अमृतसर हादसा: जनहित याचिका खारिज, हाईकोर्ट ने कहा-लोग खुद ट्रैक पर खड़े थे तो चीफ गेस्ट जिम्मेदार कैसे ?
चंडीगढ़. अमृतसर ट्रेन हादसे की सीबीआई जांच की मांग पर दायर एक पीआईएल को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने राजनीति से प्रेरित बता खारिज कर दिया है।
कोर्ट कहा कि पीआईएल राजनीतिक हित वाली याचिका की तरह है। सरकार या चीफ गेस्ट कैसे जिम्मेदार हो सकते हैं, जब लोग खुद ट्रैक पर खड़े हुए थे।
19 अक्टूबर को अमृतसर में जोड़ा फाटक पर खड़े हो धोबीघाट ग्राउंड में आयोजित दशहरा उत्सव देख रहे लोग ट्रेन की चपेट में आ गए थे। इस हादसे में प्रशासन की लिस्ट के मुताबिक 65 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं लगभग डेढ़ सौ घायल अभी भी विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं।
यह थी मांग और मिला ये जवाब : हादसे की जिम्मेदारी तय किए जाने के संबंध में पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी। याचिका में मांग की गई कि हादसे की सीबीआई जांच कराई जाए और परिजनों को उचित मुआवजा दिलाया जाए, लेकिन यह याचिका खारिज कर दी गई है। साथ ही जज ने सवाल उठाया कि जब लोग खुद ही ट्रैक पर खड़े थे तो मुख्य अतिथि नवजोत कौर या सरकार हादसे की जिम्मेदार कैसे हुई।
हो चुका जांच के लिए मजिस्ट्रेट अपॉइंट : पंजाब सरकार ने हादसे की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं। इसको लेकर पंजाब के गृह विभाग ने अधिसूचना भी जारी कर दी है। जालंधर के डिवीजनल कमिश्नर बलदेव पुरुषार्थ को जांच करने की हिदायत दी है। राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह निर्मलजीत सिंह कलसी की ओर से जारी नोटिफिकेशन के अनुसार बी. पुरुषार्थ को विशेष कार्यकारी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया है। जांच के दौरान उन्हें कार्यकारी मजिस्ट्रेट के तौर पर सभी शक्तियां हासिल होंगी।
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने राजनीति से प्रेरित बताई याचिका
19 अक्टूबर को जौड़ा फाटक स्थित मैदान में दशहरा उत्सव देख रहे लोग आ गए थे ट्रेन्स की चपेट में।
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