नई दिल्ली। सरकार की योजनाओं का लाभ लेने के लिए इसे आधार से लिंक करने की तारीख को आगे बढ़ाने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है। जिन सरकारी योजनाओं का पैसा सीधे नागरिकों के खाते में जाता है उसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने आधार को लिंक किए जाने की अंतिम तारीख 31 मार्च को आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 13 मार्च को आधार को मोबाइल फोन नंबर और बैंक अकाउंट से जोड़ने की तारीख को अनिश्चितकाल के लिए बढ़ा दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी एजेंसियों को इस बात की इजाजत दे दी है कि वह जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए आधार को 31 मार्च तक लिंक करने के लिए कह सकती है। सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच जिसमे चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा भी शामिल थे, उन्होंने कोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए आधार को जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए आधार को 31 मार्च तक लिंक करने की इजाजत दे दी है। वरिष्ठ वकील केवी विश्वनाथ इस मामले में याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट में पेश हुए थे, उन्होंने कहा था कि आधार कार्ड द्वारा सत्यापन की सफलता का प्रतिशत 88 फीसदी है। उन्होंने कहा कि यूआईडीएआई का डेटा कहता है कि वह 88 फीसदी सही सत्यापन करता है, इसका मतलब साफ है कि 12 फीसदी लोग इससे बाहर हैं, लिहाजा उन्हें सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाएगा। 12 फीसदी असफलता काफी ज्यादा है, जिसकी वजह से 14 करोड़ नागरिक सरकार की योजनाओं से वंचित रह जाएंगे।
इस याचिका की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की पीठ कर रही थी, जिसमे चीफ जस्टिस के अलावा जस्टिस एके सीकरी, एएम खानविलकर, डीवाई चंद्रचूड़ और अशोक भूषण शामिल थे। इस दौरान एटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि किसी को भी योजनाओं से दूर नहीं किया गया है, एक भी ऐसा मामला नहीं है जिसमे किसी को सरकारी योजनाओं से दूर किया गया हो।
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