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अपनों से बिछड़ा हुआ जब कोई मिलता है तो उस खुशी की ठिकाना नहीं होता




मुंबई। अपनों से बिछड़ने का गम बहुत कष्ट देता है। लेकिन जब अपना कोई बिछड़ा हुआ मिल जाता है तो उस खुशी को शब्दों में बयां कर पाना संभव नहीं है। ऐसा ही एहसास हुआ मंगलवार को जब एक किशोर अपने परिवार से ढाई साल बाद मिला।


मुंबई के एंटोफिल क्षेत्र में कैटरिंग का काम करने वाले संतोष उर्फ कुट्टी का बेटा दीपक ढाई साल पहले खो गया था। दीपक मुंबई चाइल्ड लाइन से लखनऊ शेल्टर होम होते हुए रामनगर स्थित राजकीय बाल सुधार गृह पहुंचा।

काउंसलर दीपिका पांडेय की नजर दीपक पर पड़ी तो उन्होंने उसकी काउंसिलिंग शुरू की। साथी संस्था के देवानंद पांडेय ने दीपक से बातचीत की तो वो बोलचाल से मुंबई निवासी प्रतीत हुआ। दीपक को मुंबई की तस्वीरें दिखाई गईं तो वो सिर्फ मुंबई, साइन और कोलीवाड़ा के अलावा कुछ और नहीं बता पा रहा था। इस पर साथी संस्था ने मुंबई के साइन इलाके के थाने से संपर्क किया तो पुलिस कर्मियों ने पता कर बताया कि ढाई साल पहले संतोष का बच्चा गायब हुआ था।

होली के पहले मिली खुशियां
पुलिस कर्मियों ने वीडियो चैटिंग की मदद से संतोष और दीपक की बात कराई तो दोनों एक-दूसरे को पहचान गए। इसके बाद कागजी औपचारिकताओं को पूरा कर दीपक को मंगलवार को उसके घर के लिए भेज दिया गया।

दीपक की घर वापसी पर गृह अधीक्षक अशोक कुमार, संजय मिश्रा और साथी संस्था के देवानंद, अबरार अहमद, सागरिका और लमहा आदि ने खुशी जताई है। सभी ने कहा कि होली पर दीपक को परिवार की खुशियां मिल गईं।

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