को नाम, मोबाइल नंबर, गाड़ियों का विवरण(अगर हो तो), राज्य में अकेले हैं या साथ में हैं, इन सबका क्रमवार ब्यौरा देना होगा. महाराष्ट्र में लॉकडाउन की घोषणा के बाद लगभग 6 लाख मजदूर फंसे हैं. ये मजदूर बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और ओडिशा के हैं. इस वक्त इन मजदूरों के रहने-खाने की जिम्मेदारी महाराष्ट्र सरकार पर है. हालांकि कुछ मजदूर अपने गृह राज्य जाने की मांग कर रहे हैं. अब गृह मंत्रालय की ओर से जारी नई गाइडलाइन के मुताबिक मजदूर अपने राज्यों को लौट सकेंगे. राज्य इसके लिए तैयारी कर रहे हैं. दरअसल बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र जैसे कुछ राज्यों की मांग के बाद गृह मंत्रालय ने अलग-अलग स्थानों पर फंसे हुए प्रवासी मजदूरों, लोगों और