Skip to main content

केरल बाढ़ पीडितों के लिए मुख्यमंत्री को सौंपा तेरह लाख का चेक, इत्तेहाद वेलफेयर ट्रस्ट, सुल्ताना वेलफेयर ट्रस्ट और संघर्ष संस्था की टीम लेकर पहुंची अन्य राहत सामाग्री



 मुंब्रा: मुंब्रा की इत्तेहाद वेलफेयर ट्रस्ट, सुल्ताना वेलफेयर ट्रस्ट और संघर्ष संस्था
द्वारा विधायक जितेंद्र आव्हाड़ के
सहयोग से 20 अगस्त से केरल बाढ़ पीड़ितों के लिए
लगाए गये रिलीफ कैंप में जमा राशि साउथ इंडियन बैंक का
*दो लाख* का चेक सुल्ताना वेलफेयर ट्रस्ट की ओर से डीसीबी बैंक का
 *11 लाख* का चेक इत्तेहाद वेलफेयर ट्रस्ट की ओर से, यानी टोटल (13) *तेरह लाख रूपये का चेक* संस्था के जिम्मेदार
केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन को सौंप* दिया है, साथ ही संस्था की इस टीम ने *अन्य राहत सामाग्री* भी एक संस्था को सौंप दिया है। बताया जाता है कि *विधायक जितेंद्र आव्हाड़* के सहयोग से सोमवार बीस अगस्त से केरल पीड़ितों के लिए रीलीफ कैंप और शहर भर की
गलियों में गस्त कर के रिलीफ जमा किया गया, जिसमें *तेरह लाख रूपये कैस* और और अन्य राहत सामाग्री जमा किया। जिसे *इत्तेहाद वेलफेयर ट्रस्ट के चेयरमैन व एनसीपी के कलवा मुंब्रा विधानसभा अध्यक्ष शमीम खान* एवं *सुल्ताना वेलफेयर ट्रस्ट के चेयरमैन व नगरसेवक अशरफ पठान शानू* और *संघर्ष संस्था* की *अध्यक्षा श्रीमती रूत्ता आव्हाड* शुक्रवार को लेकर केरल पहुँच कर केरल के
*मुख्यमंत्री पी विजयन* को सौंप दिया,
साथ ही अन्य *राहत सामाग्री* को केरल बाढ़ पीड़ितों के लिए काम करने वाली एक संस्था के हवाले कर दिया गया है। बताया जाता है कि मुंब्रा से केरल बाढ़ पीडितों के लिए कैस और अन्य राहत सामाग्री ले जाने वाली टीम को *मुख्यमंत्री पी विजयन से  ट्रांसपोर्ट मंत्री शसिनदरन* ने मुलाकात करवाई है।  
     बतादें *
शमीम खान दो लाख, शानू पठान दो लाख  *अदनान शेख एक लाख*, *नदीम शेख पचास हजार*, *एहतेशाम खान (पप्पू) पचास हजार* और  क्युम भाई ने 11 हजार रुपये की कैस राशि दी है। *रुत्ता आव्हाड़ मेडम* व
*शमीम खान*, और *शानू पठान*  के अलावा राहत सामग्री ले जाने वाली टीम के साथ *शोयब खान* भी है।
 वहीं *रुत्ता आव्हाड़ मेडम* और   *शमीम खान* एवं *शानू पठान* अथवा *शोयब खान* का कहना है कि केरल बाढ़ पीड़ितों के लिए जो चेक और राहत सामाग्री लेकर पहुँचे है, हम इस तरह की मुहिम आगे भी जारी रखेंगे, जब तक यहां के हालात सामान्य नहीं हो जाते। वहीं संस्था के जिम्मेदारों ने रिलीफ कैंप का किसी तरह का भी सहयोग करने वाले सभी सहयोगियों और शहर वासियों का शुक्रिया अदा किया है।

Comments

Popular posts from this blog

आँनलाइन फार्मेसी के खिलाफ आज दवा दुकानदार हड़ताल पर

मुंब्रा। ई-कॉमर्स से दवा बिक्री होने के खिलाफ आज शुक्रवार को देशभर के दवा दुकानदार हड़ताल पर रहेंगे। इस हड़ताल में दिल्ली में मौजूद 12 हजार से अधिक दवा विक्रेता शामिल होंगे। हालांकि, अस्पतालों में स्थित दवा दुकानों को हड़ताल से बाहर रखा गया है। दवाओं की ऑनलाइन बिक्री के खिलाफ दुकानदारों ने जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन करने की भी तैयारी की है। इस बारे में ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स (एआइओसीडी) के अध्यक्ष जेएस शिंदे ने प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि केंद्र सरकार ने इंटरनेट के जरिये दवाओं की बिक्री यानी ई-फार्मेसी को मंजूरी दे दी है। सरकार के इस कदम के खिलाफ 28 सितंबर को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया गया है। इस हड़ताल में देशभर के 7 लाख खुदरा व 1.5 लाख थोक दवा दुकानदार शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि इन साढ़े आठ लाख दुकानों से करीब 40 लाख स्टॉफ जुड़े हैं। इसके अलावा 1.5 से 2 करोड़ औषधि प्रतिनिधि भी हड़ताल में शामिल होंगे, क्योंकि ऑनलाइन फार्मेसी से इनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। एआइओसीडी के महासचिव राजीव सिंघल ने कहा कि सवाल मात्र व्

महाराष्ट्र दिवस: 1960 में आया था महाराष्ट्र अस्तित्व में: जानिए इसका इतिहास

 मुंबई। देश के राज्यों के भाषायी पुनर्गठन के फलस्वरूप एक मई, 1960 को महाराष्ट्र राज्य का प्रशासनिक प्रादुर्भाव हुआ था। यह राज्य आसपास के मराठी भाषी क्षेत्रों को मिलाकर बनाया गया, जोकि पहले चार अलग-अलग प्रशासनों के नियंत्रण में थे। इनमें मूल ब्रिटिश मुंबई प्रांत में शामिल दमन और गोवा के बीच का जिला, हैदराबाद के निजाम की रियासत के पांच जिले, मध्य प्रांत (मध्य प्रदेश) के दक्षिण आठ जिले तथा आसपास की ऐसी अनेक छोटी-छोटी रियासतें शामिल थीं, जो समीपवर्ती जिलों में मिल गईं थीं। महाराष्ट्र प्रायद्वीपीय भारत के उत्तर में बसा हुआ है और भौगोलिक दृष्टि से एक समान है। यहां का मुंबई बंदरगाह अरब सागर का एक महत्वपूर्ण बंदरगाह है। भौतिक दृष्टि से यह राज्य मुख्यतः पठारी है। महाराष्ट्र पठारों का पठार है। इसके उठे हुए पश्चिमी किनारे सह्याद्रि पहाड़ियों का निर्माण करते हैं और समुद्र तट के समानांतर हैं तथा इसकी ढलान पूर्व तथा दक्षिण-पूर्व की ओर धीरे-धीरे बढ़ती है। राज्य के उत्तरी भाग में सतपुड़ा की पहाड़ियां हैं, जबकि अजंता तथा सतमाला पहाड़ियां राज्य के मध्य भाग से होकर जाती हैं। अरब सागर महाराष्ट्र

महाराष्ट्र से वापस लौट सकेंगे प्रवासी मजदूर,डीएम की अनुमति होगी जरूरी

मुंबई। लॉकडाउन की वजह से देशभर में लॉकडाउन लागू है. अलग-अलग राज्यों के मजदूर और लोग दूसरे राज्यों में फंस गए हैं. महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख गुरुवार को कहा कि प्रवासी और अन्य फंसे हुए लोग अपने-अपने राज्यों में जिला मजिस्ट्रेट की अनुमति के बाद वापस लौट जाएंगे. जिला मजिस्ट्रेट ही प्रवासी मजदूरों को वापस भेजने के लिए नोडल अधिकारी की भूमिका में होंगे. लोगों को नाम, मोबाइल नंबर, गाड़ियों का विवरण(अगर हो तो), राज्य में अकेले हैं या साथ में हैं, इन सबका क्रमवार ब्यौरा देना होगा. महाराष्ट्र में लॉकडाउन की घोषणा के बाद लगभग 6 लाख मजदूर फंसे हैं. ये मजदूर बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और ओडिशा के हैं. इस वक्त इन मजदूरों के रहने-खाने की जिम्मेदारी महाराष्ट्र सरकार पर है. हालांकि कुछ मजदूर अपने गृह राज्य जाने की मांग कर रहे हैं. अब गृह मंत्रालय की ओर से जारी नई गाइडलाइन के मुताबिक मजदूर अपने राज्यों को लौट सकेंगे. राज्य इसके लिए तैयारी कर रहे हैं. दरअसल बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र जैसे कुछ राज्यों की मांग के बाद गृह मंत्रालय ने अलग-अलग स्थानों पर फंसे हुए प्रवासी मजदूरों, लोगों और