नई दिल्ली: राजनीति के क्षेत्र में तो भाजपा और कांग्रेस हमेश एक दूसरे के आमने सामने नज़र आते हैं. दोनों पक्षों के नेता भी विपक्ष को घेरने का एक मौका नहीं छोड़ते. ऐसे में दोस्ती और शिस्टाचार का जो नज़ारा बजट सत्र के पहले दिन देखने को मिला वह अप्रतिम था. भाजपा और कांग्रेस के दो आधार स्तंभों ने संसद में एक दूसरे से हाथ मिलाकर, एक दूसरे का सम्मान भी किया और मुस्कुराकर एक दूसरे से बात भी की.
हम बात कर रहें हैं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी और भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण अडवाणी की. अडवाणी बजट सत्र के पहले दिन, पहली पंक्ति में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी के साथ बैठे थे. जहां उन्हें समय-समय पर सोनिया गाँधी से बात करते हुए देखा गया.उसी पंक्ति में देश के दो पूर्व प्रधान मंत्री एच् डी देवेगौड़ा और मनमोहन सिंह भी बैठे थे.
राहुल गाँधी को भी इस सत्र में पहली पंक्ति में बिठाया गया था. आपको बता दें कि, गणतंत्र दिवस पर राहुल को 6 पंक्ति में स्थान देने पर काफी विवाद हुआ था. जिसके बाद सुरक्षा का हवाला देकर मामला शांत किया जा सका था. संसद में पहली बार ये देखने को मिला कि दोनों पक्षों के नेताओं ने एक दूसरे पर तंज़ कसने के बजाय एक दूसरे का सम्मान मुस्कुराते हुए किया और राष्ट्रपति के अभिभाषण पर भी सत्ता पक्ष के साथ विपक्ष ने भी तालियां बजाई.
इससे पहले राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में केंद्र सरकार के कामकाजों को सदन के सामने रखा और सरकार द्वारा किए जा रहे विकास के कामों की प्रशंसा की. उन्होंने तीन तलाक को मुस्लिम महिलाओं की आजादी के लिए जरूरी बताते हुए इस पर सभी दलों को एकसाथ आने की अपील की.
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