अरुण परेरा और विधायक आव्हाड़
ठाणे। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद यलगार परिषद से जुड़े ठाणे निवासी ऐडवोकेट अरुण परेरा को घर में नजरबंद किया गया है। परेरा के घर के बाहर पुणे और ठाणे पुलिस के पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। हालांकि परेरा के घर के अन्य सदस्यों पर यह बंदी नहीं है। पुलिस परेरा की हर हरकत तथा उसने मिलने-जुलने वालों पर नजर रखेगी।
गुरुवार दोपहर एनसीपी कलवा मुंब्रा विधायक जितेंद्र आव्हाड़ परेरा के घर गए और उनसे मुलाकात की। बताया गया है कि विधायक जितेंद्र आव्हाड और परेरा से बातचीत के दौरान पुलिस घर के भीतर मौजूद थी। परेरा के घर पर मंगलवार तड़के पुणे पुलिस ने ठाणे पुलिस के साथ मिलकर छापा मारा था। छानबीन और तलाशी के बाद पुणे पुलिस उन्हें अपने साथ ले गई थी।
दूसरी तरफ, गिरफ्तारी के विरोध में सर्वोच्च न्यायालय में गुहार लगाई गई थी। बुधवार को न्यायालय ने सरकार और पुलिस को फटकार लगाई थी और मामले की अगली सुनवाई तक परेरा सहित सभी पांचों लोगों को घर में नजरबंद करने का आदेश दिया था। मामले की अगली सुनवाई 6 सितंबर को है। इस आदेश के बाद पुणे पुलिस गुरुवार तड़के अरुण परेरा को लेकर ठाणे के चरई स्थित शारॉन को-ऑपरेटिव सोसाइटी के घर में लेकर पहुंची।
कुछ नहीं बोले परेरा,
नजरबंद के बारे में जब परेरा से पूछा गया, तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। परेरा से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत में विधायक जितेंद्र आव्हाड ने कहा की सर्वोच्च न्यायालय को भी कहीं न कहीं लगता है कि सरकार के खिलाफ बोलने वालों का सिर कलम कर दिया जाएगा। आव्हाड के मुताबिक, यह लोगों को डराने की साजिश है, ताकि सरकार के खिलाफ कोई कुछ बोले नहीं।
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