Skip to main content

सीबीएसई 10वीं-12वीं पेपर लीक मामले की जांच के लिए, दिल्ली पुलिस ने गठित की एसआईटी




दिल्ली : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) के 10वीं और 12वीं कक्षा के कथित प्रश्न-पत्र लीक मामले में दिल्ली पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। दिल्ली पुलिस ने अपराध शाखा का एक विशेष जांच दल एसआईटी (SIT) गठित किया है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) के 10वीं और 12वीं कक्षा के कथित प्रश्न-पत्र लीक मामले में दिल्ली पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। दिल्ली पुलिस ने अपराध शाखा का एक विशेष जांच दल (SIT) गठित किया है। स्पेशल पुलिस कमिश्नर आर.पी. उपाध्याय ने एसआईटी के बारे में बताया। उन्होंने कहा, “एसआईटी का नेतृत्व संयुक्त आयुक्त आलोक कुमार करेंगे। जांच करने वाली एसआईटी में पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) और सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) रैंक के पुलिसकर्मी शामिल हैं।” बता दें सीबीएसई द्वारा अपराध शाखा में 2 मामले दर्ज कराए जाने के बाद एसआईटी का गठन किया गया। पहला मामला मंगलवार शाम दर्ज हुआ, जिसमें CBSE की 12वीं के अर्थशास्त्र विषय के प्रश्न-पत्र लीक और बुधवार को 10वीं के गणित विषय का प्रश्न-पत्र लीक का मामला दर्ज किया गया।
12वीं कक्षा की अर्थशास्त्र विषय की परीक्षा 26 मार्च 2018 को आयोजित हुई थी। वहीं 10वीं कक्षा के गणित विषय की परीक्षा 28 मार्च को हुई। सीबीएसई ने दोनों विषयों की परीक्षा दोबारा कराने का फैसला लिया है। दोनों परीक्षाओं की नई तिथि और अन्य जानकारियों की घोषणा CBSE अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर एक सप्ताह के अंदर कर देगा। आपको बता दें बारहवीं कक्षा के अकाउंटेंसी का प्रश्न पत्र भी कथित तौर पर लीक होने की भी खबर है। दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने बातचीत में पेपर लीक होने की पुष्टि की थी लेकिन CBSE ने इससे इनकार किया था। केंद्रीय शिक्षा मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस की। पेपर लीक पर दुख जताते हुए प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि जांच के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने छात्रों और अभिभावकों को भरोसा दिलाया कि आगे से सारी परीक्षाएं लीकप्रूफ होंगी। इसके अलावा जावड़ेकर ने कहा कि पेपर लीक केस की पुलिस जांच अहम मोड़ पर है, लिहाजा वह जांच के विषय में ज्यादा कुछ नहीं बोलेंगे। उन्होंने कहा कि कुछ हिस्सों में पेपर वॉट्सऐप पर लीक हुए थे और इस संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि अब से प्रश्न पत्रों के वितरण में सुरक्षा को पहले से ज्यादा सख्त किया जाएगा।

Comments

Popular posts from this blog

आँनलाइन फार्मेसी के खिलाफ आज दवा दुकानदार हड़ताल पर

मुंब्रा। ई-कॉमर्स से दवा बिक्री होने के खिलाफ आज शुक्रवार को देशभर के दवा दुकानदार हड़ताल पर रहेंगे। इस हड़ताल में दिल्ली में मौजूद 12 हजार से अधिक दवा विक्रेता शामिल होंगे। हालांकि, अस्पतालों में स्थित दवा दुकानों को हड़ताल से बाहर रखा गया है। दवाओं की ऑनलाइन बिक्री के खिलाफ दुकानदारों ने जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन करने की भी तैयारी की है। इस बारे में ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स (एआइओसीडी) के अध्यक्ष जेएस शिंदे ने प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि केंद्र सरकार ने इंटरनेट के जरिये दवाओं की बिक्री यानी ई-फार्मेसी को मंजूरी दे दी है। सरकार के इस कदम के खिलाफ 28 सितंबर को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया गया है। इस हड़ताल में देशभर के 7 लाख खुदरा व 1.5 लाख थोक दवा दुकानदार शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि इन साढ़े आठ लाख दुकानों से करीब 40 लाख स्टॉफ जुड़े हैं। इसके अलावा 1.5 से 2 करोड़ औषधि प्रतिनिधि भी हड़ताल में शामिल होंगे, क्योंकि ऑनलाइन फार्मेसी से इनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। एआइओसीडी के महासचिव राजीव सिंघल ने कहा कि सवाल मात्र व्

महाराष्ट्र दिवस: 1960 में आया था महाराष्ट्र अस्तित्व में: जानिए इसका इतिहास

 मुंबई। देश के राज्यों के भाषायी पुनर्गठन के फलस्वरूप एक मई, 1960 को महाराष्ट्र राज्य का प्रशासनिक प्रादुर्भाव हुआ था। यह राज्य आसपास के मराठी भाषी क्षेत्रों को मिलाकर बनाया गया, जोकि पहले चार अलग-अलग प्रशासनों के नियंत्रण में थे। इनमें मूल ब्रिटिश मुंबई प्रांत में शामिल दमन और गोवा के बीच का जिला, हैदराबाद के निजाम की रियासत के पांच जिले, मध्य प्रांत (मध्य प्रदेश) के दक्षिण आठ जिले तथा आसपास की ऐसी अनेक छोटी-छोटी रियासतें शामिल थीं, जो समीपवर्ती जिलों में मिल गईं थीं। महाराष्ट्र प्रायद्वीपीय भारत के उत्तर में बसा हुआ है और भौगोलिक दृष्टि से एक समान है। यहां का मुंबई बंदरगाह अरब सागर का एक महत्वपूर्ण बंदरगाह है। भौतिक दृष्टि से यह राज्य मुख्यतः पठारी है। महाराष्ट्र पठारों का पठार है। इसके उठे हुए पश्चिमी किनारे सह्याद्रि पहाड़ियों का निर्माण करते हैं और समुद्र तट के समानांतर हैं तथा इसकी ढलान पूर्व तथा दक्षिण-पूर्व की ओर धीरे-धीरे बढ़ती है। राज्य के उत्तरी भाग में सतपुड़ा की पहाड़ियां हैं, जबकि अजंता तथा सतमाला पहाड़ियां राज्य के मध्य भाग से होकर जाती हैं। अरब सागर महाराष्ट्र

महाराष्ट्र से वापस लौट सकेंगे प्रवासी मजदूर,डीएम की अनुमति होगी जरूरी

मुंबई। लॉकडाउन की वजह से देशभर में लॉकडाउन लागू है. अलग-अलग राज्यों के मजदूर और लोग दूसरे राज्यों में फंस गए हैं. महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख गुरुवार को कहा कि प्रवासी और अन्य फंसे हुए लोग अपने-अपने राज्यों में जिला मजिस्ट्रेट की अनुमति के बाद वापस लौट जाएंगे. जिला मजिस्ट्रेट ही प्रवासी मजदूरों को वापस भेजने के लिए नोडल अधिकारी की भूमिका में होंगे. लोगों को नाम, मोबाइल नंबर, गाड़ियों का विवरण(अगर हो तो), राज्य में अकेले हैं या साथ में हैं, इन सबका क्रमवार ब्यौरा देना होगा. महाराष्ट्र में लॉकडाउन की घोषणा के बाद लगभग 6 लाख मजदूर फंसे हैं. ये मजदूर बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और ओडिशा के हैं. इस वक्त इन मजदूरों के रहने-खाने की जिम्मेदारी महाराष्ट्र सरकार पर है. हालांकि कुछ मजदूर अपने गृह राज्य जाने की मांग कर रहे हैं. अब गृह मंत्रालय की ओर से जारी नई गाइडलाइन के मुताबिक मजदूर अपने राज्यों को लौट सकेंगे. राज्य इसके लिए तैयारी कर रहे हैं. दरअसल बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र जैसे कुछ राज्यों की मांग के बाद गृह मंत्रालय ने अलग-अलग स्थानों पर फंसे हुए प्रवासी मजदूरों, लोगों और