सड़क की खस्ता हालत बनी मुसीबत
नवी मुंबई। मानसून के चलते सड़कों पर उभर आये गड्ढ़े नवी मुंबई मनपा (एनएमएमटी) का दम निकाल दे रहे हैं। इन गड्ढों के चलते हो रहे यातायात जाम ने भी एनएमएमटी की मुसीबत बढ़ा दिया है। नवी मुंबई मनपा परिवहन के अनुसार सड़कों पर बन आये गड्ढों से वाहनों की गति धीमी हो गई है। इससे एनएमएमटी की बसों की आवाजाही भी बुरी तरह से प्रभावित हो रही है। इससे एनएमएमटी की बसें न तो समय से अपने गंतव्य स्थान पर पहुंच पा रही हैं और न समय से वापस अपने मूल बस अड्डे तक लौट पा रही हैं।
एनएमएमटी बसों की इस लेट-लतीफी से यात्रियों की असुविधा और बढ़ गई है। अपने नौकरी-व्यवसाय पर जाने वाले नौकरी-पेशा वाले लोग और स्थानीय कॉलेजों तक आने-जाने वाले विद्यार्थियों का समय से अपने गंतव्य स्थान तक पहुँच पाना व वापस घर तक लौट पाना मुश्किल हो गया है।
हर रोज हो रहा है 5 लाख का नुकसान,
मनपा परिवहन सूत्रों ने बताया कि सड़कों पर बन गए गड्ढों और यातायात जाम से एनएमएमटी को टिकट विक्री से होने वाली नियमित आय में हर दिन करीब 5 लाख रुपये का घाटा हो रहा है। अगर बीते दो महीनों का आकलन करें तो एनएमएमटी को हर महीने में 1.5 करोड़ रुपये का घाटा हो रहा है। पिछले बीते दो महीने में ही एनएमएमटी को करीब 3 करोड़ रुपये तक का घाटा हो चुका है। फिलहाल घाटे का यह क्रम अभी भी लगातार जारी है और यह तब तक जारी रहेगा जब तक कि सड़कों पर बने गड्ढों को पाट नहीं दिया जायेगा और यातायात सामान्य नहीं हो जायेगा।
हर दिन एक चौथाई फेरे हो रहे हैं रद्द,
इसके अलावा समय से बसें नहीं चल पाने से एनएमएमटी बसों की करीब 600 से 700 फेरियां (करीब एक चौथाई) हर दिन रद्द करनी पड़ रही हैं। इसके चलते बसअड्डों पर यात्रियों की लंबी लंबी कतारें लग आ रही हैं। एनएमएमटी की बसें हर दिन कुल 3,034 फेरियां विभिन्न मार्गों (रूट) पर लगाती हैं। पर सड़कों पर लगने वाले वाहनों के जाम की वजह से अब एनएमएमटी बसों की करीब 2,300 से 2,400 फेरियां ही लग पा रही हैं। मनपा परिवहन सूत्रों ने बताया कि दुर्भाग्य से एनएमएमटी बसों की फेरियों को रद्द करने का क्रम सड़कों पर बने गड्ढों को पाटने और यातायात सुगम और सामान्य हो जाने तक इसी तरह से जारी रहने वाला है।
यातायात जाम में घंटों फंसे रहने के चलते एनएमएमटी बसों की औसत रफ्तार में कमी आ गई है। इससे बसों के औसत दैनिक डीजल ईंधन की खपत बढ़ गई है। सूत्रों के अनुसार जाम में फंसे रहने और बसों की औसत रफ्तार में बहुत अधिक गिरावट होने से एनएमएमटी बसों की दैनिक खपत में करीब 2500 लीटर डीजल की वृद्धि हो गई है। डीजल के दामों में हो रही वृद्धि से एनएमएमटीका दैनिक घाटा और भी बढ़ रहा है। अकेले डीजल की खपत में हुई वृद्धि व अन्य खर्चों से ही एनएमएमटी को करीब 2 लाख रुपये प्रतिदिन का घाटा हो रहा है। यह घाटा एक महीने का करीब 60 लाख और दो महीने का करीब 1.25 करोड़ रुपये तक पहुँच गया है। एनएमएमटी के व्यवस्थापक शिरीष आरदवाड के अनुसार इस साल के मानसून में सड़कों पर बन आये गड्ढ़े और उनसे हो रहा यातायात जाम मनपा परिवहन के लिए बहुत घातक साबित हो रहा है।
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