ठाणे: ठाणे में में दो अलग-अलग मामलों में पुलिस ने आरटीआइ कार्यकर्ता होने का दावा करने वाले तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए चारों आरोपी बिल्डरों से पैसे वसूलने के लिए आरटीआइ (सूचना का अधिकार कानून) आवेदन दाखिल करने की धमकी देते थे।
एंटी एक्सप्लोरेशन सेल के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक प्रदीप शर्मा ने बताया कि दो अलग—अलग मामलों में ठाणे नगर निगम के पूर्व पार्षद सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। शर्मा ने बताया कि पहली शिकायत पर पकड़ा गया आरोपी एनसीपी का पूर्व पार्षद और मौजूदा भाजपा कार्यकर्ता
सुधीर बारगे है। उसने एक बिल्डर से 5 लाख रुपए की उगाही की थी और 45 लाख रुपए और मांग रहा था। बिल्डर की शिकायत के मुताबिक बारगे उसके पास गया और खुद को आरटीआई कार्यकर्ता बताते हुए कहा कि उनका निर्माण अवैध है। उसने मामले को आगे न बढ़ाने के बदले 50 लाख रुपए मांगे। बिल्डर कंपनी की ओर से उसे पांच लाख रुपए दिए भी गए। इसके बाद उसने और पैसे मांगने शुरू कर दिए।
शर्मा के मुताबिक एक अन्य मामले में पुलिस ने रशीद कंपाउंड़ का
आरीफ इराकी नवाज मोहम्मद मुस्तफा और शौकत मुलानी हैं। पुलिस के मुताबिक इस मामले में पीड़ित बिल्डरों ने कासरवाड घाटी और मुंब्रा पुलिस स्टेशनों में छह लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। उनकी शिकायत पर यह कार्रवाई की गई है। शर्मा ने बताया कि गिरफ्तार लोगों ने संगठित रैकेट बना रखा था, जो पिछले कुछ साल से सक्रिय था। हर एक आरोपी ने कम से कम 1,700-1,800 आरटीआइ अर्जी भी लगाईं थीं।
पूरा रैकेट करता था काम
शर्मा ने बताया, आरटीआई के नाम पर पूरा रैकेट चल रहा था। पहले आरोपी बिल्डरों से पैसे मांगते थे। पैसे न मिलने पर अदालत में पीआइएल दाखिल कर देते थे। पैसा मिल जाने पर वह पीआइएल वापस ले लेते थे। एक गिरोह पैसे ले लेता तो दूसरे गिरोह को सूचना दे देते थे और दूसरा गिरोह वसूली में लग जाता था। इसके चक्कर में इलाके के बिल्डर परेशान थे लेकिन पुलिस के पास जाने से डरते थे। जब आरोपियों ने धमकाना और ब्लैकमेल करना बंद नहीं किया तो बिल्डरों ने पुलिस की मदद ली। पुलिस इन आरटीआई कार्यकर्ताओं के द्वारा लगाए गए आवेदनों की भी जांच करेगी।
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