Skip to main content

ट्रेन दुर्घटना में एक युवक की और हुई मौत, इलाके में फैली गम की.लहर



मुंब्रा। कौसा रशीद कंपाऊड डोंगरे बाग पहिला महला रूम नम्बर 11 का रहने वाला अयाज चाँद बादशाह खान नामक युवक शुक्रवार 27 जुलाई की सुबह लगभग नौ बजे मुंब्रा से मुंबई की ओर आने वाली लोकल ट्रेन से दुर्घटना मे मौत हो गई है। बताया जाता है कि हमेशा की तरह शुक्रवार की सुबह अयाज चांद बादशाह खान मुंबई स्थित सायन अपने काम पर जा रहा था, ट्रेन मे भीड़ होने के कारण ट्रेन के अंदर नहीं जा सका दरबाजे पर ही खड़ा रह गया, जो रेतीबंदर आने के पहले खम्बे से टकरा कर नीचे गीर गया, जिसके कारण उसकी मौत हो गई। उसकी मौत से इलाके मे मातम पसरा हुआ है।
बताया जाता है कि तीन दिन के भीतर अलग अलग ट्रेन दुर्घटनाओं मे मुंब्रा कौसा के
तीन युवकों की मौत से परिसर मे गम और शोक की लहर फैल गई है। स्थानीय लोगों के मुताबिक तीन दिन पहले कौसा कादर पैलेस रोड के रहने वाले तीन लड़के मुंबई जा रहे थे, जिनमें दो लड़कों की मुंबई स्थित भायखल्ला स्टेशन के करीब ट्रेन से नीचे गीर जाने से मौत हो गई, ऐसी खबर आते ही कौसा परिसर में गम और शोक की लहर फैल गई थी। कादर पैलेस रोड स्थित आयसा टावर ग्राउंड फ्लोर का रहने वाला 18 वर्षीय अम्मान, और हुमेरा बिल्ड़िगं आठ महले पर रहने वाला 17 वर्षीय शरफराज की ट्रेन से नीचे गिर कर मौत हो गई। स्थानीय लोगों ने बताया कि बुधवार 25 जुलाई को अम्मान व शरफराज के साथ इनका एक तीसरा दोस्त तुफान मुंबई स्थित हाजी अली दरगाह जा रहे थे, भायखल्ला स्टेशन के करीब ट्रेन के गेट पर खड़े एक युवक का संतुलन बीगडने लगा उसे संभालने गया दुसरा लड़का भी साथ नीचे गीर गया, इस दुर्घटना में एक लड़के की घटना स्थल पर ही मौत हो गई और दुसरे को गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसकी भी मौत हो गई।बताया जाता है कि अम्मान और शरफराज  दोनों स्कूल स्टूडेंट के साथ दोस्त थे। अब मुंब्रा रेतीबंदर परिसर मे अयाज चाँद बादशाह खान की मौत से लोगों मे रेलवे प्रशासन के खिलाफ गुस्से की लहर है। स्थानीय लोगों के अलावा वरिष्ठ समाज सेवक व अखिल भारतीय भ्रष्टाचार विरोधी एवं समाज पुर्ननिमाण समिति महाराष्ट्र अध्यक्ष रियाज खान ने कहा कि रेलवे प्रशासन से बार बार शिकायत कर खुनी ख॔ब्भो को हटाने की मांग की गई, लेकिन रेलवे प्रशासन के सर जूं आज तक नहीं रेंगी। इन खुनी ख॔ब्भो ने अबतक कई युवकों की जान ले ली है। इसी ख॔ब्भे के कारण अयाज चाँद बादशाह की जान चली गई।

Comments

Popular posts from this blog

आँनलाइन फार्मेसी के खिलाफ आज दवा दुकानदार हड़ताल पर

मुंब्रा। ई-कॉमर्स से दवा बिक्री होने के खिलाफ आज शुक्रवार को देशभर के दवा दुकानदार हड़ताल पर रहेंगे। इस हड़ताल में दिल्ली में मौजूद 12 हजार से अधिक दवा विक्रेता शामिल होंगे। हालांकि, अस्पतालों में स्थित दवा दुकानों को हड़ताल से बाहर रखा गया है। दवाओं की ऑनलाइन बिक्री के खिलाफ दुकानदारों ने जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन करने की भी तैयारी की है। इस बारे में ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स (एआइओसीडी) के अध्यक्ष जेएस शिंदे ने प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि केंद्र सरकार ने इंटरनेट के जरिये दवाओं की बिक्री यानी ई-फार्मेसी को मंजूरी दे दी है। सरकार के इस कदम के खिलाफ 28 सितंबर को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया गया है। इस हड़ताल में देशभर के 7 लाख खुदरा व 1.5 लाख थोक दवा दुकानदार शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि इन साढ़े आठ लाख दुकानों से करीब 40 लाख स्टॉफ जुड़े हैं। इसके अलावा 1.5 से 2 करोड़ औषधि प्रतिनिधि भी हड़ताल में शामिल होंगे, क्योंकि ऑनलाइन फार्मेसी से इनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। एआइओसीडी के महासचिव राजीव सिंघल ने कहा कि सवाल मात्र व्

महाराष्ट्र दिवस: 1960 में आया था महाराष्ट्र अस्तित्व में: जानिए इसका इतिहास

 मुंबई। देश के राज्यों के भाषायी पुनर्गठन के फलस्वरूप एक मई, 1960 को महाराष्ट्र राज्य का प्रशासनिक प्रादुर्भाव हुआ था। यह राज्य आसपास के मराठी भाषी क्षेत्रों को मिलाकर बनाया गया, जोकि पहले चार अलग-अलग प्रशासनों के नियंत्रण में थे। इनमें मूल ब्रिटिश मुंबई प्रांत में शामिल दमन और गोवा के बीच का जिला, हैदराबाद के निजाम की रियासत के पांच जिले, मध्य प्रांत (मध्य प्रदेश) के दक्षिण आठ जिले तथा आसपास की ऐसी अनेक छोटी-छोटी रियासतें शामिल थीं, जो समीपवर्ती जिलों में मिल गईं थीं। महाराष्ट्र प्रायद्वीपीय भारत के उत्तर में बसा हुआ है और भौगोलिक दृष्टि से एक समान है। यहां का मुंबई बंदरगाह अरब सागर का एक महत्वपूर्ण बंदरगाह है। भौतिक दृष्टि से यह राज्य मुख्यतः पठारी है। महाराष्ट्र पठारों का पठार है। इसके उठे हुए पश्चिमी किनारे सह्याद्रि पहाड़ियों का निर्माण करते हैं और समुद्र तट के समानांतर हैं तथा इसकी ढलान पूर्व तथा दक्षिण-पूर्व की ओर धीरे-धीरे बढ़ती है। राज्य के उत्तरी भाग में सतपुड़ा की पहाड़ियां हैं, जबकि अजंता तथा सतमाला पहाड़ियां राज्य के मध्य भाग से होकर जाती हैं। अरब सागर महाराष्ट्र

महाराष्ट्र से वापस लौट सकेंगे प्रवासी मजदूर,डीएम की अनुमति होगी जरूरी

मुंबई। लॉकडाउन की वजह से देशभर में लॉकडाउन लागू है. अलग-अलग राज्यों के मजदूर और लोग दूसरे राज्यों में फंस गए हैं. महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख गुरुवार को कहा कि प्रवासी और अन्य फंसे हुए लोग अपने-अपने राज्यों में जिला मजिस्ट्रेट की अनुमति के बाद वापस लौट जाएंगे. जिला मजिस्ट्रेट ही प्रवासी मजदूरों को वापस भेजने के लिए नोडल अधिकारी की भूमिका में होंगे. लोगों को नाम, मोबाइल नंबर, गाड़ियों का विवरण(अगर हो तो), राज्य में अकेले हैं या साथ में हैं, इन सबका क्रमवार ब्यौरा देना होगा. महाराष्ट्र में लॉकडाउन की घोषणा के बाद लगभग 6 लाख मजदूर फंसे हैं. ये मजदूर बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और ओडिशा के हैं. इस वक्त इन मजदूरों के रहने-खाने की जिम्मेदारी महाराष्ट्र सरकार पर है. हालांकि कुछ मजदूर अपने गृह राज्य जाने की मांग कर रहे हैं. अब गृह मंत्रालय की ओर से जारी नई गाइडलाइन के मुताबिक मजदूर अपने राज्यों को लौट सकेंगे. राज्य इसके लिए तैयारी कर रहे हैं. दरअसल बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र जैसे कुछ राज्यों की मांग के बाद गृह मंत्रालय ने अलग-अलग स्थानों पर फंसे हुए प्रवासी मजदूरों, लोगों और