सीतामढ़ी। संतोष झा के खून से मंगलवार को इंसाफ का मंदिर लाल हो गया।
बेखौफ अपराधियों ने सुरक्षा व्यवस्था को धता बताते हुए सिनेमाई अंदाज में संतोष झा की हत्या कर दी। आम दिनों की तरह कामकाज चल रहा था। दोपहर 2.35 बजे कोर्ट परिसर गोलियों की आवाज से दहल उठा।
तीन बदमाश सिनेमाई अंदाज में उत्तर-पश्चिम की दीवार फांद कर कोर्ट परिसर में घुसे। संतोष झा के पास पहुंचे बदमाश ने करीब से सिर व गले के पास गोली मारी। बदमाश की गोली से सिविल कोर्ट कर्मी वैशाली निवासी संतोष कुमार सिन्हा भी जख्मी हो गए।
फायरिंग के बाद अफरातफरी मच गई। खचाखच भरे कोर्ट परिसर में दहशत का माहौल उत्पन्न हो गया। अधिकारी, कर्मचारी, मुकदमा लडऩे आए लोग व पुलिसकर्मी तक भागने लगे। बदमाश गोली चलाते रहे। कई वकील, आम जनता, पुलिसकर्मी व कर्मचारी बाल-बाल बचे। हालांकि, कई होमगार्ड जवानों ने बदमाशों को पकडऩे की कोशिश की। इस दौरान बदमाशों की गोली चापाकल में लग गई। बाद में पुलिसकर्मियों ने हवाई फायरिंग कर सामूहिक प्रयास से एक को दबोचा। उसके पास से पिस्टल, मैगजीन 18 गोलियां, 5 रुपये का एक सिक्का व दो चाबी बरामद की गई। उसके दो साथी भाग निकले।
एंबुलेंस के लिए चिल्लाता रहा कालिया,
संतोष झा गैंग का शार्प शूटर विकास झा उर्फ कालिया समेत कई शातिर भी पेशी के लिए कोर्ट पहुंचे थे। घटना के बाद संतोष झा लहूलुहान होकर गिर पड़ा। वहीं, विकास झा उर्फ कालिया एंबुलेंस लाने व अस्पताल भेजने के लिए चिल्लाता रहा। सूचना के बाद पहुंचे एसपी विकास वर्मन, डीएसपी मुख्यालय पीके साहू, एसडीओ सदर सत्येंद्र प्रसाद व डुमरा थानाध्यक्ष विकास कुमार ने जायजा लिया। इस दौरान कई खोखे भी मिले। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार कोर्ट में 20 राउंड गोली चली। हालांकि, इसकी पुष्टि नहीं की गई। एसपी ने कोर्ट के विभिन्न हिस्सों का भ्रमण किया। वहीं कोर्ट हाजत में बंद विकास झा उर्फ कालिया से पूछताछ की। बाद में पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था के बीच उसे कोर्ट से अन्यत्र ले जाया गया। इस बीच अधिवक्ता अमर मिश्रा समेत अन्य ने संतोष झा को सदर अस्पताल पहुंचाया। जहां चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया। जबकि, जख्मी कोर्ट कर्मी संतोष कुमार सिन्हा को निजी क्लीनिक में भर्ती कराया गया।
सीतामढ़ी कोर्ट की सुरक्षा पर सवाल,
संतोष झा की दिनदहाड़े हत्या के बाद सीतामढ़ी कोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खुल गई है। जिस तरह अपराधी आम्र्स के साथ कोर्ट परिसर में घुस कर वारदात को अंजाम देने में कामयाब रहे, उसने पुलिसिया कार्यशैली को कटघरे में खड़ा कर दिया है। वह भी तब जब हाल ही में मोतिहारी कोर्ट में पेशी के दौरान इसी गैंग के शूटर अभिषेक झा की हत्या कर दी गई थी।
इस घटना के बाद पुलिस मुख्यालय पटना ने सभी जिलों के एसपी को पत्र भेज कर कोर्ट की सुरक्षा बढ़ाने का निर्देश दिया था। हैरत की बात यह कि आम दिनों में मेटल डिटेक्टर से जांच की प्रक्रिया से गुजर कर लोगों को कोर्ट परिसर में प्रवेश करने की व्यवस्था थी। मगर मंगलवार को मेटल डिटेक्टर जैसी व्यवस्था नजर नहीं आई।
एक सप्ताह पूर्व मेटल डिटेक्टर हटा दिया गया था। दूसरा आश्चर्यजनक पहलू यह कि कोर्ट में जगह-जगह सीसीटीवी तो लगे हैं, लेकिन एक भी चालू नहीं है। घटना के दौरान हाजत प्रभारी भी कोर्ट से बाहर थे।
अधिवक्ताओं ने जताया आक्रोश
कोर्ट परिसर में दिनदहाड़े हुई हत्या जिले के इतिहास की अब तक की बड़ी घटनाओं में एक रही। उत्तर बिहार के एक बड़े गैंगस्टर व राजनीतिक क्षेत्र की ओर बढ़ते संतोष झा की हत्या व कोर्ट परिसर में घटना को अंजाम देना बड़ी बात है। इससे कोर्ट की सुरक्षा पर सवाल खड़ा हो गया है। घटना के बाद विमल शुक्ला समेत कई अधिवक्ताओं ने आक्रोश जताया। इस हत्या के पीछे पुलिस की मिलीभगत बताया। कहा कि जब कोर्ट में खैनी लेकर प्रवेश करने पर मनाही है तो आर्म्स लेकर बदमाश कैसे घुसे। अधिवक्ताओं ने खुद की सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठाए। वहीं पुलिस -प्रशासन से सुरक्षा मांगी।
हत्या की खबर आग की तरह फैली,
संतोष झा की गोली मार कर हत्या। कब, किसने और कैसे की। जंगल के आग की तरह फैली इस खबर के बीच हर कोई सवाल उठाता रहा। जिस वक्त कोर्ट में फायङ्क्षरग हो रही थी, उस वक्त बड़ी संख्या में लोगों ने घटना की रिकॉर्डिंग की। तस्वीरें खींची और फिर सोशल मीडिया पर वीडियो व तस्वीर वायरल होने लगी। घटना के बाद कोर्ट गेट पर भीड़ उमड़ी रही। सदर अस्पताल में भी हजारों लोग पहुंच गए।
पोस्टमार्टम के लिए दंडाधिकारी प्रतिनियुक्त,
सीएस द्वारा गठित डॉ. केपी देव, डॉ. प्रमोद कुमार व डॉ. सुभाष कुमार की तीन सदस्यीय मेडिकल टीम ने संतोष झा को मृत घोषित कर दिया। उसकी मौत की सूचना के बाद एसपी विकास वर्मन, सीएस डॉ. अनिल कुमार श्रीवास्तव, डीएसपी मुख्यालय पीएन साहू, एसडीओ सदर सत्येंद्र प्रसाद, सर्किल इंसपेक्टर मुकेश चंद्र कुमर, नगर थानाध्यक्ष शशि भूषण सिंह, रीगा अंचल इंस्पेक्टर अनिल कुमार शर्मा समेत कई पुलिस अधिकारी सदर अस्पताल पहुंचे। पोस्टमार्टम के लिए कार्यपालक दंडाधिकारी शीलानाथ सिन्हा को बतौर दंडाधिकारी तैनात किया गया।
संतोष झा के ससुर रून्नीसैदपुर थाने के थुम्मा निवासी प्रमोद मिश्र सदर अस्पताल पहुंचे। देर शाम तक पोस्टमार्टम नहीं हो सका था। सदर अस्पताल की सुरक्षा बढ़ा दी गई। डीएम के खिलाफ नारेबाजी, पुलिस ने लाठीचार्ज कर खदेड़ा
संतोष झा की हत्या की खबर के बाद लोगों की भीड़ सदर अस्पताल में उमड़ पड़ी। लोग सदर अस्पताल में घुसने की कोशिश करने लगे। लेकिन, सुरक्षा के मद्देनजर अस्पताल गेट पर जवानों को तैनात कर दिया गया था। इसी बीच डीएम डॉ. रणजीत कुमार सिंह सदर अस्पताल पहुंचे। अस्पताल गेट पर लोग आक्रोश जताने लगे। डीएम मुर्दाबाद के नारे लगाने लगाने लगे। डीएम के आदेश पर पुलिस कर्मियों ने लाठीचार्ज कर लोगों को भगाया।
सीतामढ़ी एसपी ने कहा-
संतोष झा हत्याकांड में विकास नामक शूटर को पकड़ा गया है। वह पुलिस को बरगलाने की कोशिश कर रहा है। वह भाड़े का शूटर है या संतोष से कोई दुश्मनी थी। इसका पता लगाया रहा है।
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