हैदराबाद। हैदराबाद में एक शख्स को कुछ लोगों ने 16 बार चाकू मारकर बुरी तरह से घायल कर दिया। पीड़ित शख्स का कसूर इतना है कि उसने अनाथ मुस्लिम बच्ची को गोद ले लिया था। 2007 में हुए हैदराबाद ब्लास्ट में बच्ची ने अपने माता पिता को खो दिया था। बच्ची को गोद लेने वाले शख्स की पहचान पापालल रविकांत के रूप में हुई है। एक समुदाय के इस हमले में रविकांत की जान जाने से बच गई और ओस्मानिया हॉस्पिटल में अभी उसका इलाज चल रहा है। बताया जा रहा है कि उसके ऊपर हमला एक जून को हुआ था।
खबरों के अनुसार, रविकांत को यह बच्ची हैदराबाद ब्लास्ट के दरम्यान ही ब्लास्ट वाली जगह के पास गोकुल चाट सेंटर के पास बच्ची मिली थी। रविकांत बच्ची को घर ले आया था और 2007 से उसका पालन पोषण कर रहा था। उसने बताया कि उस वक्त बच्ची को कोई नहीं पूछ रहा था इसीलिए वह उसे अपने घर ले आया था। जब वह बच्ची को अपने घर लाए तब उनके परिवार को धमकियां मिल रही हैं और उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा था।
बच्ची का नाम सानिया है जो कि अब 8वीं में पढ़ती है। बच्ची को पालने वाले परिवार ने बताया कि वह जब बच्ची को घर लाए थे तो हिन्दू और मुसलमान दोनों समुदाय के लोगों ने इस बात का विरोध किया था।
पापालाल एक मंदिर में मूर्तियां बनाने का काम करता है। पापालाल ने कहा, 'बताया कि सानिया फातिमा 2007 में अपने माता पिता को खो दिया था। कोई उसे नहीं अपना रहा था तो हम अपने घर ले आया था। सानिया के आने से हमारे घर में खुशियां आईं। हम हिन्दू मुसलमान में भरोसा नहीं करते, हम इंसानियत को मानते हैं। वह मेरी बड़ी बेटी है और उसको अब नहीं छोड़ूंगा, चाहे जो कुछ हो।'
सानिया को पापालाल का परिवार अच्छी शिक्षा दिला रहे हैं जिससे कि वह अपने पैरों पर खड़ी हो सके।
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